खुद को दुनिया का सबसे बड़ा अखबार बताने वाले दैनिक जागरण की सोच कितनी छोटी है इसका अंदाजा चार मई को दैनिक जागरण के आगरा एडिशन में प्रकाशित एक समाचार से ही लगाया जा सकता है। वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम डे पर आगरा में आयोजित एक कार्यक्रम में भी दैनिक जागरण समूह अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी हिंदुस्तान के साथ अपनी प्रतिस्पर्द्धा को अनदेखा नहीं कर पाया।
असल में इस कार्यक्रम में हिंदुस्तान के प्रधान संपादक शशि शेखर भी भाग लेने आए थे। दैनिक जागरण के आगरा एडिशन में चार मई को इस संबंध में पेज नंबर पांच पर एक समाचार मीडिया की
इंटरनेट पर यदि जागरण के ई-पेपर को देखें तो पेज वाली फोटो में शशि शेखर नहीं हैं मगर फोटो पर क्लिक करके जो लार्ज फोटो निकलता है उसमें शशि शेखर दिखाई देते हैं। वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम डे जैसे मौके पर, जब पूरी दुनिया में प्रेस की स्वतंत्रता कम होने पर चिंता व्यक्त की जा रही है उस समय भी आपसी प्रतिद्वंद्विता और दूसरे के कद को छोटा करके दिखाने पर आखिर क्या हासिल किया जा सकता है।
बहरहाल इसने एक बार फिर सिद्ध किया है कि जागरण की सोच क्या है और वह शशि शेखर के स्तर को इस लायक भी नहीं मानता कि अन्य अतिथियों के साथ उनका फोटो छापा जा सके। इस संबंध में समाचार पढ़ने तथा फोटो देखने के लिए नीचे दिए गए दोनों लिंकों पर क्लिक किया जा सकता है।
एक पत्रकार द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.
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nam bade darshan chote