उनका मन नहीं भरा तो उन्होंने आखिर में हिंदी में भी ब्लूमबर्ग-यूटीवी को यह कहकर संदेश दिया कि ”अपनी औकात नहीं भूलना चाहिए”. उदयन के इतना कहते ही उनके साथ कार्यक्रम होस्ट कर रहीं मिताली मुखर्जी हंस पड़ीं और ‘आ हा हा हा हा…. वाह वाह वाह…’ कहते हुए खिलखिलाती नजर आईं.
सही कहा जाए तो दरअसल इस पूरे वाकये से एक मैनेजिंग एडिटर की दिमागी औकात पता चलती है जो दर्शकों को सूचना देने-समझाने-बताने वाले कार्यक्रम में अपने चैनल की जय-जय करता नजर आता है और उसी उद्वेग में प्रतिद्वंद्वी चैनल को जाने क्या-क्या कहकर गालियां देता दिखता है. आपसी प्रतिद्वंद्विता इतने घटिया तरीके से टीवी चैनल पर प्रकट हो जाए और मैनेजिंग एडिटर दूसरे किसी चैनल के बारे में प्रलाप करने लगे, यह वाकई शर्मनाक है. यकीन न हो तो आप खुद उस दृश्य को देख लीजिए….
Comments on “औकात नहीं भूलना चाहिए : उदयन मुखर्जी”
jo khud itna balwan ho uski ginti choti si tippadi se nahin dete