धर्मेंद्र से मैंने भी वही अटपटा और फालतू का सवाल किया जो टीवी वाले अक्सर हर किसी से पूछते दिख जाते हैं- यहां से आप जा रहे हैं, उजड़ रहे हैं, तो कैसा महसूस कर रहे हैं? धर्मेंद्र थोड़े असहज थे, घर की पैकिंग के दृश्य को शूट किए जाते देखकर, सवाल सुनकर वे पहले मुस्कराए, फिर बोले…. दिल्ली खानाबदोशों का शहर है… लाखों लोग आते जाते रहते हैं… कमाने-खाने आते रहते हैं…. हम भी पड़े हुए थे…. अब जा रहे हैं…. किसी के आने जाने से दिल्ली पर बहुत फरक नहीं पड़ता…. धर्मेंद्र को शिकायत है कि शीर्ष पदों पर बैठे लोगों को पता ही नहीं है कि नीचे क्या खेल चल रहा है… किसका करियर तबाह किया जा रहा है, वे यह जानना ही नहीं चाहते … मुझे लगता है कि इन सब चीजों से अब कंपनियां मतलब भी नहीं रखतीं….. (देखें नीचे, पहला वीडियो)
मुझे बैक पेन डिस्क स्लिप की समस्या हो गई है…. लगातार कुर्सी से हमारा साथ रहा है…. बारह साल से… डाक्टर ने कहा कि टहलना बहुत जरूरी है…. आराम करना बहुत जरूरी है…. इसीलिए छुट्टी पर चला गया था… दो महीने की छुट्टी से लौट कर आया तो एक भी मेडिकल देना कंपनी ने उचित नहीं समझा… मैंने बराबर फैक्स किया… स्वास्थ्य खराब होने के प्रमाण भेजे….. पर कनसीडर नहीं किया गया… मुझे जागरण मैनेजमेंट से शिकायत है… सेकेंड लाइन के लोग क्या कर-करा रहे हैं, इसे नहीं देखा जाता… नीचे वाले फ्रस्ट्रेट हैं तो अपना सौ फीसदी योगदान कैसे दे पाएंगे… (देखें नीचे, दूसरा वीडियो)
मैंने फ्रीलांसिंग से ही करियर की शुरुआत की थी और मैं सोचता हूं कि फ्रीलांसिंग से ही करियर का खात्मा करूंगा… बाबूगिरी और नहीं…. बाबूगिरी बस और नहीं… न मैं खुश हूं… न पैरेंट्स खुश हैं…. न वाइफ खुश है… न बच्चे खुश हैं… सौ रुपये मांगते हैं तो 20 रुपये टिकाता हूं… बच्चे भी अगर दस रुपये मांगते हैं तो उन्हें पांच रुपये देकर मनाता हूं… तो ये है मेरा पे स्केल… साढ़े पांच साल तक हर तरह से सेवा करने के बाद यही मेरी उपलब्धि है… मेरी बच्ची है तीन साल की, हार्डली मेरे पास बीस साल का समय है, बीस साल में बीस लाख रुपये लगेंगे उसकी शादी में तो कहां से लाऊंगा… मेरी प्रोग्रेस की अगर यही रफ्तार रही तो क्या मैं 20 साल में बीस लाख रुपये इकट्ठा कर सकता हूं…. मेरा मानना है कि दैनिक जागरण में नौकरी करते हुए कतई बीस लाख रुपये बीस साल में इकट्ठा नहीं कर सकता हूं…. (देखें नीचे, आखिरी वीडियो)