बिहार चुनाव में सत्तारूढ़ गठबंधन की ऐतिहासिक विजय ने पेड न्यूज़ के कारोबार और चुनाव पर उसके प्रभाव से लोगों का ध्यान हटा दिया है। लगता है कि सब कुछ ठीक-ठाक संपन्न हो गया है और अब इस बात की ज़रूरत नहीं है कि पेड न्यूज़ और मीडिया की भूमिका की पड़ताल की जाए। मगर इसकी ज़रूरत है, क्योंकि तभी पता चलेगा कि बिहार के चुनाव कितने निष्पक्ष हुए और धन के बल पर मीडिया का किसने कैसा इस्तेमाल किया गया।
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आधी आबादी की आवाज पहचानने में चूके लालू
: डॉ. लोहिया कहते थे, ‘जो बोलेगा और डोलेगा, वो आगे जाएगा’, नीतीश ने इस सूत्र-वाक्य पर अमल किया : बिहार के चुनावी नतीजों के प्रमुख कारकों में प्रदेश की आधी आबादी यानी महिला तबके की जागृति, उनका अपूर्व उत्साह और चुनाव में बढ़-चढकर उनकी हिस्सेदारी रही. लेकिन बहुतों ने इस नए माहौल की या तो अनदेखी की या जान-बूझकर इसे झुठलाने की कोशिश. तभी तो दीवारों पर लिखी इस इबारत को समझने में वे चूक गए. उदाहरण के तौर पर बूथों के बाहर महिला वोटरों की लंबी-लंबी कतारों के बारे में मतगणना से एक दिन पूर्व जब लालू यादव से पूछा गया तो उन्होंने ऐसी किसी महिला जागृति की बात या फिर उनकी किसी उत्साही शिरकत को सिरे से ही खारिज कर दिया. तभी लालू ने ये भी कहा, ‘अरे राबड़ी देवी वहीं न वोट देंगी, जहां हम कहेंगे. इसमें नया क्या है?… यही पूरे बिहार में होता है, रिजल्ट आएगा तो सब मीडिया वालों को पता चल जाएगा…’.
बिहार चुनाव : पिक्चर अभी बाकी है दोस्तों
“विकास की जय”… “काम का इनाम”… “फलां ने फलां को नेस्तनाबूद कर दिया”… “फलां को अंत”… आज सुबह जो भी अखबार देख रहा था तो इसी तरह की खबरें दिख रही थीं. हिंदी ही नहीं, अंग्रेजी अखबारों में भी और मराठी, पंजाबी के अखबारों में भी. बल्कि कल से ही य बातें सारे टीवी चीख-चीख कर कह रहे हैं और राजनैतिक विश्लेषक भी यही बात कर रहे हैं. इस रूप में मुझे एक बात जो पत्रकारों की विचित्र सी लगती है वह है अंतिम सत्य का उदबोधन.
बिहार के चार पत्रकार एक पार्टी के पेरोल पर हैं : लालू
लालू यादव बेहद नाराज हैं. मीडिया से. सारे मीडिया वाले नीतीश को ही फिर से मुख्यमंत्री जो बनाए दे रहे हैं. लालू का कहना है कि लालच के खेल में इस बार लोकल मीडिया के साथ नेशनल मीडिया के लोग भी शामिल रहे. लालू दावे से कहते हैं कि बिहार के चार पत्रकार, जो प्रिंट मीडिया में कार्यरत हैं, राज्यसभा का सदस्य बनने के लालच में एक विशेष दल के लिए काम कर रहे थे. राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने बिहार विधानसभा चुनाव में दो तिहाई बहुमत हासिल करने का दावा किया. उन्होंने कहा कि चुनाव बाद सर्वेक्षण के आधार पर उन्हें सत्ता की दौड़ से बाहर दिखाने वाले मीडिया से लोगों का 24 नवम्बर को चुनाव परिणाम आने के बाद विश्वास उठ जायेगा.
पतन-प्रहसन : नत्था लाइव इंडिया सुधीर चौधरी
[caption id="attachment_18365" align="alignleft" width="148"]अरुण जेटली से सवाल पूछता नत्था[/caption]यह मीडिया का पतन – प्रहसन काल है. पतन – प्रहसन अपने अंजाम तक नहीं पहुंचे हैं, इसलिए कई लोग आशंकित-अचंभित होते रहते हैं, पतन-प्रहसन के नए-नए तौर-तरीके देखकर. लाइव इंडिया नाम से एक न्यूज चैनल है. पहले जनमत नाम था. तब उसके मालिक कोई और थे. अब कोई और हो गए हैं.
न्यूज चैनलों और अखबारों का नीतीशीकरण
बिहार में होने वाले विधान सभाचुनाव का परिणाम भले ही 24 नवम्बर को आने वाला हो, मगर मीडिया के सबसे ताकतवर माने जाने वाले इलेक्ट्रानिक चैनलों ने तो हद ही कर दी है. आखिर अभी पहले चरणों का चुनाव भी नहीं हुआ है और देश के सबसे ताकतवर माने जाने वाले स्तम्भ ने तो नीतीश को मानो दुबारा मुख्यमंत्री बना ही दिया है. आखिर मीडिया क्या साबित कर रही है? आखिर खुद को सबसे अव्वल कहने वाले समाचार चैनल स्टार न्यूज़ को ये क्या हो गया है?
बिहार चुनाव : सीएनईबी के सर्वे में भी नीतीश कुमार बने मुख्यमंत्री
देश के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल सीएनईबी और न्यूजपोल ने एक साथ आगामी बिहार विधानसभा चुनाव पर एक सर्वे कराया, और इस सर्वे में जो तथ्य निकलकर आए, वो वाकई चौंकाने वाले थे। सबसे बड़ी बात जो इस सर्वे में उभर कर सामने आई, वो ये थी, कि सबसे अधिक लोगों ने एक बार फिर बिहार की कमान नीतीश कुमार को सौंपने की राय दी। सर्वे में 58.7 फीसदी लोगों ने नीतीश कुमार को पसंद किया, जबकि बाकी के नेता उनसे काफी पीछे नजर आए।
स्टार न्यूज भी नीतीश को फिर बना रहा सीएम
: बिहार विधानसभा चुनाव 2010 – स्टार न्यूज-नीलसन ओपिनियन पोल : जेडी(यू)-बीजेपी गठबंधन की होगी वापसी : कॉंग्रेस को वोट प्रतिशत के लिहाज से सबसे ज्यादा लाभ : लालू-रामविलास की जोड़ी का जनाधार खिसका : जेडी(यू)-बीजेपी – 170 : आरजेडी-एलजेपी – 34 : कॉंग्रेस – 22 : बिहार विधानसभा चुनाव 2010 के लिये स्टार न्यूज और नीलसन के ओपिनियन पोल के मुताबिक नीतीश कुमार की अगुवाई वाले जेडी(यू)-बीजेपी गठबंधन को इस बार भी बहुमत हासिल होने जा रहा है। पोल के मुताबिक 243 सदस्यों वाली बिहार विधानसभा में जेडी(यू) और बीजेपी के गठबंधन को 170 सीटें मिलेंगी। इसके मुताबिक आगामी चुनाव में आरजेडी और एलजेपी को घाटा होने जा रहा है। आरजेडी-एलजेपी गठबंधन को केवल 34 सीटें मिलने का अनुमान है। वहीं पोल के नतीजों में बिहार चुनाव में पूरी जोर आजमाइश में जुटी कॉंग्रेस को 22 सीटें मिलेंगी।
सहारा ने नीतीश को फिर बिहार का सीएम बनाया
: बिहार चुनाव पर सहारा के सर्वेक्षण के नतीजे : नई दिल्ली : सहारा के बिहार चुनाव सर्वेक्षण में नीतीश फिर सीएम बन रहे हैं. 21,357 लोगों के बीच हुए सर्वे में सवाल पूछा गया कि आपकी नजर में कौन बिहार का सीएम बनने लायक है. इसमें 14,007 लोग जिन्हें 65.58 फीसदी कहा जाएगा, ने जवाब दिया कि नीतीश कुमार. 3732 लोगों ने (17.47%) लालू का नाम लिया.
पैसे मांगने वाले पत्रकारों की शिकायत करेंगे नेता
पटना में सभी दलों के नेताओं ने एक संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में पेड न्यूज के खिलाफ खुलकर आवाज उठाई. इन लोगों ने संकल्प लिया कि वे घोषित या दबे-छिपे किसी भी रूप में खबरों के व्यापार में शामिल नहीं होंगे. नेताओं की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति इस प्रकार है- ”हम सभी राजनीतिक एक स्वर में पेड न्यूज़ (ख़बरों की ख़रीद-बिक्री) का विरोध करते हैं। हम मानते हैं कि पेड न्यूज़ के कारोबार ने हाल के वर्षों में विकराल रूप धारण कर लिया है और ये समूची लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए ख़तरा बनता जा रहा है। चुनाव के समय ये प्रवृत्ति ख़ास तौर पर सबसे विकृत रूप में सामने आती है जब कुछ मीडिया संस्थान कई तरह से दबाव बनाकर धन वसूली करने लगते हैं। इससे चुनावी प्रक्रिया बुरी तरह प्रभावित होती है, क्योंकि जो प्रत्याशी या दल धन नहीं देते उन्हें या तो वाजिब कवरेज से भी वंचित कर दिया जाता है या फिर उनके विरूद्ध अनर्गल प्रचार शुरू कर दिया जाता है। पेड न्यूज़ की वजह से चुनाव में धनबल का प्रभाव भी बढ़ता है जो कि निष्पक्ष चुनाव की भावना के ख़िलाफ़ है। पेड न्यूज़ को रोकने के लिए चुनाव आयोग द्वारा उठाए गए क़दमों का हम सभी दल स्वागत करते हैं। हम वचन देते हैं कि इस मामले में उसे हमसे जिस तरह के सहयोग की आवश्यकता होगी हम देंगे।
पूरे चुनाव में तीन-चार पेटी दे दोगे न
[caption id="attachment_18213" align="alignleft" width="94"]आयुष कुमार[/caption]: एक तड़पते और बेबस रिपोर्टर की दास्तान : बिहार विधानसभा चुनाव की तारीख ज्यों-ज्यों नजदीक आ रही है, त्यों -त्यों बिहार में न्यूज़ चैनलों की भरमार भी बढती जा रही है. यदि बात करूं मैं अपनी तो मैं वर्तमान में टी.वी.100 से जुड़ा हूँ. चूंकि यह चैनल उत्तराखंड का है इसलिए मैंने सोचा किसी बिहार-झरखंड से सम्बंधित चैनल या बिहार चुनाव पर खास नजर रखने वाले चैनल से जुड़ जाऊं. पिछले महीने मैंने ‘भड़ास4मीडिया’ पर टाइम टीवी का विज्ञापन देखा जिसके लोग बिहार चुनाव में बिहार के हरेक जिले से रिपोर्टर चाहते हैं. मैंने भी भड़ास पर बताये ई-मेल आईडी पर अपना बायोडाटा डाल दिया.