सहारा में फिर होगी छंटनी?

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टीवी व इंटरनेट के 11 लोग प्रिंट में भेजे गए : सहारा मीडिया में फिर से छंटनी की तैयारी शुरू हो गई है. इसके तहत सहारा के नोएडा स्थित आफिस में टीवी और इंटरनेट सेक्शन में कार्यरत करीब 11 लोगों को प्रिंट सेक्शन में भेज दिया गया है. सूत्रों का कहना है कि प्रबंधन ने सहारा मीडिया के टीवी, प्रिंट व इंटरनेट सेक्शन में करीब तीन सौ से ज्यादा लोगों को ‘फालतू’ कैटगरी के तहत शिनाख्त की है.

प्रबंधन का मानना है कि ये वो लोग हैं जिनके संस्थान में रहने या न रहने से संस्थान की उत्पादकता और गुणवत्ता पर कोई खास असर नहीं पड़ने वाला है. पर इन लोगों की छुट्टी अचानक नहीं की जाएगी. इन्हें हाशिए पर डालते हुए इनसे काम लेना बंद कर दिया जाएगा और फिर धीरे से एक दिन इस्तीफा ले लिया जाएगा. ऐसा एकमुश्त छंटनी के कारण होने वाले हो-हल्ले से बचने के लिए किया जा रहा है.

सूत्रों का कहना है कि न्यूज डायरेक्टर उपेंद्र राय ने आय-व्यय की गणित को सुधारने पर जोर दिया है. इसी के तहत अनावश्यक खर्चों पर लगाम लगाई जा रही है. इस कड़ी में पता लगाया जा रहा है कि किस काम के लिए कितने लोगों की जरूरत है और कितने लोग काम कर रहे हैं. पिछले दिनों इसी के तहत सहारा समय में नेशनल और रीजनल चैनलों के अलग-अलग इनपुट, आउटपुट, एसाइनमेंट को मर्ज कर एक कर दिया गया. इस कारण दर्जनों लोग एक्स्ट्रा घोषित कर दिए गए और बाद में उनमें से कई लोगों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया.

सूत्र कहते हैं कि फर्स्ट राउंड में खर्चे घटाने की कवायद के बाद सेकेंड राउंड में सहारा मीडिया के एक्सपेंसन का काम शुरू होगा. चर्चा है कि कुछ नए चैनल लांच होंगे और अखबार के नए एडिशन शुरू किए जाएंगे. पर इस काम में अभी वक्त लग सकता है.

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Comments on “सहारा में फिर होगी छंटनी?

  • अतुल श्रीवास्‍तव says:

    सहारासमय एक प्रतिष्‍ठित मीडिया संस्‍थान है और इसका प्रिंट एडिशन यदि छत्‍तीसगढ से निकले तो छत्‍तीसगढ को एक अच्‍छी आवाज मिल सकती है। वैसे भी छत्‍तीसगढ को एक अच्‍छे अखबार कीजरूरत है। अखबार के लिए सहारा समय को छत्‍तीसगढ में टीम की दिक्‍कत नहीं आएगी। उसके पास वैसे भी अच्‍छी टीम है।

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  • अमित गर्ग. राजस्थान पत्रिका. बेंगलूरु says:

    70 के दशक में एक फिल्म आई थी, जिसका नाम था एक फूल दो माली। इस फिल्म में गायक-संगीतकार रवि का गाया एक गीत था, किस्मत के खेल निराले मेरे भैया, किस्मत का लिखा कौन टाले मेरे भैया जो आज भी लोगों की जुबान पर है। इस फिल्म की पंक्तियों के जो भाव हैं वे आज सहारा समूह पर सटीक बैठते हैं। एक तरफ तो सहारा में बड़े पत्रकारों की ताबड़तोड़ भर्तियां कराई जा रही हैं वहीं दूसरी ओर वर्तमान कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है। सहारा की लीला सहारा ही जाने। पता नहीं यह सहारा लोगों का सहारा बनेगा या उन्हें बेसहारा करेगा?

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  • सहारा मे जो आया है वो जायेगा जरुर ये परिवर्तन का नियम है कोई पहले जायेगा कोई बाद मे ,किसी का अपमान होगा तब जायेगा कोई समजदार है तो खुद ही interview दे केर कहीं निकल जायेगा …वैसे भी किसी संसथान मे जाएदा नहीं रहना चाहिए …इससे इन्सान मे जंक लग जाता है …..आपका दिन शुभ हो .

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  • Upendra rai ji editorial team sahi ho yahi aapse anurodh hai, unit launch hone se koi fark nahi parta. agar akhbar or editorial team achhi hoti to yah kahin bhi No. 2 par to hota. lekin ye to har jagah bus niche se no. 1 hai. Yahan ke 80% kartavyayogi to naukari karte hain or hitlarsahi stringaro or contractual staff par dikhate hain. Upendra rai ji increavment to unki huee jo bas naukari hean kiye thoda stringaro or contractual staff par bhi dhyan dijiye kyonki ye gaye to samajh lo akhbar gaya or akhbar gaya to aap? isiliye thoda kaam bhi kijiye “abhi bahut kaam karna hai” ka bahana achhi baat nahi. HAAN CHHATANI KE NAAM PAR EK BAAT [b]KYA SAHARA MEIN CONFIRM 300 HI STAFF HAI????????????[/b]

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  • rajdeep tomar says:

    Kamlakar ji
    Aap jo likh rahe hai ki sahara me chhatni ho chuki hai , vedprakash arya ji lohe ki dukan chalae vahi kafi hai , patrkarita ek alag subject hai.achhe logo ki bharti hona chahiye. jo achhi story kabar kare.

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  • …Aur is beech ek khabar yah bhi hai ki bahut jald sahara Kolkata se naya edition shuru karne jaa raha hai….?

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  • rajiv sharma says:

    Sahara Samay k MP channel se kai ferbadal ho gaye hai wahan k editor incharge ho editing se nikal kar internet portal me daal diya hai isse pahle mr naveen dobhal k saath bhi yahi hua thaa ab vibhor sharma k saath bhi yahi hua lekin samajhne wali baat ye hai ye dono sharabi no 1 the aur apane samay in logon ne apane hi staff par bahut zyaadtai ki hai vibhor ki samay se pahle hi bahut kuch mil gaya thaa suna wo bahut bada drinkar ho gaya hai dono kidny kharab ho gayee hai khai usse hume kya lena dena hai maza to tab aaya jab editing system se heard disk nikal kar gayab kar diya vibhor en aur naam lag gaya wahan k channel head ka ab mazedaar baat ye hai kya ek aadmi ke chakkar me channel itna bada risk kaise le sakta hai zaroor daal em kuch kala hai ya for poori daal hi…..

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