अन्ना के आंदोलन से इंडिया टीवी का बैंड बजा, रिपोर्टरों को नोटिस

: चिटफंडियों, बिल्डरों, दलालों, सरकार समर्थकों, नान-न्यूज वालों के न्यूज चैनल धड़ाम हुए : खिसियाये इंडिया टीवी प्रबंधन ने अपने रिपोर्टरों पर निकाली भड़ास : अन्ना हजारे के समर्थन में जिस तरह पूरा देश उठ खड़ा हुआ है, उससे न्यूज चैनलों पर दबाव बहुत बढ़ गया है. कामेडी, भूत प्रेत, अंधविश्वास, अपराध, चिरकुटई आदि दिखाने का वक्त नहीं है. शुद्ध हार्ड न्यूज पर खेलने का दौर है.

बेबस-लाचार नहीं, गर्व से भरे थे अजीत अंजुम

पिछले दिनों भड़ास4मीडिया पर एक खबर ”अनुराधा चला चुकीं चैनल, न्यूज24 फिर अजीत अंजुम के हवाले” का प्रकाशन किया गया. इस खबर पर किसी अनिल पांडेय ने एक तीखी टिप्पणी अजीत अंजुम को लेकर की. आज उस टिप्पणी का जवाब जनसत्ता अखबार में काम कर चुके और वर्तमान में अनुवाद का उद्यम कर रहे संजय कुमार सिंह ने लिखकर भेजा. दोनों टिप्पणियों को अलग पोस्ट के रूप में यहां प्रकाशित किया जा रहा है.

अनुराधा चला चुकीं चैनल, न्यूज24 फिर अजीत अंजुम के हवाले

न्यूज24 के नाटक का अंत हो गया. दर्जनों पत्रकारों के करियर का नाश करने के बाद न्यूज24 प्रबंधन अंततः अपनी औकात में आ गया. कई जूनियर व कुछ सीनियरों की छोटी सी टीम के जरिए संचालित हो रहे न्यूज24 की कमान फिर से अजीत अंजुम के हाथ सौंप दी गई है. इस संबंध में आंतरिक मेल जारी कर दिया गया है. बीच में अजीत अंजुम को चैनल की जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया गया था और चैनल की पूरी कमान सुप्रिय प्रसाद को सौंप दी गई थी.

अन्ना की मुहिम को पंक्चर करने में लगे हैं इंडियन एक्सप्रेस और शेखर गुप्ता

Ajit Anjum : इंडियन एक्सप्रेस पहले दिन से अन्ना की मुहिम को पंक्चर करने में जुटा है. आज तो शेखर गुप्ता ने भी 4-5 हजार शब्दों का लेख लिख मारा है. अन्ना की टीम के खिलाफ भ्रष्ट नेताओं की जमात एकजुट हो गई है. कांग्रेस अन्ना के आंदोलन को डिरेल करने के खेल में लगी है और एक्सप्रेस उसके एजेंडे को डिजायन कर रहा है. नेताओं के गेम प्लान के बारे में कुछ नहीं छाप रहा है. ऐसा क्यों?

फेसबुक पर दिलीप मंडल पर बरसे अजीत अंजुम

दिलीप मंडल आपको अक्सर ‘दलित दलित’ करते मिल जाएंगे, यहां वहां जहां तहां. फेसबुक पर भी. हर चीज में ‘दलित एंगल’ तलाशेंगे. हर चीज पर ‘शक’ करेंगे. और ये करना कतई गलत काम भी नहीं है. शक करने का एक पूरा दर्शन है जो कहता है कि हर चीज पर शक करो. इस लोकतंत्र में हर किसी को कोई दर्शन मानने-जानने की छूट है. दिलीप जी अगर हर चीज पर शक करते हैं तो उससे एक अच्छी चीज ये हो रही है कि कम से कम कोई आंख मूंद कर भरोसा तो नहीं करेगा और आंख मूंद कर हम सभी ने जब जब जिस पर भरोसा किया, वो दिल तोड़ गया.

अजीत अंजुम ग्रुप एडिटोरियल डायरेक्टर बनाए गए

वरिष्ठ पत्रकार और टीवी पत्रकारिता के चर्चित नाम अजीत अंजुम के बारे में खबर मिल रही है कि बीएजी प्रबंधन ने उन्हें प्रमोट करते हुए ग्रुप डायरेक्टर एडिटोरियल बना दिया है. अभी तक उनका पद न्यूज 24 का मैनेजिंग एडिटर का था.

इन्‍हें दिए गये रामनाथ गोयनका पुरस्‍कार

कल दिल्ली में एक भव्य समारोह में दर्जनों पत्रकारों को विभिन्न कैटगरियों में प्रतिष्ठित रामनाथ गोयनका एवार्ड प्रदान किए गए. जिन-जिन पत्रकारों को पुरस्कार दिए गए उनके व उनके संस्थान का नाम, जिस कैटगरी में एवार्ड दिए गए, उसका नाम, इस प्रकार है-

गीताश्री को भी रामनाथ गोयनका एवार्ड

गीताश्री: इस तरह, पति-पत्नी दोनों को गोयनका एवार्ड मिला : वरिष्ठ पत्रकार और बैग नेटवर्क के मैनेजिंग एडिटर अजीत अंजुम को गोयनका एवार्ड मिलने की खबर तो पहले ही भड़ास4मीडिया पर प्रकाशित किया जा चुका है लेकिन नई सूचना ये है कि उनकी पत्नी और जानी-मानी महिला पत्रकार गीताश्री को भी रामनाथ गोयनका एवार्ड के लिए चुना गया है. उनके पति अजीत अंजुम को पोलिटिकल रिपोर्टिंग कैटगरी में इस साल का रामनाथ गोयनका एवार्ड दिया गया है. सूत्रों के मुताबिक गीता को हिंदी जर्नलिस्ट कैटगरी प्रिंट के लिए यह एवार्ड दिया जा रहा है. इसी कैटगरी के इलेक्ट्रानिक सेक्शन में अभिसार शर्मा को एवार्ड दिया जा रहा है. बताया जा रहा है कि गीताश्री की ह्यूमन ट्रैफिकिंग की रिपोर्ट पर उन्हें रामनाथ गोयनका एवार्ड दिया जा रहा है. गीताश्री इन दिनों आउटलुक हिंदी में असिस्टेंट एडिटर के रूप में कार्यरत हैं.

अजीत अंजुम व श्यामलाल को भी गोयनका

एक्सप्रेस वालों ने एवार्ड के लिए चयनित किए गए लोगों को चयन की सूचना तो दे दी है, पर सबके मुंह पर ताला भी लगा दिया है. मेल के जरिए कह रखा है कि 22 से पहले किसी को कुछ न बताना. इंबारगो. ऐसे में न कोई बधाई दे पा रहा है, न ले पा रहा है. सब कुछ आफ द रिकार्ड हो रहा है. भड़ास4मीडिया ने भी आफ द रिकार्ड तरीके से जानने की कोशिश की कि और ऐसे कौन लोग हैं, जिन्हें इस साल रामनाथ गोयनका एवार्ड किसी न किसी कैटगरी में मिला हो.

अजीत अंजुम के काम का दायरा बढ़ा!

सुप्रिय के हवाले न्यूज24 : नए प्रोजेक्ट्स पर जुटे अजीत : न्यूज24 और ई24 संचालित करने वाली कंपनी बैग फिल्म्स से खबर है कि न्यूज24 के मैनेजिंग एडिटर अजीत अंजुम के कार्य का दायरा अब बढ़ गया है. वे कंपनी के नए प्रोजेक्ट्स का काम देख रहे हैं और प्रोडक्शन हाउस समेत अन्य डिवीजन को नई ऊंचाई पर ले जाने में जुट गए हैं. इस कारण अजीत अंजुम अब न्यूज24 के रूटीन के कामकाज में कम इनवाल्व हो रहे हैं.

दिल्ली में वो चार ‘लड़कीबाज पत्रकार’ कौन हैं?

फेसबुक पर अजीत अंजुम

अजीत अंजुम ने अभी-अभी स्पष्ट किया है कि ये चार ‘लड़कीबाज’ लोग संपादक स्तर के नहीं हैं, पत्रकार हैं और न्यूज चैनलों में मध्यम स्तर पर कार्यरत हैं. अजीत अंजुम का कहना है कि ‘लड़कीबाज संपादक’ शब्द लिखे जाने से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि कास्टिंग काउच के आरोपी एडिटर रैंक के हैं जबकि ऐसा है नहीं. अजीत अंजुम के मुताबिक वे फेसबुक पर भी अपने स्टेटस में यह अपडेट डालने जा रहे हैं कि लड़की ने जो नाम बताए हैं, वे नाम संपादक स्तर के लोगों के नहीं है. वे मध्यम स्तर पर काम करने वाले पत्रकारों के नाम हैं. अजीत अंजुम द्वारा नई जानकारी देने के बाद अब इस खबर के शीर्षक में ‘लड़कीबाज संपादक’ हटाकर उसकी जगह ‘लड़कीबाज पत्रकार’ लिखा जा रहा है. -एडिटर

दम मारो दम और महाकुंभ में अजीत अंजुम

न्यूज 24 के मैनेजिंग एडिटर अजीत अंजुम पिछले दिनों हरिद्वार गए. महाकुंभ में शरीक होने. वे शरीक हुए तो पूरी आत्मा से हुए. गाजा-चिलम कभी पकड़ा नहीं, पिया नहीं पर वहां बाबाओं की कशबाजी देख उनका भी मन डोल गया. उन्होंने एक बाबा को पकड़ा और चिलम दर्शन को सैद्धांतिक तौर पर जानने-बूझने का प्रयास किया. पर सिद्धांत से दुनिया कहां समझ में आती है. उन्होंने प्रैक्टिकल की भी तैयारी कर दी.

अभिशाप है टीआरपी : अजीत अंजुम

[caption id="attachment_16689" align="alignleft"]अजीत अंजुमअजीत अंजुम[/caption]टीवी एडिटर्स टीआरपी के कारण टीवी पत्रकारिता में आई गंदगी के खिलाफ मुखर हो रहे हैं। आज आशुतोष ने टीआरपी के खिलाफ जो कुछ कहा है, उसका हर तरफ स्वागत किया जा रहा है। कुछ इसी अंदाज में अजीत अंजुम भी टीआरपी के खिलाफ कंपेन चला रहे हैं। पिछले कुछ महीनों से वे टीआरपी के खिलाफ जगह-जगह बोल रहे हैं। फेसबुक पर अजीत अंजुम टीआरपी के विरोध में अपनी राय व्यक्त करने के साथ-साथ लोगों से भी कमेंट आमंत्रित करते रहते हैं। पिछले दिनों आईबीएन7 पर संदीप चौधरी के मुद्दा नामक कार्यक्रम में, जिसका विषय था- खबर या तमाशा, अजीत अंजुम ने टीआरपी को टीवी न्यूज चैनलों के लिए और हिंदी पत्रकारिता के लिए अभिशाप करार दिया था। न्यूज 24 के मैनेजिंग एडिटर अजीत अंजुम से भड़ास4मीडिया ने इस बारे में बात की।

मैं किसी का आदमी नहीं, मेरा कोई नहीं, मैं निर्गुट हूं

अजीत अंजुमहमारा हीरोअजीत अंजुम : मैनेजिंग एडीटर, न्यूज 24 :

”हां, मैं थोड़ा एरोगेंट, शार्ट टेंपर्ड हूं  : असलियत सिर्फ वही नहीं जो सामने है :  सरकार तो चाह रही कि सारे चैनल दूरदर्शन बन जाएं : लोकसभा टीवी पर देश की सबसे ज्यादा चिंता की जाती है पर उसे कितने लोग देखते हैं :  मैं मैनेजर नहीं, प्रोड्यूसर हूं : दिमाग में टीआरपी, दिल में देश और समाज है :