मध्य प्रदेश में स्थानीय समाचार चैनल तो हैं, लेकिन बेहाल हैं। दरअसल स्थानीय खबरों को ही अपनी खासियत मानने वाले इन चैनलों को नामी ब्रांड के मुहर वाले क्षेत्रीय खबरिया चैनलों से जबरदस्त टक्कर मिल रही है। नतीजा, उनकी माली हालत खस्ता हो रही है।
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अन्ना हजारे ने मीडियावालों से कहा ‘बाहर निकलो’
पूरा दिन अन्ना हजारे के कमरे से बाहर निकलने का इन्तजार करनेवाले मीडिया कर्मियों को स्वयं अन्ना हजारे ने हिंदी में कह दिया कि बाहर निकलो. शनिवार का दिन, सुबह के करीब 9 बजे होंगे, हेडलाइंस टुडे के राहुल कँवल और उनके साथियों ने अपना सेटअप लगाया अन्ना के कमरे में, जहां पर होनी थी सीधी बात. लेकिन जैसे ही यह खबर अन्ना के सहयोगी ने बाहर फैलाई वैसे ही स्टार न्यूज के साथ-साथ बाकी सभी चैनल के रिपोर्टर तिलमिला उठे.
बिना कमाएं भला क्या क्या दिखाएं!
तमाम खबरिया चैनलों का ध्यान अब पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और हिमाचल प्रदेश पर लग गया है। इसकी वजह से इन राज्यों में स्थानीय और क्षेत्रीय समाचार चैनलों की तादाद तेजी से बढ़ी है। इनमें केबल टीवी नेटवर्क के जरिये चलने वाले स्थानीय चैनल बिल्कुल अलग नजर आते हैं।
खतम होगी केबल ऑपरेटरों की मनमानी, सरकार ने डिजिटल अध्यायदेश को मंजूरी दी
भारत में सैटेलाइट टीवी दर्शकों और प्रसारकों को फ़ायदा पहुंचाने तथा टेलीविजन उद्योग को मजबूत बनाने वाले एक फ़ैसले के तहत केंद्र सरकार ने टीवी पर आने वाले कार्यक्रमों को डिजिटल स्वरुप में प्रसारित करने की अनुमति दे दी है. एक अध्यादेश के तहत देश में 20,000 करोड़ रुपये के इस उद्योग को 2014 तक डिजिटल स्वरूप प्रदान करने की मंजूरी दी गई है.
उच्च शिक्षा पर 50 चैनल शुरू करेगा मानव संसाधन विकास मंत्रालय
नई दिल्ली। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने 50 शैक्षणिक चैनल शुरू करने की योजना बनाई है जो उच्च शिक्षा के विभिन्न विषयों पर आधारित होंगे। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इस विषय पर हाल ही में अंतरिक्ष विभाग को पत्र लिखा है और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) को इसके लिए दो ट्रांसपोंडर प्रदान करने की मंजूरी देने का आग्रह किया है।
एक बैग, कई माइक आईडी, एक कैमरामैन, एक कम्प्यूटर और चल रहे हैं कई न्यूज चैनल
यशवंत जी, अजब हाल है सहारनपुर की इलेक्ट्रानिक मीडिया का। यहां कई न्यूज चैनल के पत्रकार मिलकर एक कैमरामैन रख लेते हैं और फ़िर मिलकर शुरू होता है खेल। क्योंकि फ़ील्ड में खबरों को कवर करने तो जाना नहीं पड़ता, उस काम के लिये तो एक कैमरामैन है। वह खबर कवर लायेगा। फ़िर उसको एक आफ़िस में बैठकर एडिट कर लिया जाता है। आफ़िस वाले पत्रकार उसे पहले अपने यहां भेज लेते हैं।
अब विज्ञापन से चांदी कूटेंगे टीवी चैनल और अखबार
नई दिल्ली। महंगाई और ऊंची ब्याज दरों के बावजूद कंपनियों ने हार नहीं मानी है और आगामी त्योहारी मौसम में अपने उत्पादों की बिक्री बढ़ाने के लिए कमर कस ली है। इस दौरान कंपनियों के विज्ञापन खर्च में 60 फीसद तक वृद्धि होने की उम्मीद है। ब्रांड संवर्धन, नई रियायतों की घोषणा और बढ़-चढ़कर प्रचार अभियान चलाकर कंपनियां इस त्योहारी मौसम में अपनी बिक्री बढ़ाने की तैयारी में हैं। भारतीय कंपनियों के सालाना विज्ञापन खर्च में 40 से 45 फीसद खर्च त्योहारी मौसम में ही होता है।
हिंसा, अश्लीलता दिखाने वाले चैनलों को मंत्रालय ने भेजा नोटिस
: न्यूज24, पी7 न्यूज समेत कई चैनल लपेटे में : सास-बहू के सीरियल, रियलिटी और क्राइम शो और न्यूज चैनलों पर महिलाओं के असम्मानजनक चित्रण करने वाले, चीख-चिल्लाहट, गाली-गलौज, अश्लीलता और हिंसा दिखाने वाले चैनलों पर सरकार सख्त हो गई है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने पी7 न्यूज, न्यूज24, सोनी टीवी समेत लगभग एक दर्जन चैनलों को नोटिस भेजा है।
सउदी के राजकुमार अगले साल लांच करेंगे अरबी न्यूज चैनल
Dubai : Saudi Arabia’s Prince Alwaleed bin Talal bin Abdulaziz Al-Saud will be launching a new 24-hour international Arabic news channel next year. The channel, to be managed by journalist Jamal Ahmad Khashoggi, will target Arabic-speaking viewers across the Arab world and beyond.
रालेगण सिद्धि में पत्रकारों में मारपीट, पीपली लाइव की यादें ताजा
अन्ना हजारे के गांव में रालेगण सिद्धि एक बार फिर पीपली लाइव बन गया है. अन्ना के इंटरव्यू को लेकर जमकर नूरा कुश्ती और बवाल हुआ है. अखबारों में नैतिकता पर लम्बे लम्बे भाषण ठेलने वाले राजदीप सरदेसाई के चैनल की हड़बड़ी के चलते रालेगण सिद्धि पत्रकारों के घमासान का मैदान बन गया है. यहां तमाम चैनलों के स्थानीय पत्रकार एक दूसरे की मां-बहन देखने पर उतारू हो गए. जमकर गाली-ग्लौज, कहासुनी, धक्का-मुक्की हुई. सब कुछ अन्ना के सामने हुआ. स्थानीय लोग भौचक्क हैं.
नेता खुश हुआ क्योंकि उसकी खींची लकीर पर मीडिया चल पड़ा
मीडिया न हो, तो अन्ना का आंदोलन क्या फ़ुस्स हो जायेगा. मीडिया न होता, तो क्या रामदेव की रामलीला पर सरकारी कहर सामने आ नही पाता. और, सरकार जो खेल महंगाई, भ्रष्टाचार या कालेधन को लेकर खेल रही है, वह खेल बिना मीडिया के सामने आ नहीं पाता. पर जो कुछ इस दौर में न्यूज चैनलों ने दिखाया और जिस तरह सरकार ने एक मोड़ पर आकर यह कह दिया कि अन्ना की टीम संसद के समानांतर सत्ता बनाना चाहती है…
मीडिया में प्रच्छन्न सवर्ण जातिवादी वर्चस्व है : एसपी सिंह
: एक पुराना इंटरव्यू : 27 जून को महान पत्रकार एसपी सिंह की 14वीं पुण्यतिथि है. कुछ ही दिनों में 27 जून आ जाएगा. एसपी की याद में हम यहां उनसे लिया गया आखिरी इंटरव्यू प्रकाशित कर रहे हैं. यह इंटरव्यू अजीत राय ने लिया. इसका प्रकाशन 15 जून 1997 को जनसत्ता में हुआ था.
सरकार ने चैनलों को ‘समझाया’, अन्ना का लाइव टेलीकास्ट बंद
: अपडेटेड : केंद्र सरकार अन्ना हजारे और बाबा रामदेव से डर गई है. इसी कारण इनकी आवाज दबाने और इन्हें निपटाने के लिए गैर लोकतांत्रिक तरीके अपनाए जा रहे हैं. पहले लाठी डंडों के जरिए रामदेव के भक्तों को दिल्ली से भगाया, अब रामदेव व अन्ना की आवाज जनता तक न पहुंचने देने की तैयारी की गई है. सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने न्यूज चैनलों को एक एडवायजरी भेज कर अन्ना हजारे और बाबा रामदेव के कार्यक्रमों की कवरेज में संयम बरतने की सलाह दी है.
अयोध्या कवरेज में आशुतोष ने मिसाल कायम की
: आइए, आईबीएन7 की इस पत्रकारिता का स्वागत करें : तारीख 30 सितम्बर 2010. टेलीविजन मीडिया के लिए एक इम्तिहान का दिन. आमतौर पर भारतीय टेलीविजन मीडिया अपनी अपरिपक्वता और जल्दबाजी के लिए कुख्यात है. परन्तु मामला इस बार बेहद संगीन और फिसलनदार. देश-विदेश के लाखों करोड़ो लोगों की नजर अपने टेलीविजन चैनल के स्क्रीन पर चस्पा थी.