आजाद के गौरी ने हड़पे मेरे 35,000 रुपये

[caption id="attachment_20576" align="alignleft" width="94"]मनीष दुबेमनीष दुबे[/caption]इस बात को शायद मैं कहता नहीं, या कह न पाता! पर इन दिनों थोडा परेशानी में हूँ, इस कारण दिल की टीस उभर कर जुबान पर आ गई! और भड़ास जैसा माध्यम हो, जिसने सबको अपनी बात रखने का जरिया और प्लेटफ़ॉर्म इजाद किया है, काबिले तारीफ़ है! इस घटनाक्रम को हुए अभी ज्यादा दिन नहीं बीते हैं!

27 दिन से बिजली-पानी को तरस रहा है एक पत्रकार का परिवार

: घर जाते हुए डर लगता है एक पत्रकार को : घपले-घोटाले की खबर लिखने की मिली सजा : तरह तरह से प्रताड़ित किए  जा रहे परिजन : hello, pl. find article, the case of a journalist who has been suffering just because he has raised his voice against corruption. i know azad khalid for last more than 10 years. he has been a fearless journalist.

पत्रकार पर हमला करने वाला डिप्टी एसपी गिरफ्तार

केरल के कोल्लम से खबर है कि दैनिक अखबार ‘मातृभूमि’ में काम करने वाले पत्रकार वीबी उन्नीथन पर हमले के आरोपी पुलिस अफसर को अरेस्ट कर लिया गया है. यह हमला उन्नीथन पर 16 अप्रैल को तब किया गया जब वह दफ्तर से घर लौट रहे थे. आरोपी हमलावर पुलिस अधिकारी का नाम संतोष एम. नैयर है. केरल के पुलिस उप महानिरीक्षक एस. श्रीजीत ने बताया कि 16 अप्रैल को पत्रकार पर हमला किए जाने के मामले में शामिल डिप्टी एसपी संतोष एम.नैयर को गिरफ्तार किया जा चुका है.

जीआरपी की पोलखोलने वाले अकेला को मिली जमानत

मुंबई से खबर है कि पत्रकार ताराकांत द्विवेदी अकेला को जमानत मिल गई है. रेलवे अदालत ने उन्हें दस हजार रुपए के निजी मुचलके पर जमानत दे दी. उन्हें सरकारी गोपनीयता कानून भंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. इस मामले में अदालत ने उन्हें 21 मई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया था. जीआरपी की इस मनमानी के खिलाफ मुंबई में पत्रकारों ने रैली निकाली थी और गृहमंत्री आरआर पाटील से मिलकर रोष व्यक्त किया था.

इन लेखों को पढ़कर कुछ सोचिए, कुछ कहिए

पुण्य प्रसून बाजपेयी और रवीश कुमार. ये दो ऐसे पत्रकार हैं जो मुद्दों के तह में जाकर सच को तलाशने की कोशिश करते हैं. इनके टीवी प्रोग्राम्स, लेखों के जरिए किसी मुद्दे के कई पक्ष जानने-समझने को मिलते हैं. आनंद प्रधान अपने लेखों के जरिए अपने समय के सबसे परेशानहाल लोगों की तरफ से आवाज उठाते हैं, सोचते हैं, लिखते हैं. तीनों का नाता मीडिया से है. पुण्य और रवीश टीवी जर्नलिज्म में सक्रिय हैं तो आनंद मीडिया शिक्षण में. इनके एक-एक लेख को उनके ब्लागों से साभार लेकर यहां प्रकाशित किया जा रहा है. -एडिटर

मुख्यमंत्री को ब्लैकमेल करने का आरोप! लखनवी पत्रकार बना उत्तराखंड पुलिस का शिकार

: उत्तराखंड सरकार की मीडिया को पालतू बनाने या परेशान करने की घटिया मानसिकता का विरोध करें : लखनऊ में लाइवन्यूज नाम से न्यूज एजेंसी चला रहे पत्रकार आसिफ अंसारी को उत्तारखंड की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. मिली जानकारी के मुताबिक आसिफ अंसारी पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को ब्लैकमेल करने का आरोप है.

बरखा गैंग अब आईआईएमसी के हाथों योगेश शीतल को निपटाने में जुटा

: आनंद प्रधान को एनडीटीवी की महिला पत्रकार ने निजी पत्र लिखा तो आनंद प्रधान ने शीतल को संस्थान की तरफ से सो-काज नोटिस थमा दिया : अन्ना हजारे के आंदोलन को सपोर्ट करने और भ्रष्टाचारियों को खेदड़ने का साहस रखने वाले इंडियन इंस्टीट्यूट आफ मास कम्युनिकेशन (आईआईएमसी) के छात्र योगेश कुमार शीतल की मुश्किलें दिन ब दिन बढ़ती जा रही हैं.

कई पत्रकारों की इच्छा- ये खबर भड़ास पर जरूर छापें

आमतौर पर हम लोग जिलों की इंटरनल मीडिया पालिटिक्स से बचते हैं. वजह यह कि हर जिले में कुछ महा भ्रष्ट पत्रकार होते हैं, कुछ भ्रष्ट पत्रकार होते हैं, कुछ कम भ्रष्ट पत्रकार होते हैं, कुछ अवसरवादी पत्रकार होते हैं, कुछेक संतुलित भ्रष्ट व संतुलित ईमानदार पत्रकार होते हैं, कुछ एक बेहद ईमानदार होते हैं और कई सारे मौका देखकर बेईमान और ईमानदार बनते-बदलते रहते हैं. इसी कारण हर जिले में पत्रकारों में आपस में टांग-खिंचव्वल होती रहती है.

पत्रकारों को ऐसे पीटते हैं यूपी के पुलिसवाले

मुरादाबाद में थाना मझोला की खुशहालपुर पुलिस चौकी में तैनात हैं दरोगा प्रेम प्रकाश. इनके साथ सिपाही देवदत्त और ब्रज पाल हर रोज सुबह रास्ते से गुजरने वाले छात्रों, व्यापारियों और इलाके में रहने वाले सभ्य लोगों से वाहन चेकिंग के नाम पर अवैध वसूली का धंधा करते हैं. घटना परसों की है. समय सुबह ग्याराह बजे.

पुलिस बर्बरता का शिकार पत्रकारिता का छात्र

: आंख में गंभीर चोट, पांच टांके लगे : दरोगा का बेटा होने के बावजूद नहीं बख्शा : देहरादून। मित्रता, सेवा, सुरक्षा को अपना मूल ध्येय और खुद को जन मित्र होने का दावा करने वाली उत्तराखंड पुलिस ने मंगलवार को इन वाक्यों के ठीक विपरीत आचरण करते हुए पत्रकारिता के एक छात्र के साथ जमकर बदसलूकी। एसपी सिटी देहरादून की गाडी पर सवार पुलिसकर्मियों ने उसे बेवजह रोक कर बेरहमी से पीटा। उसकी आंख पर गंभीर चोट आई और पांच टांके लगे हैं।  युवक का नाम संदीप सिंह धारीवाल है और वह राजधानी के मोहिनी रोड क्षेत्र का निवासी है। संदीप ने पुलिस कर्मियों पर आरोप लगाते हुए बताया कि पुलिस ने उसकी सोने की चेन और कुछ नगदी भी छीन ली। जब उसने घटना की सूचना अपने परिजनों को देने कि कोशिश की तो उसका मोबाइल भी छीनकर तोड़ दिया गया।

फोटोग्राफर राजीव यूपी पुलिस का नया शिकार

बदायूं से खबर है कि हिंदुस्तान अखबार के फोटोग्राफर राजीव कुमार को पुलिस वालों ने इसलिए पीट दिया क्योंकि वे पुलिस द्वारा खुलेआम प्रताड़ित किए जा रहे एक युवक की तस्वीर ले रहे थे. तस्वीर खींचते देख पुलिस वालों ने आपा खो दिया और राजीव को पीटना शुरू कर दिया. उत्तर प्रदेश में बेलगाम हो चुकी पुलिस आए दिन मीडिया वालों व उनके परिजनों पर हमले कर रहे हैं और उनके साथ अमानवीय व्यवहार कर प्रताड़ित कर रहे हैं.

नकारे जाने से बौखलाए हैं बुखारी जैसे लोग

कोई नेता पत्रकार पर हाथ तभी उठाता है जब उसकी हैसियत समाज में खत्म हो जाती है. अहमद बुखारी जिस तरह की राजनीति कर रहे हैं उसे इस देश के मुसलमानों ने नकार दिया है. इसी के परिणामस्वरूप आज बुखारी मारपीट पर उतर आये. इसकी जितनी भी निंदा की जाये कम है. सभ्य समाज में इस तरह की हिंसा का कोई मतलब नहीं है. अहमद बुखारी मुसलमानों को किस तरह गुमराह करने की कोशिश करते रहे हैं, यह सबको पता चल चुका है. अब मुसलमान उन्हें घास नहीं डाल रहा . बौखलाए बुखारी अब खबरों में बने रहने के लिए इस तरह की बदतमीजियों पर उतर आये हैं. दरसल बुखारी की पीड़ा भी जायज है. अयोध्या के फैसले के बाद भी देश में अमन चैन का माहौल रहना बुखारी और तोगड़िया जैसों को दुःख पहुंचाता ही है. अगर इस तरह का प्यार का वातावरण रहेगा तो इन लोगों को कौन पूछेगा.

वर्दी वाले इन गुंडों को औकात में कौन लाएगा

आरके गांधी: 15 जवानों ने पत्रकार वैभव और सुरेंद्र पर अपना ‘पौरुष’ दिखाया : सड़क-सड़क पर गिरा-गिरा कर बुरी तरह पीटा : ‘दबंग’ फिल्म देखकर निकल रहे कप्तान ने गार्ड को मरवा दिया :  छत्तीसगढ़ पुलिस की दबंगई बढ़ती जा रही है. एक महीने पहले ही बिलासपुर में एसपी की मौजदूगी में सिनेमाघर के गार्ड पर कहर बरपाने के बाद वर्दी के इन गुंडों ने भिलाई के पत्रकार को अपना निशाना बनाया. ईटीवी के संवाददाता वैभव पांडे और जी24 घंटे के कैमरामैन इस बार पुलिसिया दंबगई के शिकार बने. 15-15 पुलिसवालों ने मिलकर लात-घूसे और लाठी-डंडों से पत्रकारों को पिटा. ईटीवी के संवाददाता पर पुलिसिया कहर इस तरह बरपी की वह इस समय भिलाई के एक निजी अस्पताल में भर्ती है. उसके दोनों हाथ और पैरों में गंभीर चोटें आई हैं. पुलिसवालों की इस दबंगई के बाद भी किसी भी जिम्मेदार अधिकारी ने इस बारे में कुछ खास चिंता नहीं जताई है.

पांच पत्रकारों को 11 दिन रखा जेल में

छोटे व दूरस्थ जिलों में तो बहुत बुरा हाल है पत्रकारों का. भड़ास4मीडिया के पास एक छोटी सी चिट्ठी आई है जिसमें एक चौंकाने वाले घटनाक्रम का जिक्र किया गया है. मध्य प्रदेश के सिवनी जिले से खबर है कि वहां के पुलिस अधीक्षक ने अयोध्या मामले में जिले के पांच पत्रकारों को घरों से सोते हुए उठा कर गिरफ्तार कर लिया और ग्यारह दिनों तक जेल में रखा. धारा 151 में इन पत्रकारों को चोर और उचक्कों के साथ जेल में रखा गया.

सहारा समय के स्ट्रिंगर के साथ क्या हो गया!

: खबर दिखाने से खफा एसडीओ ने मकान तुड़वाया, जेल भिजवाया : अभी-अभी एक मेल के जरिए सूचना मिली है कि सहारा समय, राजस्थान के एक स्ट्रिंगर अनिल ऐरन एक खबर दिखाने के कारण प्रशासनिक तंत्र की बर्बर प्रताड़ना के शिकार हुए. मेल में जो कुछ बातें कही गई हैं, वो इस प्रकार है… ”खबर का असर तो आपने कई बार देखा होगा लेकिन राजस्थान में सहारा समय के स्ट्रिंगर की खबर का विपरीत असर हुआ. इस खबर के कारण एसडीओ टीना सोनी ने अनिल एरन का जीना दूभर कर दिया है. अनिल का मकान तो तुड़वाया ही, साथ ही धारा 151 में पाँच दिन जेल में रखवाया. ऐसा किसी स्ट्रिंगर के साथ शायद आजाद भारत के इतिहास में पहली बार हुआ होगा. इतना ही नहीं, 307 में अनिल, उसके कैमरामैन और भाई को भी झूठे केस में फंसा दिया. अब अनिल न्याय के लिए दर-दर भटक रहा है.”

पुलिस ने फोटोग्राफर का हाथ और कैमरा तोड़ा

दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर पत्रकार आईजी से मिले : फरीदाबाद में संजय कालोनी पुलिस चौकी के सामने हुई पथराव-हिंसा की घटना में पुलिस लाठीचार्ज में गंभीर रूप से घायल हुए प्रेस फोटोग्राफर नवीन शर्मा के मामले में हरियाणा पत्रकार संघ के बैनर तले पत्रकारों का प्रतिनिधिमंडल आईजी पीके अग्रवाल से मिला। पत्रकारों ने नवीन शर्मा की बर्बरतापूर्वक पिटाई करने के आरोपी पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठाई। प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई जिला प्रधान नवीन धमीजा ने की। ज्ञात रहे कि गौच्छी गांव के लोगों ने पिछले दिनों संजय कालोनी पुलिस चौकी पर एक युवक की पिटाई के मामले में कार्रवाई न होने पर जमकर हंगामा किया था।

उत्पीड़ित पत्रकार की राज्यपाल से गुहार

सुनील यादवछोटे जगहों पर किस तरह ईमानदार पत्रकारों को पुलिस और अपराधियों के गठजोड़ का सामना करना पड़ता है, भय और आतंक में जीना पड़ता है, जान के खतरे का सामना करना पड़ता है, कदम-कदम पर नापाक गठजोड़ की साजिशों से दो-चार होना पड़ता है, इसका गवाह है सुनील यादव प्रकरण। एटा के इस साहसी पत्रकार ने बसपा नेताओं के काले कारनामों की पोल क्या खोली, सत्ताधारी पार्टी के छुटभैयों ने पुलिस से मिलीभगत कर पत्रकार सुनील यादव को सबक सिखाने का इरादा बना लिया। किस तरह सुनील यादव को प्रताड़ित व अपमानित किया गया, इसकी बानगी सुनील ने उत्तर प्रदेश के राज्यपाल को लिखे पत्र में पेश की है। तत्कालीन एसएसपी सत्येंद्रवीर सिंह की भूमिका इस प्रकरण में बेहद निराशाजनक और मीडिया विरोधी रही। सुनील के साथ जो कुछ हुआ, उसके कारण एटा, इटावा, मैनपुरी और फिरोजाबाद के पत्रकार गुस्से में हैं। इटावा प्रेस क्लब के महामंत्री विशुन कुमार ने पत्रकार सुनील यादव के उत्पीड़न के लिये राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। तो आइए, सुनील यादव की दास्तान पढ़ते हैं, उन्हीं की जुबानी, जो उन्होंने पत्र के जरिए प्रदेश के राज्यपाल को भेजा है-