: आशीष खेतान को सच लिखने और सिद्धार्थ गौतम को सच बोलने के लिए विशेष तौर पर बधाई : तहलका ने सचमुच देश की पत्रकारिता की गौरवशाली परंपरा को आगे बढ़ाया. एक से बढ़कर एक बड़ी खबरें ब्रेक की. कैमरे के सामने नोटों की गड्डियां लहराते भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष बंगारू लक्ष्मण का चेहरा सभी को याद होगा.
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‘सारा खेल राजदीप, पुण्य प्रसून और राहुल कंवल ने बिगाड़ा”
यशवंत जी, आप चाहें जो लिखें-कहें, लेकिन सच यही है कि अगर कोई बात लिखित रूप से तय हुई है, इंबारगो के बारे में सब कुछ सबकी सहमति से तैयार हो गया तो फिर इसे तोड़ना न सिर्फ अनैतिक है बल्कि किसी पर भी भरोसा न करने जैसा ट्रेंड पनपाने वाला है. पहले से ही तमाम तरह के आरोपों से घिरी मीडिया को एक बार फिर मीडिया वालों ने ही अनैतिकता के गड्ढे में धक्का दे दिया है. सारा खेल राजदीप चौरसिया, राहुल कंवल और पुण्य प्रसून ने बिगाड़ा.
नोट वोट कांड : राजदीप ने स्टिंग की सीडी अब भी नहीं दिखाई तो समझिए वो पत्रकारिता के खलनायक हैं!
याद करिए वो वक्त. अमेरिका के साथ परमाणु करार का मसला गर्म था. वामपंथी दलों ने मनमोहनी सरकार के परमाणु करार समर्थक होने पर अपना सपोर्ट वापस ले लिया था. देखते ही देखते कांग्रेस नीत गठबंधन वाली केंद्र सरकार अल्पमत में आ गई. सांसदों की खरीद फरोख्त शुरू हुई. कांग्रेसी और सपाई थैलियां खोलकर बैठ गए.
राजदीप के बोलते ही भड़क उठे पत्रकार
: एडिटर्स गिल्ड अध्यक्ष पर लगा आरोपी पत्रकारों के खिलाफ नरम रूख अपनाने का आरोप : एडिटर्स गिल्ड की बैठक में अध्यक्ष राजदीप सरदेसाई उस समय मुश्किल में आ गए जब उन्होंने पत्रकारिता के सिद्धांतों की बात की. इसके बाद प्रेस क्लब का माहौल गरम हो गया. दोनों तरफ से तर्क-वितर्क किए गए. कई सवाल उठाए गए. इसके बाद पत्रकारिता की आचार संहिता पर बहस छिड़ गई. प्रेस क्लब के खचाखच भरे हाल में राजदीप में कहा कि भारत की दो पत्रिकाएं नीरा राडिया तथा पत्रकारों के बातचीत को प्रकाशित करके पत्रकारीय मानक का उल्लंघन किया है, सिद्धांतों को तोड़ा है.
अपनी संपत्ति की घोषणा करेंगे संपादक!
संपादकों द्वारा अपनी सम्पत्ति की घोषणा के बारे में एडिटर्स गिल्ड की 24 दिसम्बर को होने वाली बैठक में चर्चा की जाएगी. एडिटर्स गिल्ड के अध्यक्ष राजदीप सरदेसाई ने यह बात कही है. कॉरपोरेट लॉबियिस्ट नीरा राडिया के कुछ सीनियर जर्नलिस्टों के साथ हुई बातचीत के बाद कुछ पत्रकारों ने इस मुद्दे को उठाया था. पत्रकारिता के मूल्यों पर एडिटर्स गिल्ड, द प्रेस एसोसिएशन, प्रेस क्लब ऑफ इंडिया और इंडियन वुमेंस प्रेस कोर्प्स द्वारा आयोजित बैठक में इस पर गरमा गरम बहस भी हुआ, जिसके बाद अगली बैठक में इस मुद्दे को उठाने की बात सामने आई.
पेड न्यूज के धंधे के खिलाफ चावला से मिले राजदीप
एडिटर्स गिल्ड ने अखबारों में बढ़ रही पैसे लेकर खबर छापने की प्रवृति पर गंभीर चिंता जताते हुए चुनाव आयोग से इस कार्य में शामिल उम्मीदवारों और मीडियाकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा है। मगर आयोग ने उनसे कहा कि उसके पास ऐसा तंत्र नहीं है इसलिए कहीं-कहीं से कुछ नमूने लेकर नजदीकी जांच की जा सकती है।
पैसे लेकर खबर छापने के खिलाफ अभियान तेज
एडिटर्स गिल्ड का बयान- विज्ञापन को खबर के रूप में छापने की प्रथा घोर पत्रकारीय दुराचरण : एडिटर्स गिल्ड आफ इंडिया ने पैसे लेकर खबरें छापने के खिलाफ जारी अपने अभियान को तेज करने का फैसला किया है। गिल्ड ने सभी संपादकों और वरिष्ठ पत्रकारों को पत्र भेजकर अनुरोध किया है कि वे अपने स्तर से विज्ञापन को बतौर खबर छापने की कोशिशों के खिलाफ सक्रिय होने का संकल्प लें। साथ ही उम्मीद जताई है कि पूरी पत्रकार बिरादरी इस मुद्दे पर एकजुटता दिखाएगी।