विनोद कापड़ी-साक्षी जोशी प्रकरण : आरोपियों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी

विनोद कापड़ी-साक्षी जोशी की निजी तस्वीरें व निजी मेल इनकी मेल आईडी हैक करके पब्लिक डोमेन में डालने व प्रकाशित करने के प्रकरण में नया मोड़ आ गया है. सहारनपुर में साक्षी जोशी द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमें की पुलिस जांच पिछले साल कंप्लीट हो गई. फाइनल रिपोर्ट पर कोर्ट में सुनवाई जारी है.

इंडिया टीवी में प्रमोशन, शोषण के लिए नया पद सृजित

इंडिया टीवी से खबर है कि इंक्रीमेंट मिलने के साल भर बाद अब लोगों को प्रमोशन दिया गया है. हालांकि प्रमोशन में भी जमकर भेदभाव किए जाने का आरोप है. शोषण करने के लिए डिप्टी प्रोड्यूसर जैसा एक नया पद सृजित कर दिया गया है. यह पद एसोसिएट प्रोड्यूसर और प्रोड्यूसर के बीच का है. अभी तक आमतौर पर एसोसिएट प्रोड्यूसर को प्रमोशन देकर प्रोड्यूसर बना दिया जाता है पर इंडिया टीवी ने अपने युवा पत्रकारों का शोषम व प्रमोशन लंबा खींचने के लिए डिप्टी प्रोड्यूसर जैसा पद निकाल दिया है.

विनोद कापड़ी, साक्षी और उमेश जोशी पर केस

: टोटल टीवी के आउटपुट हेड ऋषि दीक्षित ने कराया दर्ज : मामला विनोद-साक्षी के अंतरंग फोटो का : विनोद कापड़ी-साक्षी जोशी की अंतरंग फोटो को लेकर पिछले दिनों हुए घटनाक्रम में नया मोड़ आ गया है. टोटल टीवी के आउटपुट हेड ऋषि दीक्षित ने इंडिया टीवी के मैनेजिंग एडिटर विनोद कापड़ी, आईबीएन7 की एंकर साक्षी जोशी तथा साक्षी के पिता उमेश जोशी पर पटियाला हाउस कोर्ट में केस दर्ज कराया है. उन्‍होंने यह मुकदमा उनके विरुद्ध षणयंत्र रचने तथा छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए दर्ज कराया है.

मेल से इंडिया टीवी में मचमच, साइबर सेल सक्रिय

इंडिया टीवी के अंदर का माहौल गरम है। एक मेल ने तहलका मचा रखा है। मैनेजिंग एडिटर विनोद कापड़ी से पीड़ित किसी व्यक्ति ने बदला लेने के लिए चरित्रहनन को हथियार बनाया और एक फर्जी मेल आईडी से इंडिया टीवी में कार्यरत सभी लोगों को एक मेल भेज दिया। इस मेल में ढेर सारी बकवास बातें लिखी गई हैं। मेल आते ही इंडिया टीवी में हड़कंप मच गया।

न्यूज चैनलों का कंटेंट लीडर है इंडिया टीवी : कापड़ी

विनोद कापड़ी‘हिन्दी न्यूज का सही लीडर पैदा हो चुका है’ : ‘दर्शकों के लिए खबरों का मतलब सिर्फ इंडिया टीवी’ : ‘इंडिया टीवी लीडर है, लीडर किसी को फॉलो नहीं करता’ : हमें हर न्यूज चैनल कॉपी करने की कोशिश कर रहा’ : ‘टीवी में खबरों का दौर एक बार फिर लौट आया है’ : ‘यह यकीनन खबरों की जीत है, हम खबरों के सप्ताह में जीते हैं’ : ‘आलोचकों से निवेदन, वे स्वस्थ आलोचना करें’ : ‘गलती पर उंगली उठाएं तो अच्छाई पर पीठ भी थपथपाएं’