माफ कीजिएगा, किसी शायर की पंक्तियों को दाएं-बाएं करके हेडिंग बना दी। आग यूपी कांग्रेस की अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी के घर में लगाई गई थी। बकौल कांग्रेसी आग लगाने वाले बीएसपी के लोग थे और बकौल बहनजी.. कांग्रेसियों ने खुद फूंका है रीता का घर…। पुलिस तमाशबीन थी, ये चैनलों ने भी खूब दिखाया। लेकिन पुलिस खुद आग लगवा रही थी, ये कहानी बयान की तस्वीरों ने। जब आग लगाई जा रही थी, तो वहां पहुंचे थे अमर उजाला लखनऊ के जांबाज फोटोग्राफर ज्ञान प्रकाश (प्यार से लोग ज्ञान को स्वामी कहते हैं यही प्रचलित नाम भी है ज्ञान का)। गुंडे आग लगा रहे थे, पुलिस उनकी मदद कर रही थी। ज्ञान अपना काम कर रहे थे..। जरा सोचिए रात में अगर तस्वीर ली जा रही हो तो फ्लैश भी जरूर चमकेगा। और आगजनी में वर्दीवाले गुंडों की सामने से भी तस्वीरें खींचीं ज्ञान प्रकाश ने। बिना इसकी परवाह किए कि यूपी के जंगलराज में उनका क्या होगा।
वैसे न्यूज 24 से बातचीत में ज्ञान ने उस वक्त की हालत का जिक्र करते हुए कहा था-‘पुलिस वाले रोक रहे थे, लाठियां भांज रहे थे। वो अपना काम कर रहे थे, मैं अपना काम कर रहा था। मैं खटाखट तस्वीरें उतारने में जुटा था, ज्यादा से ज्यादा, मौके पर जो भी कुछ हो रहा है, पूरा का पूरा माजरा कैमरे में कैद हो जाए।’
खैर ज्ञान की खीचीं ये तस्वीरें आईबीएन7, न्यूज 24 और जी न्यूज पर खूब चलीं। सच ये भी है कि अगर ये तस्वीरें टीवी चैनलों पर नहीं चली होतीं तो शायद कहीं गुमनामी के अंधेरे में खो जातीं। अमर उजाला अखबार में इन तस्वीरों में से आठ या नौ तस्वीरें छपी थीं। अखबार की अपनी सीमा है, 20 तस्वीरें छाप भी नहीं सकता। जबकि टीवी चैनलों पर एक एक तस्वीर और उसकी पूरी कहानी का खुलासा हुआ। तस्वीर में कौन है, क्या कर रहा है और इसका परिचय क्या है, ये सब चलाया गया। ये टीवी की ताकत थी। इसने सारा खेल खोल दिया। रीता जोशी के घर आग गुंडों ने लगाई थी, जिनमें शामिल थे वर्दी वाले गुंडे भी। इनका चेहरा, इनकी पहचान सब कुछ खुल गई। एक अफसर ने तो अपनी तस्वीर देखकर भी उसे अपनी तस्वीर नहीं माना। आंखों में शर्म का पानी न बचा हो तो आंखों को ऐसी बीमारी हो भी जाती है।
खैर, ज्ञान प्रकाश की जांबाजी ने यूपी सरकार और बहनजी के लिए मुश्किलें जरूर खड़ी कर दी हैं। आगजनी की जांच सरकार ने अपनी पालतू (सच कहें तो फालतू भी) एजेंसी सीबीसीआईडी को सौंप दी है। सीबीसीआईडी को मौके पर ली गई इन तस्वीरों को झुठलाने के लिए बेशर्मी की बड़ी मोटी चादर ओढ़नी पढ़ेगी।
कहते हैं कि तस्वीरें झूठ नहीं बोलतीं। जो बात हजारों शब्द नहीं कह सकते, एक तस्वीर कह जाती है। ज्ञान प्रकाश की ये जांबाजी अखबार के फोटोग्राफरों और टीवी के कैमरामैनों का हौसलाआफजाई करेगी, मुझे इसका यकीन है।
ज्ञान प्रकाश उत्तर प्रदेश फोटोग्राफर एसोसिएशन के अध्यक्ष भी हैं। ज्ञान पुराने जांबाज हैं। विचार मीमांसा जैसी विस्फोटक पत्रिका के फोटोग्राफर रह चुके हैं। उनके पास ऐसी ऐसी तस्वीरें हैं (शायद अभी भी हैं), जो अगर बाहर आ जायें, तो कई सफेदपोशों के चेहरे से नकाब उतर जाए। ज्ञान प्रकाश बधाई के पात्र हैं, मैं निजी तौर पर भी उन्हें बधाई देता हूं।
लेखक विकास मिश्र टीवी चैनल ‘न्यूज 24’ में सीनियर प्रोड्यूसर हैं। उनसे संपर्क [email protected] या 9873712444 के जरिए किया जा सकता है।
भड़ास4मीडिया पर प्रकाशित विकास के अन्य आलेखों को पढ़ने के लिए क्लिक करें-
akash rai
October 15, 2010 at 11:04 pm
ज्ञान प्रकाश ji aapne sach or sahas ke satah bo kar dikhya jisko bahut kam log kar pate hai. bakai aapme jajba josh or junoon hai aap kartav se peche nahi bhagte.