अरविंद कुमार सिंह की नई किताब : डाक टिकटों में भारत दर्शन

अरविंद जीडाक व्यवस्था पर पुस्तक लिख कर चर्चा में आए वरिष्ठ पत्रकार और रेल मंत्रालय (रेलवे बोर्ड) में परामर्शदाता अरविंद कुमार सिंह की एक और नई पुस्तक प्रकाशित हो गयी है। इस पुस्तक का नाम है- ‘डाक टिकटों में भारत दर्शन’ और इसका प्रकाशन किया है, नेशनल बुक ट्रस्ट इंडिया (भारत सरकार) ने। बड़े आकार में 228 पृष्ठों की इस रंगीन पुस्तक का मूल्य 300 रुपए है।

इंटर्नशिप के लिए सीएम, नौकरी के लिए पीएम

आशीष: गांधी की पत्रकारिता आउटडेटेड हो गई है : आदेश ने छह साल पहले गुरु तेग बहादुर खालसा कॉलेज में दाखिला लिया था। वह आने वाले दस साल में खुद को प्रभु चावला, आशुतोष, दीपक चौरसिया के आस-पास देख रहा था। गौरतलब है कि इनमें एक भी पत्रकार प्रिंट के नहीं हैं। वैसे आदेश को जल्द ही यह बात समझ आ गई कि यह क्षेत्र उसके लिए नहीं है। तकरीबन दो साल पहले उसने पत्रकारिता को तौबा कर एक आयुर्वेदिक कंपनी के दवा बेचने का काम शुरु किया। इस काम से आदेश बीस-बाइस हजार रुपए हर महीने कमा लेता है।

अरविंद को महाश्वेता देवी ने दी बधाई

महाश्वेता देवी का हिंदुस्तान में प्रकाशित स्तंभअरविंद कुमार सिंह वरिष्ठ पत्रकार हैं और इन दिनों भारतीय रेल मंत्रालय की मैग्जीन ‘भारतीय रेल’ के संपादकीय सलाहकार के रूप में दिल्ली में कार्यरत हैं। अरविंद ‘भारतीय डाक : सदियों का सफरनामा’ नामक जिस किताब के लेखक हैं, उसकी चर्चा आज मशहूर लेखिका और सोशल एक्टिविस्ट महाश्वेता देवी ने की है। महाश्वेता देवी हिंदुस्तान अखबार में प्रत्येक रविवार को परख नामक कालम लिखती हैं। उनका लिखा यह कालम आनंद बाजार पत्रिका भी बांग्ला में प्रकाशित करता है। आज के कालम में महाश्वेता देवी ने अरविंद कुमार सिंह को भारतीय डाक, चिट्ठियों के इतिहास, डाकियों पर केंद्रित किताब लिखने के लिए बधाई दी है। साथ ही, पत्रों के घटते चलन को एक गंभीर सांस्कृतिक खतरा बताया है।

अरविंद कुमार सिंह ‘भारतीय रेल’ के संपादक बने

Arvind Kumar Singhवरिष्ठ पत्रकार अरविंद कुमार सिंह ने हरिभूमि अखबार को अलविदा कह दिया है। उन्होंने नई पारी रेल मंत्रालय के साथ शुरू की है। वे मंत्रालय की मैग्जीन ‘भारतीय रेल’ के संपादक बन गए हैं। वैसे तो अरविंद की नियुक्ति रेल मंत्रालय के परामर्शदाता के रूप में हुई है लेकिन उन्हें दायित्व ‘भारतीय रेल’ के संपादक का दिया गया है। रेल भवन स्थित कमरा नंबर 309 में अरविंद ने अपना नया काम संभाल लिया है। अरविंद कुमार सिंह इससे पहले हरिभूमि, दिल्ली के स्थानीय संपादक के रूप में काम देख रहे थे।

अरविंद कुमार सिंह हिंदी सेवी सम्मान से सम्मानित

वरिष्ठ पत्रकार अरविंद कुमार सिंह को इंडियन फारमर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड (इफको) की तरफ से वर्ष 2008 के हिंदी सेवी सम्मान से सम्मानित किया गया है। इफको द्वारा 17-18 नवंबर को दिल्ली में आयोजित हिंदी सम्मेलन के दौरान यह सम्मान अरविंद कुमार सिंह के अलावा डा. जे लक्ष्मी रेड्डी को भी दिया गया। एस सुब्रह्मण्यम और विकास नारायण राय को इफको राजभाषा सम्मान प्रदान किया गया। अरविंद को यह सम्मान राष्ट्र भाषा हिंदी के प्रति उनके विशेष लगाव, प्रेम एवं समर्पण को देखते हुए दिया गया है। उल्लेखनीय है कि अरविंद द्वारा लिखित ‘भारतीय डाक- सदियों का सफरनामा’ किताब का प्रकाशन नेशनल बुक ट्रस्ट (एनबीटी) ने किया है। हिंदी में लिखी गई इस किताब का अंग्रेजी समेत कई भारतीय भाषाओं में अनुवाद किया जा चुका है।

अरविंद की किताब के पाठ 8वीं के बच्चे पढ़ेंगे

Arvind Kumar Singhदैनिक हरिभूमि,  दिल्ली के स्थानीय संपादक अरविंद कुमार सिंह द्वारा लिखित और नेशनल बुक ट्रस्ट द्वारा प्रकाशित किताब भारतीय डाक के एक खंड चिट्ठियों की अनूठी दुनिया को राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने आठवीं क्लास की हिंदी टेक्स्ट बुक वसंत-3 में शामिल किया है। भारतीय डाक पर अरविंद कुमार सिंह द्वारा लंबे शोध के बाद लिखी गई किताब को अब एनबीटी द्वारा अंग्रेजी समेत कई भाषाओं में अनूदित कर प्रकाशित किया जा रहा है।