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कहिन

ये कविता मेरे तात (आलोक तोमर) को समर्पित है...तात आप अजीब सी हालत कर गए हैं... आपसे तमाम बार झगड़ा हुआ, बोलचाल भी बंद...

साहित्य

मेरी हालत इस वक़्त आलोक जी के लिए कुछ भी लिख पाने की नहीं है.... आश्चर्य है कि किस तरह इतना बोलने वाला एक...

कहिन

कुलपति का तुगलकी फरमान : भोपाल स्थित माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय इस मायने में अनूठा संस्थान रहा है कि एक तो ये अकेला...