नीरा राडिया से जुड़े मसले की सबसे पहले डाक्यूमेंट्स के साथ खबर भड़ास4मीडिया ने ब्रेक की. अमर वार्ता टेप कांड से जुड़े सभी टेप सबसे पहले भड़ास4मीडिया डॉट कॉम पर अपलोड हुए. सैकड़ों ऐसी खबरें हैं जिसे भड़ास4मीडिया ने ब्रेक किया. सिर्फ ब्रेक नहीं किया बल्कि साहस के साथ आतंकित करने वाले सचों का खुलासा कर पारंपरिक मीडिया को आइना दिखाने का काम किया. ये पारंपरिक मीडिया उर्फ न्यूज चैनल और अखबार अपने हितों, कारोबार, क्लाइंट आदि के नाम पर पत्रकारिता की मूल आत्मा को मारने का काम करने लगे हैं.
इसी कारण दुनिया भर में न्यू मीडिया ने विज्ञापनबाजों और धंधेबाजों के चंगुल में फंस चुकी पत्रकारिता को आजाद कर फिर से कंटेंट इज किंग का नारा बुलंद किया है. भारत में भड़ास4मीडिया ने इस दिशा में एक छोटा सा प्रयास किया है. उम्मीद करते हैं कि आने वाले समय में पत्रकारिता की नई पौध इस काम को साहस के साथ आगे बढ़ाएगी. साथ ही मीडिया के इस नए माध्यम का इस्तेमाल अत्यधिक मुनाफा कमाने और कारपोरेट हितों को साधने की बजाय आम जनता के दुख-दर्द को उजागर करने और सत्ता प्रतिष्ठानों, कारपोरेट घरानों, भ्रष्ट नेताओं-अफसरशाहों के पोलखोल के लिए करेगी. कई पाठकों ने फोन कर कहा है कि उन्हें अमर कथा वार्ता के टेप और संबंधित खबरें एक जगह नहीं मिल पा रही हैं, खोजने में दिक्कत हो रही है, तो उनकी परेशानी को ध्यान में रखते हुए सब कुछ एक जगह परोसा जा रहा है. आपके सुझावों और सहयोग का इंतजार रहेगा.
यशवंत
एडिटर, भड़ास4मीडिया
1– इस पहले टेप में यूपी के वरिष्ठ आईएएस अफसर अतुल गुप्ता को अमर सिंह एक उद्यमी को लाभ पहुंचाने के लिए कह रहे हैं और गुप्ता जी सर सर करते हुए अंततः अमर सिंह के कहे अनुसार सब कुछ करने कराने को तैयार हो जाते हैं… सुनिए.. कैसे नेता और अफसर मिलकर बड़े लोगों के लिए नियम कानून बदल डालने को तैयार हो जाते हैं….
2– इस दूसरे टेप में जेपी इंडस्ट्री वाले जेपी गौड़ को अमर सिंह पटा रहे हैं और जेपी गौड़ लाभ पाने के लिए लार टपकाते हुए अमर सिंह को तेल लगा रहे हैं… अमर सिंह कैसे शिकार पटाते थे, उसका ये नमूना है… (विस्तार से पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें- अमर सिंह-जेपी गौड़ संवाद)
3– इस तीसरे टेप में अमर सिंह किसी दीपक से कह रहे हैं कि वे देवेंदर तक 96.5 लाख रुपये पहुंचा दें… क्या है माजरा, जानने के लिए नीचे दिए गए इस आडियो प्लेयर को क्लिक करके सुनें…
4– अमर सिंह के आगे प्रभु चावला किस तरह गिड़गिड़ा रहे हैं, हाथ जोड़कर माफी मांग रहे हैं… आजतक के सर्वेसर्वा न होने की मजबूरी गिना रहे हैं… उफ्फ… ये टेप सुनेंगे तो आपको न सिर्फ प्रभु चावला बल्कि मीडिया में बैठे ज्यादातर संपादकों के खोखलेपन का एहसास हो जाएगा…इस टेप को जरूर सुनें और पूरा सुनें…
5– अमर सिंह की जया से बातचीत. अमर सिंह और जया के बीच कितने करीबी रिश्ते रहे हैं और कैसे अमर अपनी सभी भावनाओं का इजहार जया के सामने कर दिया करते थे, जया को आगे बढ़ाने के लिए उन्हें सब कुछ सुनाते सिखाते और समझाते रहते थे, ये इस टेप से जाहिर है….
6– अमर सिंह दीवाली के आसपास घर आए गिफ्ट को छोड़ते नहीं है. वे खुद कह रहे हैं इस टेप में. उनके यहां कोई आया और स्विफ्ट कार देने की जिद करने लगा लेकिन अमर सिंह को डर इस बात का है कि कहीं उनके नाम स्विफ्ट गिफ्ट हो जाए तो कल को इसका खुलासा होने पर बवाल न मच जाए, सो, वे अपने एक करीबी से इस तोहफे को कुबूल करने के तौर-तरीके के बारे में चर्चा कर रहे हैं…
7– इस टेप में अमर सिंह और मुलायम सिंह यादव की बातचीत है. नेताजी और अमर सिंह, कई सारे मुद्दों पर खुलकर बतियाते हैं… (विस्तार से पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें- अमर-मुलायम संवाद)
8– यूपी के एक सीनियर अफसर हैं दीपक सिंघल. उनसे अमर सिंह क्या गुफ्तगू कर रहे हैं, यह सुनिए इस टेप में…
9– इस टेप में भी अमर सिंह और दीपक सिंघल के बीच बातचीत है. अमर सिंह जिन कुछ अफसरों के सहारे यूपी की तत्कालीन सरकार में बड़े बड़े काम कराते थे, उनमें दीपक सिंघल भी हैं. इन महोदय से बातचीत क्या हो रही है, इस टेप के जरिए सुन सकते हैं…
10– अमर सिंह और अनिल अंबानी के बेहद नजदीकी रिश्ते रहे हैं. सारी बातें दोनों खुलकर किया करते थे, दलाली से लेकर कारपोरेट दुश्मनों को निपटाने के बारे में तक… सुनिए, इस टेप में अनिल अंबानी और अमर सिंह क्या बतिया रहे हैं… (विस्तार से पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें- अमर सिंह-अनिल अंबानी संवाद)
11– जया से बातचीत का क्रम जारी है… बहुत सारी बातचीत करते हैं अमर सिंह.. सपा के अंदर की कहानी सुनाते हैं जया को.. ऐसा लगता है जैसे जया से सब कुछ कहकर अमर खुद को शांत और सामान्य बनाते थे या कह सकते हैं जया से बातचीत करते हुए अमर खुद को रिफ्रेश रखते थे… और, जया से वे सारी बातें करते हैं.. सुनिए… इस अमर जया वार्ता को… इस टेप के जरिए…
12— बिपाशा से क्या कह डाला अमर ने. बुढ़ापे का असर टांगों के बीच तो होता ही है… और बिपाशा ओह गाड कहकर ठहाका मारकर हंस पड़ती हैं.. दोनों जल्द मिलने की बात कह बाय कहते हैं.. इस टेप की सर्वाधिक चर्चा अमर सिंह के एक डायलाग के कारण है और बिपाशा के बिंदास बोल के कारण है… सुनिए, नीचे दिए गए आडियो प्लेयर पर क्लिक करके… (विस्तार से पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें- अमर सिंह-बिपाशा बसु टेप की हिंदी-इंग्लिश ट्रांसक्रिप्ट)
13 और 14– नीचे के दो टेपों को सुनकर अमर सिंह के दर्शन, दिल, सोच के अन्य पहलुओं की जानकारी मिलती है. सामने जो महिला हैं (संभवतः जया) उनसे कितनी बातें करते हैं अमर सिंह, किस किस तरह की बातें करते हैं अमर सिंह, कितना कुछ बताते समझाते हैं अमर सिंह, उसे ध्यानपूर्वक सुनकर ही आप समझ सकते हैं नीचे के दोनों टेपों को जरूर सुनिए…
15– इसमें एक बार फिर अनिल अंबानी हैं. अमर सिंह से मुखातिब हैं. खूब बातें करते हैं. धंधे की. समझाते हैं और समझते हैं. अनिल अंबानी को जो लोग करीब से नहीं जानते, उनके इस टेप से उनके काम व बात करने के तरीके को समझ सकते हैं और ये भी जान सकते हैं कि अमर सिंह किस कदर खास रहे हैं अनिल अंबानी के लिए …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें- अमर सिंह-अनिल अंबानी संवाद)
16– इस टेप में (संभवतः कांग्रेस के सांसद) सुब्बाराम रेड्डी हैं… वे अमर सिंह के फोन आपरेटर को बार-बार अपना परिचय देते हैं, नाम बताते हैं. अंततः जब दोनों की बातचीत शुरू होती है तब सुब्बाराव अमर की जमकर तारीफ करते हैं पर अमर हैं कि कांग्रेस से अपने बैर को छिपा नहीं पाते और बताते हैं कि हम तो आप लोगों के लिए करते हैं लेकिन आप लोग तो मेरा अपमान कर देते हो, खासकर सोनिया ने जो किया था अमर सिंह के साथ उसकी पूरी पीड़ा इस बातचीत में है.. और भी कई बातें हैं. पूरा टेप सुनिए…
17–इस टेप में ये तो पता नहीं चल रहा है कि कौन बात कर रहा है अमर सिंह से, लेकिन जो भी है, मजेदार बातचीत हुई है. इस टेप से सहारा के बारे में अमर सिंह की असली राय सामने आती है. अमर सिंह को फोन करने वाला इस टेप में बताता है कि अकबर की कोई प्राब्लम है. कोई गासिप छप गया है तो सुब्रतो राय जी परेशान हो गए हैं, कूद रहे हैं. अकबर ने रिक्वेस्ट किया है कि अमर सिंह जी से रिक्वेस्ट करें कि जरा संभाल लें… अभिजीत ने बैंड बजा दिया है गाली गलौज कर लिख दिया है चिट्ठी… अकबर परेशान हैं… इसके जवाब में अमर सिंह कहते हैं- वे लोग (सहारे वाले) करते ही यही हैं…. उनका धंधा ही यही है… उनके यहां कोई काम धंधा तो है नहीं, सो सब यही करते हैं… उनका काम ही यही है कि लीगल नोटिस दे देंगे… जज बैठे होते हैं उनके यहां वकील होते हैं लीगल होता है… हमारे अगेंस्ट में किसी ने लिखा था, उसको किसी पुराने केस में पकड़कर अंदर खूब मरवाया था उन लोगों ने… मैं अभी बात करता हूं…. …
18–अमर सिंह और अतुल गुप्ता के बीच बातचीत. अतुल गुप्ता यूपी के वरिष्ठ आईएएस हैं. अमर सिंह के बेहद करीबी. सपा की सरकार में जिन कुछ अफसरों से अमर सिंह बात करते थे और काम करते कराते थे, उनमें एक अतुल गुप्ता भी थे… सुनिए क्या बातचीत हो रही है अमर और अतुल में…
19–इसमें किसी अभिजीत से अमर सिंह बात कर रहे हैं.. बातचीत के क्रम में वे ये सब कहते हैं… शैलेंद्र वगैरह से ज्यादा प्राब्लम मीरा सहाय और सुधीर श्रीवास्तव के साथ है.. प्राब्लम ही प्राब्लम है.. दादा की तबियत खराब है… बात ये है कि कोई कम्युनिकेशन नहीं है… कोई कुछ भी करना चाहे करे, हमें आपत्ति नहीं है… लेकिन अगर दादा ने कुछ कहा है तो वो हमें बताया जाना चाहिए… मुझे कुछ जरूरत ही नहीं है… मेरा काम चल जाएगा… अंबिका सहाय वगैरह नहीं करेंगे… पूरा माजरा टेप सुनकर समझिए…
20–नेताजी उर्फ मुलायम सिंह यादव जब अमर सिंह से बतियाते हैं तो खुलकर बतियाते हैं.. जैसे सबसे खास आदमी से सब कुछ बतियाया बताया जाता है, वैसे… मुलायम-अमर वार्ता के इस टेप को सुनिए…… (विस्तार से पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें- अमर-मुलायम संवाद)
21–मुलायम सिंह यादव तब यूपी में मुख्यमंत्री के रूप में सरकार चला रहे होते हैं और उनके सबसे करीबी अमर सिंह हुआ करते थे. नेताजी से बातचीत के एक और टेप को सुनिए… (विस्तार से पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें- अमर-मुलायम संवाद)
22–कोई बजाज साहब अमर सिंह से बात करने के लिए फोन लगाते हैं लेकिन वे नहीं होते हैं तो तरुण से बात कराने को कहते हैं और जब तरुण से बात शुरू होती है जबरदस्त बातें होने लगती हैं… धंधा, देश दुनिया, कमाई, भावना… सुनिए पूरी बातचीत
23–लखनऊ-बाराबंकी के एक नेता हैं अरविंद सिंह गोप. सपा में रहे हैं. वे अमर सिंह को फोन करते हैं. दीवाली विश करते हैं. उनसे अमर सिंह बाराबंकी के चुनाव का हालचाल लेते हैं… सुनिए पूरी बातचीत, इस आखिरी टेप में
ये तो रहे अमर वार्ता के सभी टेप. अब उन खबरों के लिंक जो इस प्रकरण पर भड़ास4मीडिया पर अब तक प्रकाशित हुई हैं…
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ये हैं अमर सिंह के छह टेप… प्रभु चावला, जेपी गौड़, जया प्रदा आदि से बातचीत के टेप
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”अमर वार्ता” में अनिल अंबानी ने सुभाष चंद्रा को चूतिया, पागल, इडियट कहा
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मुलायम-अमर के अच्छे दिनों की जुगलबंदी देखने को ये तीन टेप सुनें
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बिपाशा बसु के सवाल पर अमर सिंह का जवाब- उम्र का असर टांगों के बीच तो पड़ता ही है…
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जेपी इंडस्ट्रीज के जेपी गौड़ को चारा डालते अमर सिंह और अमर सिंह को तेल लगाते जेपी गौड़
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बिपाशा बसु बोलीं- टेप में मेरी आवाज है, यह कोई साबित करके दिखाए
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सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत लेकिन सीडी गलत तरह से तैयार की गई : अमर सिंह
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‘अमर टेप’ में ये कौन वाले अकबर हैं, एमजे अकबर वाले अकबर या कोई और अकबर?
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नोटिस की बात आप आज प्लीज मत बोलना, मैं हाथ जोड़ रहा हूं आपके आगे : प्रभु चावला
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अमर-जया वार्ता : कान के कच्चे, चिड़ी का चिक्का, चिकनी टांगें
AP Singh
May 14, 2011 at 12:53 am
मान गए यशवंत भाई साहब। बहुत-बहुत साधूवाद। इसको सामने लाने के लिए।
PRAFULL
May 14, 2011 at 6:09 am
You could not guess who this Bajaj is in Tape # 22? It is none other than the eminent sugar baron Kushagra Bajaj of Bajaj Hindusthan, who had a break in business relationship with his uncle Rahul Bajaj.
Amar Singh was Bajaj’s patron in UP especially helping him to get all the sick sugar cooperatives in UP. Everybody knew Bajaj especially cultivated Amar Singh, and sent him gifts worths srores to show gratitude.
shravan shukla
May 14, 2011 at 12:58 pm
great work sir.. aise hi apna behtareen kaam jaari rakhe.. sara samarthan aapke saath hai.. chahe ira prakran ho ya amar.. aapka koi kuch nahi bigad sakta kyuki aap sach ke saath hai aur sach ko saamne laa rahe hai
khabri
May 14, 2011 at 1:32 pm
bhai, 11 number tape ka heading to hona chahiye “amar singh ko pasand hai jaya ki wax ki hui legs”
* >
May 14, 2011 at 3:23 pm
बहुत साधुवाद यशवंत जी. अभी एक कथित शुद्धतावादी कह रहे थे कि निजी टेप चठखारे ले कर मत सुनिए..कल को आपके परिवार का भी ऐसा टेप आ सकता है. तो उन जैसों से यही कहा जा सकता है कि अगर वास्तव में बातचीत निजी संबंधों तक सीमित है तो हमें कोई हक नहीं है चटखारे लेने का. लेकिन अगर यह अय्याशी अमर सिंह जैसे दो कौड़ी के दलालों द्वारा देश की संपदा को लूटकर किया जाता है तब लोगों को चाहिए कि खूब सुने इसे…चटखारे ले-ले कर सुने.बिपासाओं-जयाओं को जलील कर-कर सुने और अगर संभव हो तो चौक-चौराहों पर लाउडस्पीकर बजा-बजा कर सुने…छिः ….कैसे-कैसे गंदे लोगों को ढो रहा है यह देश. वास्तव में नए मीडिया को बधाई. आज उसी के कारण यह सब गंदगी बाहर आना संभव हो पाया है, अन्यथा प्रभु चावलाओं, वीर संघ्वियों, बरखाओं ने तो मीडिया को अपने जैसा ही दो कौड़ी का दलाल बना डाला है…पुनः साधुवाद यशवंत जी.
ANIL MITTAL
May 15, 2011 at 9:32 am
;D;D;D;D;D;D;D;D;D;D;D;D;D;D;D;D;D;D;D;D;D;D;D;D;D wah ji wah yeh hai amar gatha ,,,oh kya hoga is desh ka jha 100 me se 99 beiman hai
शशिकान्त अवस्थी
May 16, 2011 at 7:08 am
यश्वंत भाई इसी प्रकार सच को उजागर करते रहिये बिना डरे बिना रूके । यही कारण की भडास को न पसंद करने वाले भी भडास देखने पडने की जरूरत समझते है । क्या कारण है कि आज भी भडास को मीडिया से जुडे व्यक्ति की पहली पसंद माना जाता है। कारण कुछ भी चाहे गाली देने के लिये या मीडिया जगत में घटने वाली घटना की जानकारी के लिये । पुन: धन्यवाद
manoj kumar srivastava
May 17, 2011 at 6:34 am
:)amarsingh achchi seting kar lete hai.
Dr C P Rai
May 18, 2011 at 3:14 pm
badhai yashvant ji ,is dalal ne mujh jaise kai logo ko party se bahar karvaya inhi cheejo ka virodh karne ke karan.
peeyush singh
May 19, 2011 at 12:40 pm
technology ka hawala dekar in tapes ko besharmi se galat keh denge….!
corporate to politicians everyone is chor….!
indian politicians have a great thought “THIEFISM”.
YOGESH KUMAR SHEETAL
May 22, 2011 at 10:18 am
भड़ास को मेरी भी उम्र लग जाय.
alliya
July 2, 2011 at 12:55 pm
:);):D;D;D:P:P:Pwah amar singh tussi great ho mgr itna great hona b thik nai
ashish saini
August 7, 2011 at 12:26 pm
best
Mahesh Sheoran
December 11, 2011 at 11:31 pm
बहुत साधुवाद यशवंत जी. अभी एक कथित शुद्धतावादी कह रहे थे कि निजी टेप चठखारे ले कर मत सुनिए..कल को आपके परिवार का भी ऐसा टेप आ सकता है. तो उन जैसों से यही कहा जा सकता है कि अगर वास्तव में बातचीत निजी संबंधों तक सीमित है तो हमें कोई हक नहीं है चटखारे लेने का. लेकिन अगर यह अय्याशी अमर सिंह जैसे दो कौड़ी के दलालों द्वारा देश की संपदा को लूटकर किया जाता है तब लोगों को चाहिए कि खूब सुने इसे…चटखारे ले-ले कर सुने.बिपासाओं-जयाओं को जलील कर-कर सुने और अगर संभव हो तो चौक-चौराहों पर लाउडस्पीकर बजा-बजा कर सुने…छिः ….कैसे-कैसे गंदे लोगों को ढो रहा है यह देश. वास्तव में नए मीडिया को बधाई. आज उसी के कारण यह सब गंदगी बाहर आना संभव हो पाया है, अन्यथा प्रभु चावलाओं, वीर संघ्वियों, बरखाओं ने तो मीडिया को अपने जैसा ही दो कौड़ी का दलाल बना डाला है…पुनः साधुवाद यशवंत जी
Mahesh Sheoran
baranwal nitish raj
April 6, 2013 at 9:26 pm
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