न्याय में देरी और पीड़ितों को समय से इंसाफ न मिलने पर कानून-व्यवस्था को हाथ में लेने का सिलसिला बढ़ा : जब आक्रोश चरम पर जाता है तो विस्फोट होता है. ऐसी ही एक विस्फोट आज चंडीगढ़ में हुआ. मीडिया वालों के बीच में खड़े और खुद को फोटोग्राफर दिखा रहे एक युवक उत्सव शर्मा ने हरियाणा के पूर्व पुलिस महानिदेशक एसपीएस राठौर पर चाकू से हमला कर दिया. उनके चेहरे पर तीन वार मारे. चेहरे से खून टपकने लगा. राठौर रुचिका गिरहोत्रा छेड़छाड़ मामले में अपनी अपील पर सुनवाई में शामिल होने के लिए अदालत आए थे. जिस युवक उत्सव शर्मा ने हमला किया है, वह खुद को पत्रकार के रूप में पेश करते हुए राठौर की तस्वीरें लेने की कोशिश कर रहा था. हमलावर उत्सव शर्मा अहमदाबाद से फिल्म निर्माण का प्रशिक्षण ले रहा है. उसने राठौर के गाल पर तो चाकू मारा ही, दाएं हाथ से दूसरे गाल पर घूंसे भी मारे.
उसने राठौर की बांह पर भी हमले की कोशिश की लेकिन पुलिसकर्मियों ने उसे दबोच लिया. उत्सव भागने की भी कोशिश कर रहा था पर पुलिस वालों ने उसे गिरा लिया. अचानक हुए हमले से राठौर भौंचक रह गए. उनकी वकील पत्नी आभा उनके पीछे थीं. हमलावर युवक बनारस का रहने वाला है.
उत्सव का कहना है कि वह लड़कियों के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ एक मुहिम चला रहा है. रुचिका के साथ राठौर ने जो किया, उसके कारण गुस्सा था, वह गुस्सा ही उसने राठौर पर उतारा है. उत्सव के मुताबिक वह वाराणसी में भ्रूण हत्या पर फिल्म डिजाइन का काम करता है. पुलिस का कहना है कि युवक की मानसिक स्थिति सही नहीं है. इस बात की पुष्िट उत्सव के पिता और उसके डॉक्टर ने भी कर दी है. उत्सव एक महीने से ही चंडीगढ़ में एक धर्मशाला में रह रहा था.
जो भी हो, लेकिन इतना तो तय है कि देश की जनता सिस्टम के नाकारेपन से क्रोधित होकर अपने अंदाज में रिएक्ट करती है. जरनैल का जूता और उत्सव का चाकू बताता है कि अगर न्याय व्यवस्था में इसी तरह देरी बढ़ती रही और पीड़ितों को समय से इंसाफ नहीं मिलता रहा तो कानून-व्यवस्था को हाथ में लेने का सिलसिला बढ़ता चला जाएगा. उत्सव द्वारा चाकू मारने की घटना के बाद छेड़छाड़ मामले की चश्मदीद गवाह अनुराधा ने लोगों से कहा है कि वे कानून अपने हाथ में न लें.
alakh niranjan
February 8, 2010 at 12:12 pm
desh ki lijliji kanoon vyastha se upji mansikta ne utsav ko bharka diya.bhagwan uska bhala kare. gunah kr ke kanoon ki polon me chhupne wale logon ke liye ye ghatna nasihat hai. kash, ghav aur gahre hote.
manoj sharma
February 8, 2010 at 1:10 pm
utsav ne lachar kanoon ki deri ki wajah se kadam uthaya utsav ki tarah desh ke har yuva jag jayege to aise logo ka yahi hall hoga usne sahi kiya.
deepak srivastav, gorakhpur
February 8, 2010 at 1:20 pm
utsav ne jo kiya wo vastav me nindniya hai par rathor jaise besharm type ke logo ke sath aaisa hoga tabhi inke chehre se besarmi hansi gayab hogi… aur inhi logo ki kaali kartutoon ne ne pure desh me na jane kitne utsav jaise naujwano ko paida kar diya hai…..
monica gupta
February 8, 2010 at 2:41 pm
yeh sab natija hai ….tareeh pe tareek………. tareek pe tareek ka……. uubal kabhi to ayega ….kash system jaldi sudhar jai…………. toh aisi harkatoh se do chhr nahi hona ………..isley… jago chan se sona hai toh jago….
ravindra jain
February 8, 2010 at 2:56 pm
यदि आम आदमी को न्याय मिलने में देरी होगी तो एक नहीं कई उत्सव शर्मा और जनरेलसिंह पैदा होंगे। शासन प्रशासन को ऐसी घटनाओं को गंभीरता से लेना चाहिए।
रवीन्द्र जैन
भोपाल
Sushil Rana
February 9, 2010 at 10:16 am
Is lachar vayavstha mein aur Utsav paida honge, jis din ye sankhya badh jayedi us din kanoon rahe na rahe leking Rathor jaise log nahi rahenge.
neeraj mahere
February 9, 2010 at 11:03 am
अगर न्याय में देरी हुई तो कई उत्सव पैदा होंगे
इंडिया की न्याय व्यवस्था की हालत नहीं सुधरी तो रोज़ जर्नेल और उत्सव बनना ही होगा
rakesh seth
February 9, 2010 at 11:30 am
Good Going Utsav
rajendrakumar
February 9, 2010 at 1:55 pm
Durust keejiye kanooni dhanche ko nahi to kadam-kadam per aane legegi rukavat. Utsav ki taarif to nahi ki ja sakati magar koyi sabra kare bhi to kab taqu.