तो इसलिए कनिमोझी की वकालत कर रहे थे एमजे अकबर!

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पिछले दिनों भड़ास4मीडिया पर इंडिया टुडे में प्रकाशित एमजे अकबर का संपादकीय प्रकाशित किया गया था, जिसके जरिए पाठकों को बताया गया कि किस तरह एक बड़े नाम वाला संपादक एमजे अकबर अपने करियर के उत्तरार्ध में आकर भ्रष्टाचारियों पर रहम किए जाने की कुतार्किक वकालत कर रहा है. उस लेख को आप इस हेडिंग… एमजे अकबर बेशर्मी से कर रहे हैं कनिमोली की वकालत…. पर क्लिक करके फिर से पढ़ सकते हैं.

एक पाठक ने उस लेख के प्रकाशित होने के बाद भड़ास4मीडिया को सूचित किया कि दरअसल कनिमोझी की वकालत यूं ही नहीं है बल्कि एक बड़े गेम प्लान के तहत एमजे अकबर की मजबूरी और लायबिल्टी भी है. इस पाठक का कहना है- ”दरअसल एमजे अकबर जिस द संडे गार्डियन अखबार को चलाते हैं उसमें कुख्यात वकील राम जेठमलानी चेयरमैन या बोर्ड आफ डायरेक्टर्स या संचालकों में हैं. यह बात खुलेआम है. और, राम जेठमलानी हमेशा ऐसे केस हाथ में लेते हैं जिसमें उनको माल बहुत तगड़ा मिलता है. जैसे उन्होंने जेसिका लाल का मर्डर करने वाले मनु शर्मा का केस लड़ा.

इन दिनों कुख्यात कनिमोझी के केस को लड़ रहे हैं. कनिमोझी और उनके बाप के पास पैसे की कमी तो है नहीं. सो उन्होंने राम जेठमलानी के घर को न सिर्फ पैसे से भर डाला बल्कि अतिरिक्त पैसे भी दे डाले कि मीडिया इस तरह मैनेज किया जाए ताकि कनिमोझी के पक्ष में एक भावनात्मक माहौल तैयार हो सके. जाहिर है, द संडे गार्डियन को भी कुछ माल मिला होगा और बजरिए राम जेठमलानी मिला होगा. तो ऐसे में संडे गार्जियन के मालिक एमजे अकबर की मजबूरी हो जाती है कि वे कनिमोझी के पक्ष में माहौल तैयार करें. पर दुर्भाग्य यह कि वे माहौल बजाय अपने अखबार से बनाने के, उस इंडिया टुडे ग्रुप का इस्तेमाल करके बना रहे हैं जिसने उदार होकर उन्हें इस शर्त पर भी अपने यहां काम करने की छूट दे दी कि वे अपना अखबार द संडे गार्डियन निकालते-चलाते हुए भी यहां काम कर सकते हैं.

अब यहां दो सवाल उठते हैं. क्या अरुण पुरी और इंडिया टुडे की डील एमजे अकबर व राम जेठमलानी के जरिए करुणानिधि व कनिमोझी से हो गई है या अरुण पुरी को भनक तक नहीं है, लेकिन उनके बैनर व ब्रांड का दुरुपयोग शुरू हो गया. सच्चाई क्या है, ये तो अरुण पुरी ज्यादा अच्छे से जानेंगे पर इन दिनों मीडिया की गली में कस कर शोर है कि इंडिया टुडे के संपादकीय की नीयत में खोट है…”

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Comments on “तो इसलिए कनिमोझी की वकालत कर रहे थे एमजे अकबर!

  • ashish choudhary says:

    such kabhi samne nahi hota.mera advice to yahi hai ki mj sir ko gulab kothari ji se milna chaiye. mj sir chintan kam karte hai or apni memory ka istemal jyada karte hai.
    Vaise bhi sarkar janta ke samne curruption virodhi hone ka dikhava kar rahi hai isliye to raja or kanimodi ko jail main betha rakha hai.

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