कहिन भ्रष्टाचारियों की बेचैनी और षडयंत्र यह अचरज नहीं है कि भ्रष्टाचारियों ने अन्ना हजारे पर एक साथ हमला कर दिया है। उन पर तरह- तरह के आरोप लगाए जा... B4MApril 21, 2011
कहिन जज ज्ञान सुधा की टिप्पणी पर हंगामा क्यों! मुझे आश्चर्य हो रहा है कि सुप्रीम कोर्ट की जज ज्ञान सुधा मिश्र की टिप्पणी पर इतना हंगामा क्यों हो रहा है। उन्होंने ठीक... B4MDecember 31, 2010
कहिन हां, अति स्थानीयता हमें सीमित करती है अमिताभ ठाकुर ने ठीक ही लिखा है... अति स्थानीयता या कूपमंडूकता?। मेरे जनसत्ता के अलावा ज्यादातर अखबार अति स्थानीय हो गए हैं। यह अपने... bhadas4media.comAugust 17, 2010
कहिन बाजार है हावी तो नैतिकता की बात क्यों? सकारात्मक पत्रकारिता कैसे होगी? : आज अखबार वालों पर आंसू बहाने वाले या पत्रकारों के खिलाफ आग उगलने वाले लोग हर जगह मिल जाएंगे।... bhadas4media.comJune 19, 2010
कहिन डरावनी फिल्मों का विरोध क्यों नहीं होता? जब बात अंधविश्वास की चल रही है तो डरावनी फिल्मों की बात क्यों नहीं होती? कोई घर भयानक और भूतहा दिखा कर उसमें तरह-... bhadas4media.comAugust 14, 2009
कहिन ज्योतिषी कैसे डराते हैं, मैंने देखा है कुछ ज्योतिषियों का कारोबार तो भय दिखा कर ही चल रहा है। एक घटना का जिक्र मैं यहां करना चाहता हूं जो अत्यंत रोचक... bhadas4media.comJuly 22, 2009
कहिन निरर्थक ही तो हैं ऐसे राशिफल अखबारों और पत्रिकाओं में आमतौर पर जो राशिफल छप रहे हैं, उनमें एक नई बात दिख रही है। टीवी पर भी यही हाल है।... bhadas4media.comJune 23, 2009
प्रिंट पत्रकार हो ज्योतिषी तो प्रबंधन क्यों न बढ़ाए हाथ !! जनसत्ता के वरिष्ट पत्रकार विनय बिहारी सिंह को इंडियन एक्सप्रेस ग्रुप के कोलकाता दफ्तर में पिछले दिनों नई भूमिका में देखा गया। विनय के ज्योतिषीय... bhadas4media.comOctober 13, 2008