: दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में पेश की जांच रिपोर्ट : टीम अन्ना के स्तंभ शांति भूषण और प्रशांत भूषण फिर घिर गए सवालों के घेरे में : सीएफएसएल और सीईआरटी को जांच के लिए भेजी गई शांति भूषण वाली सीडी को इन दोनों लैब ने असली बताया है. दिल्ली पुलिस ने इसके बाद जांच रिपोर्ट तीस हजारी कोर्ट में पेश कर दिया है. कुल तीन लैब में दिल्ली पुलिस ने जांच कराई थी जिसमें से दो ने सीडी को असली करार दिया.
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अमर सिंह को ठेंगे पर रखते थे अंबिकानंद सहाय!
मित्रों, कुछेक दागदार लोगों की वजह से मीडिया दलाली करने वालों की जमात जैसा लगने लगा है। हम सबने ऐसे कई दागी चेहरों पर से, नकाब उतारे। यह अच्छी बात है। लेकिन ऐसे घनघोर माहौल में भी अगर कुछ लोग दलालों के सामने नहीं झुके तो उनको सामने लाना जरूरी है। वरिष्ठ पत्रकार अंबिकानंद सहाय अमरसिंह को ठेंगे पर रखते थे। अपने से ज्यादा ताकतवर होने के बावजूद वे अमरसिंह के सामने कभी नहीं झुके। इसी पूरे मसले पर मेरा यह लेख पढ़ें… -निरंजन परिहार, वरिष्ठ पत्रकार, मुंबई
अमर सिंह के साथ अमिताभ बच्चन भी फंस सकते हैं
अमर सिंह बड़बोले हैं. बोलने में कोई उनसे जीत नहीं सकता. कल इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय को अमर सिंह की काली कमाई की जांच का जो आदेश दिया और अमर सिंह की गिरफ्तारी पर से रोक हटाने का जो फैसला सुनाया, उससे अमर सिंह के पैर के नीचे से जमीन सरक गई है. उन्होंने कोर्ट के आदेश के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि अगर वे गुनाहगार पाए जाते हैं तो उन्हें दंडित किया जाना चाहिए.
चैनल के मालिकों कनी-शरद को जेल, अमर भी जाएंगे जेल
: कलेंगनर टीवी के जरिए 2जी घोटाले का पैसा बटारने वालों की जमानत याचिका खारिज : अमर सिंह की काली कमाई की जांच और गिरफ्तारी के लिए रास्ता खुला : दो अदालतों के फैसले से देश के करोड़ों दिलों में ठंड पहुंची : आज का दिन शुभ है. दो बड़ी मछलियां कानून के शिकंजे में आई हैं. तमिलनाडु में करुणानिधि के चुनाव हारते ही उनकी बेटी कनी जेल चली गईं.
”अमर कथा वार्ता” के सभी टेप सभी खबरें एक जगह सुनें-पढ़ें
नीरा राडिया से जुड़े मसले की सबसे पहले डाक्यूमेंट्स के साथ खबर भड़ास4मीडिया ने ब्रेक की. अमर वार्ता टेप कांड से जुड़े सभी टेप सबसे पहले भड़ास4मीडिया डॉट कॉम पर अपलोड हुए. सैकड़ों ऐसी खबरें हैं जिसे भड़ास4मीडिया ने ब्रेक किया. सिर्फ ब्रेक नहीं किया बल्कि साहस के साथ आतंकित करने वाले सचों का खुलासा कर पारंपरिक मीडिया को आइना दिखाने का काम किया. ये पारंपरिक मीडिया उर्फ न्यूज चैनल और अखबार अपने हितों, कारोबार, क्लाइंट आदि के नाम पर पत्रकारिता की मूल आत्मा को मारने का काम करने लगे हैं.
‘अमर टेप’ में ये कौन वाले अकबर हैं, एमजे अकबर वाले अकबर या कोई और अकबर?
: इस टेप में अमर सिंह ने सहारा समूह के वर्क कल्चर की पोल खोली है : अमर सिंह के जो टेप जारी हुए हैं, उनमें एक से बढ़कर एक रहस्य भरे हुए हैं. इन रहस्यों पर से पर्दा कोई नहीं उठा रहा है. ज्यादातर वक्त बिपाशा और टांगों की बात हुई या फिर कुछ एक जेपी गौड़ या फिर मुलायम आदि की. इन टेपों में मीडिया से जुड़ी कई हस्तियों के बारे में भी चर्चा है. प्रभु चावला तो खुलेआम एक टेप में अमर सिंह से गिड़गिड़ाकर हाथ जोड़कर माफी मांग रहे हैं.
मुलायम-अमर के अच्छे दिनों की जुगलबंदी देखने को ये तीन टेप सुनें
: अपडेटेड : इन तीन टेपों में से दो टेपों में नेताजी उर्फ मुलायम सिंह यादव की तरफ से आपरेटर अमर सिंह के घर फोन लगाकर कहता है कि ताराचंद बोल रहा हूं, नेताजी बात करना चाहते हैं. और कुछ देर के इंतजार के बाद जब अमर सिंह लाइन पर आते हैं तो ताराचंद उन्हें प्रणाम कहते हुए नेताजी के बात करने की इच्छा को बताता है और लाइन नेताजी की तरफ ट्रांसफर कर देता है. नीचे दिए गए तीन टेपों में से पहले वाले टेप में नेताजी उर्फ मुलायम सिंह यादव विस्तार से अमर सिंह को कुछ घटनाओं के बारे में बताते हैं जो प्रदेश में घटी हैं.
जेपी इंडस्ट्रीज के जेपी गौड़ को चारा डालते अमर सिंह और अमर सिंह को तेल लगाते जेपी गौड़
जेपी इंडस्ट्रीज के जेपी गौड़ से खुद अमर सिंह बात करना चाहते थे. यह जानकारी जेपी इंडस्ट्रीज की तरफ से अमर सिंह के बंगले पर फोन करने वाले आपरेटर ने अमर सिंह के आपरेटर को दी और तदनुसार जेपी गौड़ की बातचीत अमर सिंह से कराने का अनुरोध किया. इस बातचीत में अमर सिंह एक शिकारी की तरह शिकार फांस रहे हैं. जेपी गौड़ को चुर्क की सीमेंट फैक्ट्री दे रहे हैं. बिड के बारे में बात हो रही है. अमर सिंह जेपी इंडस्ट्रीज के राइवलरों के नाम बताते हुए कहते हैं कि देखिए, हम आपका कितना खयाल रखते हैं.
बिपाशा बसु के सवाल पर अमर सिंह का जवाब- उम्र का असर टांगों के बीच तो पड़ता ही है…
फिल्म अभिनेत्री बिपाशा बसु के साथ अमर सिंह की बातचीत का जो टेप है, उसमें क्या बातचीत है, उसका डिटेल हम यहां प्रकाशित कर रहे हैं. इसे पढ़-सुनकर सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि अमर सिंह इन टेपों को सार्वजनिक होने से रोकने के लिए क्यों जी-जान से जुटे हुए थे. बिपाशा की तरफ से आवाज आती है- हैलो, अमरसिंहजी, कैसे हैं आप. हम काफी लंबे समय के बाद बात कर रहे हैं, आप काफी व्यस्त थे क्या? मैंने एक अवॉर्ड फंक्शन में आपको दो बार देखा था. फिर कब मिल रहे हैं आप?
”अमर वार्ता” में अनिल अंबानी ने सुभाष चंद्रा को चूतिया, पागल, इडियट कहा
: कारपोरेट चोरकटई-सिरकटाई, शीर्ष स्तर पर लाबिंग का अदभुत नमूना है यह टेप : अमर टेप कथा के रहस्य जाहिर हो चुके हैं. भड़ास4मीडिया पर सभी 23 टेप जारी किए जा चुके हैं. अब एक-एक टेपों के कंटेंट का विश्लेषण शुरू होगा. फिलहाल हम यहां एक जिस टेप की बात कर रहे हैं, उसमें अमर सिंह और अनिल अंबानी के बीच बातचीत हो रही है. भारत के कम लोगों ने अनिल अंबानी को बोलते हुए सुना होगा. इस टेप में अनिल अंबानी को सुनिए.
अमर सिंह की बिपाशा बसु समेत अन्य से बातचीत के बारह टेप
अमर सिंह के टेपों की यह तीसरी और आखिरी खेप है. इसमें कुल बारह टेप हैं. इसमें एक टेप फिल्म अभिनेत्री बिपासा बसु से अमर सिंह की बातचीत की भी है. ज्ञात हो कि सुप्रीम कोर्ट ने अमर सिंह को 2006 के टेप प्रकरण में झटका देते हुए उनकी याचिका खारिज कर दी है. कोर्ट ने टेप प्रसारण-प्रकाशन की इजाजत दे दी है. कोर्ट ने कहा है कि अमर सिंह गैरकानूनी तरीके से फोन टेप करने वाली कंपनी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अमर के सभी टेप भड़ास4मीडिया के पाठकों के लिए तीन पार्ट में उपलब्ध करा दिए गए हैं.
ये हैं अमर सिंह के पांच और टेप… क्लिक करिए और सुनिए
अमर सिंह के टेपों की ये दूसरी खेप है. कुल पांच हैं इसमें. पाठकों से अनुरोध है कि वे खुद सुनें और नीचे कमेंट के जरिए बताएं कि किससे किससे बात हो रही है और क्या बात हो रही है. इन टेपों को सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रसारित किए जाने से रोक हटाने के बाद जारी किया जा रहा है. टेपों को सुनने के लिए आडियो प्लेयर के साउंड को फुल कर लें और प्ले के निशान पर क्लिक करें. सभी टेप एमपी3 फार्मेट में हैं. कई और टेप हैं जिन्हें कुछ देर बाद इसी साइट पर अपलोड किया जाएगा.
ये हैं अमर सिंह के छह टेप… प्रभु चावला, जेपी गौड़, जया प्रदा आदि से बातचीत के टेप
सुप्रीम कोर्ट ने जब अमर सिंह के टेप से रोक हटा लिया है तो फिर आइए सभी सुन लेते हैं कि इन टेपों में क्या राज और रहस्य है और किनसे किनसे क्या क्या बातचीत अमर सिंह कर रहे हैं. फिलहाल यहां छह टेप जारी किए जा रहे हैं. ये सभी एमपी3 फार्मेट में हैं. आडियो प्लेयर पर क्लिक करें और आडियो प्लेयर में बने साउंड के निशान को फुल पर ले जाएं. फिर बातचीत सुनें. इन टेपों में सबसे पहले अतुल गुप्ता, दूसरे नंबर पर जेपी इंडस्ट्रीज वाले जेपी गौड़ से बातचीत है. चौथे नंबर वाले टेप में प्रभु चावला से अमर सिंह की बातचीत है.
अब बजेगा अमर सिंह का टेप, सुप्रीम कोर्ट ने रोक हटाई
अमर सिंह इस टेप में नेताओं, अभिनेत्रियों, संपादकों आदि इत्यादि से तरह तरह की बातें कर रहे हैं. इस टेप को जब कुछ बरस पहले लीक किया गया था तो अमर सिंह भागे भागे सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे और टेप के प्रसारण पर फटापट रोक लगवाने में कामयाब हो गए थे. पर अब सुप्रीम कोर्ट ने इस टेप के प्रसारण पर से रोक हटा दी है. टेप को अब बजाया जा सकता है और अमर सिंह की बातें सुनी जा सकती हैं.
कांग्रेस के एजेंट अमर सिंह को एक्सपोज करने की जरूरत
: भड़ास पर अब न छपेगा अमर का कोई लेख, वचन या ब्लाग लेखन : इंडिया टीवी पर रजत शर्मा वाले कार्यक्रम आपकी अदालत को कल देख रहा था. इस कार्यक्रम में जज बने थे अमर उजाला के संपादक अजय उपाध्याय. कथित कठघरे में बैठे थे अमर सिंह. अमर सिंह ने वही सारी बातें कहीं जो उन्होंने पिछले दिनों मीडिया वालों से बातचीत के दौरान कही थी. उड़ि बाबा… जेनुइन है… उसी अंदाज में. शांति भूषण और प्रशांत भूषण की धज्जियां उड़ाए जा रहे थे.
अमर सिंह ने अपने ब्लाग पर भी भूषण पिता-पुत्र को दौड़ाया
अमर सिंह पिछले कुछ दिनों से अच्छा खासा मनोरंजन कर रहे हैं. देश की जनता मजे ले रही है. अमर सिंह टीवी पर प्रकट होकर जिस जिस तरह की आवाजें निकालकर भूषण पिता पुत्र को गरिया रहे हैं, वो बहुतों को पसंद आया. खुद को झंडूबाम कहने वाले अमर सिंह की खासियत यह है कि जब वे आगबबूला होते हैं किसी के खिलाफ तो झंडूबाम नहीं बल्कि बम हो जाते हैं.
ये है अमर सिंह – शांति भूषण – मुलायम सिंह यादव की बातचीत का टेप, आडियो प्लेयर पर क्लिक करके सुनें
जिस टेप ने भूषण पिता-पुत्र की नींद हराम कर रखी है, पुलिस में शिकायत दर्ज करने को मजबूर किया, फोरेंसिक एक्सपर्ट्स से जांच करवाना पड़ा, और जिस टेप ने अन्ना हजारे की टीम में विभेद पैदा करने की कोशिश की, उस टेप को पहली बार पब्लिकली प्रसारित किया जा रहा है. और यह प्रसारण भड़ास4मीडिया पर आप यहीं सुनेंगे.
विवादित सीडी की बातचीत भास्कर में प्रकाशित
पूर्व कानूनमंत्री और अपने पिता शांति भूषण और सपा प्रमुख मुलायम सिंह एवं अमर सिंह की कथित बातचीत के टेप को गंभीर साजिश बताते हुए सीनियर एडवोकेट प्रशांत भूषण ने सीडी को फर्जी करार दिया है. उनका दावा है कि यह जोड़-तोड़ कर तैयार की गई है. इस मामले में उन्होंने अमर सिंह का हाथ होने का शक जताते हुए सरकार के लोग के शामिल होने की संभावना से भी इनकार नहीं किया.
शांति भूषण की ईमानदारी की गारंटी नहीं देंगे अन्ना हजारे
: स्वामी अग्निवेश ने शांति भूषण सीडी प्रकरण में अमर सिंह का हाथ होने का शक जताया : शांति भूषण को लेकर जो सीडी इस समय चर्चा में है, उसे अमर सिंह से जोड़ा जा रहा है. स्वामी अग्निवेश का कहना है कि शांति भूषण सीडी प्रकरण में अमर सिंह पर शक हो रहा है. स्वामी अग्निवेश का कहना है कि उन्हें उनके करीबी लोगों ने जो जानकारी दी उसके मुताबिक अमर सिंह अपनी खाल बचाने के लिए सीडी का इस्तेमाल कर सकते हैं. स्वामी अग्निवेश का कहना है कि शांति भूषण ने भ्रष्टाचार के खिलाफ लंबी लड़ाई लड़ी है, इसलिए उनके कई बड़े दुश्मन हो सकते हैं.
उमा और चौटाला का हश्र देख अमर सिंह नहीं गए थे अन्ना के पास
: केडी सिंह के खिलाफ कोई कार्रवाई न होने से अमर सिंह दुखी : आज जिस विषय पर मैं लिखने जा रहा हूँ, संभवतः वह समय की धारा के अनुकूल कतई नहीं, प्रतिकूल अवश्य है. मैंने समाजवादी दल से अपने निष्कासन के बाद सदैव अपने पुराने दल के नए प्रवक्ता मोहन की गालियाँ सुनीं और उसे भी ढेरों सुनाई. अन्ना हजारे जी का बयान कि राजनेताओं को चील कौवों के हवाले कर दो. सुश्री उमा भारती और श्री ओमप्रकाश चौटाला को अपमानित कर भगा दो, क्योंकि ये नेता है.
बहुत बड़े कलाकार हैं केडी सिंह
समाजवादी पार्टी से निकाले जाने के बाद कई क्षत्रिय भाई मुझसे मिले. भाई हरिवंश सिंह मुंबई में रहते है और संपत्ति का काम करते है. बाबा हरदेव पूर्व अधिकारी है. ये सब इकट्ठे थे. सबने मिल कर क्षत्रिय चेतना रथ निकाला और खूब भीड़ हुई. परन्तु बाबा चौधरी अजीत सिंह के उत्तर प्रदेश के प्रांतीय अध्यक्ष बन बैठे.
सार्वजनिक हो सकते हैं अमर सिंह के बातचीत के टेप
सपा के पूर्व महासचिव अमर सिंह की कुछ प्रमुख नेताओं और फिल्मी हस्तियों से टेलीफोन पर बातचीत के अंश वाला टेप सार्वजनिक हो सकता है। मीडिया को इन टेप के अंश के प्रकाशन और प्रसारण की इजाजत मिल सकती है। अमर सिंह फोन टैपिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को इस आशय के संकेत दिए।
अमर का हैप्पी बर्थडे और पूर्वांचली राजनीति
अमर सिंह कनफ्यूजन के चरम पर हैं. जब तक सपा में रहे, अलग पूर्वांचल राज्य की याद नहीं आई. अब अपनी गलती सुधारने के लिए पूर्वी उत्तर प्रदेश के गली-गली कूचे-कूचे घूम रहे हैं. ढेर सारे भावुक और तार्किक भाषण दे रहे हैं.
अपमानित ना होता तो खुद को पहचान नहीं पाता
बड़े-बड़े आंदोलनों और बड़ी-बड़ी क्रान्तियों का जन्म अपमान की कोख से ही होता है. महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका में अच्छे भले वकील थे और अपनी सफल वकालत की मजबूती के कारण प्रथम श्रेणी में यात्रा कर रहे थे, तभी किसी गोरे वर्ण के एक अंग्रेज ने उनके श्याम वर्ण पर टिप्पणी कर उन्हें फर्स्ट क्लास के डिब्बे से फिकवा दिया. फिर क्या था, रंगभेद के कारण हुए इस अपमान के विरुद्ध पिल पड़े गांधी जी ने अंग्रेज साम्राज्यवाद की चूलें भारत से उखाड़ फेंकी.
अमर सिंह की तीसरी कसम
: अब किसी बेगानी शादी का अब्दुल्ला दीवाना न बनने की कसम खाई : पश्चाताप की आग में जल कर ‘पापों’ से मुक्ति पाने का सिलसिला जारी रखे हुए हैं अमर सिंह : अपने ब्लाग पर नई पोस्ट में वर्तमान जीवन दर्शन की गूढ़ बातें बताईं : बोले- बड़े लोगों में कभी निजी झगड़ा नहीं होता, सिर्फ महत्वाकांक्षाओं का टकराव होता है और इस ‘युद्ध’ में खुद-ब-खुद सेनापति बन जाते हैं मेरे जैसे अब्दुल्ला दीवाना टाइप लोग :
आजकल मैं ‘बे-कार’ जो हूं : अमर सिंह
: कैसे चुप रहूँ? : आज एक बैठक में स्वर्गीय चंद्रशेखर जी के बेटे नीरज, वित्त मंत्री श्री प्रणव मुखर्जी जी की उपस्थिति में ब्राडबैंड तकनीक की बात करने लगे. मैंने तत्काल कहा कि भाई नीरज कैसे रहूँ चुप? तुम क्या अब भी समाजवादी पार्टी में ही हो जो कम्प्यूटर, ट्रैक्टर और अंग्रेजी विरोधी है या फिर तुम्हे भी मेरी ही तरह निष्काषन का डर नहीं लगता.
रिश्तों में जहर घोलने वाले बिचौलियों से दुखी हूं
अमर सिंह ने अपने ब्लाग पर अपने मन की हालत को फिर बयान किया है. उनके लिखे को पढ़कर लगता है कि कोई उनके व उनके करीब रहे और अब भूतपूर्व करीब हो चुके लोगों के बीच बचे-खुचे रिश्तों में जहर घोल रहा है, उसी तरह जैसे (अमर के लिखे अनुसार) दो बड़े उद्यमी भाइयों (संभवतः अंबानी बंधु) में विवाद के बीच कुछ खुदरा लोग अपनी दुकानदारी लगाकर बैठ गए थे और भाइयों के एक होते ही इनकी दुकानें बंद हो गईं थीं.
संत अमर सिंह!
अमर सिंह के अंदर कोई बेचैनी है. हलचल है. अवसाद है. और ये सब गहन संवेदनशीलता में गुत्मगुत्था होकर किसी दर्शन की तरह, किसी रोशनी की तरह प्रकट हो रहे हैं. तभी तो वो ऐसी बातें कह लिख पाते हैं जिसे शायद अब बहुत कम, इक्का-दुक्का, नेता-अभिनेता लिख-कह पाते हैं. अमर सिंह ने अपने ब्लाग पर कल जिस पोस्ट का प्रकाशन किया है, उसे पढ़कर तो यही लगता है कि अमर सिंह अगर इस दिशा में इसी रफ्तार से चलते रहे तो बहुत जल्द संत अमर सिंह कहे जाएंगे. उनके विचार की गहनता और अतीत के प्रसंगों के निचोड़ से निकल रही आध्यात्मिक खुशबू यही बताती है कि खराब स्वास्थ्य, राजनीति में अलगाव और दोस्तों से बिलगाव से जूझ रहे अमर सिंह इस हालात का इस्तेमाल आत्मविश्लेषण के लिए भी कर रहे हैं. लीजिए, उनकी ताजी पोस्ट पढ़िए और बताइए कि क्या हाल के दिनों में आपने ऐसा किसी नेता द्वारा लिखा गया पढ़ा है. -यशवंत, एडिटर, भड़ास4मीडिया
मैं अमर सिंह बनना चाहता हूं!
: इतनी उम्र जी लेने के बाद फिर से ज़िंदगी जीना सीख रहे हैं अमर सिंह : परिवार की खातिर बीते हुए दिन लौटाने की अपील कर रहे हैं : होटल ली मेरीडियन में आयोजित रोजा इफ्तार पार्टी में नहीं दिखे अमर सिंह के बड़े-बड़े दोस्त : अकेलेपन और मुश्किल के इस दौर में मन की हलचल को बयान करने का जरिया अपने ब्लाग को बना रहे हैं :
शीतल बने राष्ट्रीय सहारा देहरादून के एडिटर
: राष्ट्रीय सहारा में कई बड़े फेरबदल : दयाशंकर राय लखनऊ के एडिटर : अमर सिंह बनारस के यूनिट हेड : स्नेह रंजन बनारस के संपादक : प्रोडक्शन हेड एलएस भाटी लखनऊ से बनारस भेजे गए : सहारा मीडिया के प्रिंट सेक्शन में कई बदलावों की खबर है. राष्ट्रीय सहारा, लखनऊ यूनिट का स्थानीय संपादक दयाशंकर राय को बना दिया गया है. दयाशंकर अभी तक देहरादून यूनिट के स्थानीय संपादक थे. देहरादून में आरई पद पर एलएन शीतल को लाया गया है जो अभी तक ग्वालियर के अखबार आदित्याज के सीईओ व एडिटर इन चीफ हुआ करते थे.