संपादकों द्वारा अपनी सम्पत्ति की घोषणा के बारे में एडिटर्स गिल्ड की 24 दिसम्बर को होने वाली बैठक में चर्चा की जाएगी. एडिटर्स गिल्ड के अध्यक्ष राजदीप सरदेसाई ने यह बात कही है. कॉरपोरेट लॉबियिस्ट नीरा राडिया के कुछ सीनियर जर्नलिस्टों के साथ हुई बातचीत के बाद कुछ पत्रकारों ने इस मुद्दे को उठाया था. पत्रकारिता के मूल्यों पर एडिटर्स गिल्ड, द प्रेस एसोसिएशन, प्रेस क्लब ऑफ इंडिया और इंडियन वुमेंस प्रेस कोर्प्स द्वारा आयोजित बैठक में इस पर गरमा गरम बहस भी हुआ, जिसके बाद अगली बैठक में इस मुद्दे को उठाने की बात सामने आई.
बहस में कई पत्रकारों ने कुछ पत्रकारों के आय के स्रोत पर सवाल खड़े किये. उनका कहना था कि आखिर ये पत्रकार कैसे अपना टीवी चैनल शुरू कर पाने में सक्षम हुए, जबकि इनके आय के स्रोत इतने नहीं थे. बहस के सवाल जवाब सत्र में एक पत्रकार ने पूछा, ‘वे अपना चैनल शुरू कर पाने में कैसे समर्थ हुए? संपादकों को अब अपनी संपत्ति सार्वजनिक करनी चाहिए.’ इस पर एडिटर्स गिल्ड के अध्यक्ष एवं एक टीवी चैनल के मुख्य संपादक सरदेसाई ने कहा कि उन्हें अपनी संपत्ति सार्वजनिक करने में कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन वह अन्य संपादकों के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है.
इसके बाद उन्होंने कहा कि मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि 24 दिसम्बर को होने वाली बैठक में इन मुद्दों पर चर्चा की जायेगी. अगर आपलोगों के पास इस तरह के अन्य सुझाव हैं तो हमें बताइये. उन्होंने कहा कि इन मुद्दों पर ज्यादातर संपादक पीछे हट जाते हैं. उन्होंने कहा कि पेड न्यूज मामले में भी ऐसा ही हुआ. पेड न्यूज पर एक प्रतिज्ञा पत्र बांटा गया था, जिसपर अधिकांश संपादकों ने हस्ताक्षर ही नहीं किए. इसलिए सबके मिले बिना कोई सर्वमान्य हल संभव नहीं है.