: उपन्यासकार रवीन्द्र प्रभात का नागरिक अभिनन्दन : बाराबंकी-रामनगर । आज समय के आगे देखने की जरूरत है। जब हम अपने वर्तमान में खड़े होंगे तभी समय के आगे देख सकेंगे। अपने समय के सच से जनता को रूबरू कराना मीडिया का काम है। कबीर और बुद्ध अपने समय में रहकर समय के आगे की दृष्टि अर्जित करने वाले अपने समय के प्रतिनिधि महापुरूष हैं।
यह उदगार उपन्यासकार रवीन्द्र प्रभात के नागरिक अभिनन्दन तथा ‘लोक संघर्ष पत्रिका’ के लोकार्पण के अवसर पर मुख्य अतिथि जनसंदेश टाइम्स के सम्पादक डॉ. सुभाष राय ने रामनगर तहसील के सभागार में इण्डियन एसोसिएशन ऑफ लायर्स, बाराबंकी की ओर से आयोजित समारोह में व्यक्त किए। इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया के बारे में उन्होंने कहा कि आज आवश्यकता समाज में अपने शत्रु को पहचानने की है। मल्टीनेशनल कम्पनियां हमारी मित्र बनकर हमें लूट रही हैं और अपना उल्लू सीधा कर रही हैं। आज की तारीख में मीडिया अपना कार्य ठीक प्रकार से नहीं कर पा रही है क्योंकि मीडियाकर्मी आज केवल एक नौकरी भर कर रहे हैं। उसकी अपनी मजबूरियां हैं। लोक संघर्ष तथा जन संदेश जैसी पत्र पत्रिकाएं अपनी पहचान अपने शत्रु से कराती हैं इसलिए इन्हें पढ़ें।
कवि कथाकार रवीन्द्र प्रभात की ब्लागिंग में योगदान और उनके अद्यतन उपन्या की उन्होंने तारीफ की। अपने नागरिक अभिनंदन के बाद कथाकार रवीन्द्र प्रभात ने कहा कि पत्रकारिता में एक व्यक्ति कभी विश्वसनीय नहीं बन सकता लेकिन एक व्यक्ति ऐसा होता है जो सूचनाओं के माध्यम से पूरा विश्व बन जाता है। इण्टरनेट और ब्लॉग ऐसी ही दुनिया है। ब्लॉग विश्लेषक के रूप में ख्याति आप लोगों के कारण है। आज शब्द भी मनोरंजन के साधन हो गये हैं। शब्दों को अब हम जीवन में नहीं उतारते इसलिए कविता फेल हो रही है।
इस अवसर पर उन्होंने ‘वटवृक्ष’ पत्रिका के आगामी प्रेम विशेषांक की घोषणा के साथ यहां के रचनाकारों को इसमें शामिल होने का अनुरोध भी किया। सभा के विशिष्ट अतिथि अन्तरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय वर्धा से पधारे सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी ने कहा, जब तक हम अपने, सिर्फ अपने विषय में सोचना बन्दकर दूसरे के हित के विषय में नहीं सोचेंगे, समाज में परिवर्तन लाना कठिन है। एक अन्ना हजारे या रामदेव से क्या होना है? जब तक कि इनके पीछे जनता की ताकत न हो। राजनीति आज हमारी दुश्मन बन गयी है। सभा के अतिथि प्रसिद्ध गजलकार कुंवर कुसुमेश ने लोक संघर्ष पत्रिका को बधाई देते हुए कहा कि सामाजिक सरोकारों से सम्बद्ध सामग्री से लैस लोक संघर्ष पत्रिका तथा वटवृक्ष एक अच्छे और जागरूक समाज के निर्माण में अहम भूमिका निभा रही है।
एडवोकेट मुहम्मद शुऐब ने कहा कि ज्यादातर बड़ी राजनीतिक पार्टियों के पीछे किसी न किसी बहुराष्ट्रीय कम्पनी का हाथ है जो सत्ता में आते ही प्रत्यक्ष रूप से उन्हें लाभ देने लगती हैं। सभा की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अमर पाल सिंह ने डा. श्याम सुंदर दीक्षित तथा अन्य अतिथियों को प्रतीक चिन्ह व अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया तथा आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन संयोजक अधिवक्ता बलराम सिंह ने किया। इस अवसर पर लोकसंघर्ष के प्रबंध सम्पादक रणधीर सिंह सुमन, उप सम्पादक पुष्पेन्द्र कुमार सिंह, डा. श्याम सुंदर दीक्षित, विजय प्रताप सिंह एडवोकेट, सैयद कमर अस्करी, प्रदीप सिंह, डा. आलोक शुक्ला, अम्बरीश अम्बर, राजन सिंह, डा. विनय दास, सुशील प्रधान, आनन्द सिंह, अरविन्द वर्मा आदि भी उपस्थित रहे।
लोकसंघर्ष पत्रिका के उप संपादक पुष्पेन्द्र कुमार सिंह की रिपोर्ट
Comments on “समय से आगे देखने की जरूरत : डॉ. सुभाष राय”
thanks you.
lok sanghrs patrika ko bdhai.
बहुत ही बढ़िया लगा
Ravindra prabhat ji sahitya aur bloging ka bahut bada naam hai, inake samman se sammaanit hota hai samman. dher sari badhayiyan prabhat ji .
Ravindra Prabhat ji ni:sandeh uchch koti ke rachanakar hain , inake samman se sammanit hotaa hai samman…..dher saree badhayiyan ravindra ji