Connect with us

Hi, what are you looking for?

हलचल

‘बड़ी हास्यास्पद रिपोर्ट थी बी4एम पर’

[caption id="attachment_15644" align="alignnone"]डॉ. माथुर नाम के एक सीनियर मेंबर ने जब बोलना चाहा तो कुछ पत्रकारों ने उन्हे न सिर्फ बोलने से रोका बल्कि उनके साथ धक्कामुक्की और हाथापाई की, बगैर उनकी उम्र का लिहाज किए।डॉ. माथुर नाम के एक सीनियर मेंबर ने जब बोलना चाहा तो कुछ पत्रकारों ने उन्हे न सिर्फ बोलने से रोका बल्कि उनके साथ धक्कामुक्की और हाथापाई की, बगैर उनकी उम्र का लिहाज किए।[/caption]

प्रेस क्लब आफ इंडिया के दो सदस्यों ने भड़ास4मीडिया को भेजी पाती…

डॉ. माथुर नाम के एक सीनियर मेंबर ने जब बोलना चाहा तो कुछ पत्रकारों ने उन्हे न सिर्फ बोलने से रोका बल्कि उनके साथ धक्कामुक्की और हाथापाई की, बगैर उनकी उम्र का लिहाज किए।
डॉ. माथुर नाम के एक सीनियर मेंबर ने जब बोलना चाहा तो कुछ पत्रकारों ने उन्हे न सिर्फ बोलने से रोका बल्कि उनके साथ धक्कामुक्की और हाथापाई की, बगैर उनकी उम्र का लिहाज किए।

प्रेस क्लब आफ इंडिया के दो सदस्यों ने भड़ास4मीडिया को भेजी पाती…

बंधु यशवंत,

बी4एम नियमित देखता-पढ़ता हूं। आपकी समझ की कद्र करता हूं। ‘प्रेस क्लब से पुष्पेंद्र के साम्राज्य का अंत हो गया’- शीर्षक से प्रकाशित रिपोर्ट बड़ी हास्यास्पद थी। ये मानकर चलता हूं कि भड़ास4मीडिया खबरनवीसों की खबर देता है इसलिए उसका दृष्टिकोण निःस्सदेंह ज़्यादा व्यापक होगा और हर खबर में बिग पिक्चर को देखने की क्षमता से युक्त होगा। चूंकि मैं भी पत्रकार हूं इसलिए प्रेस क्लब की उठापटक से परिचित रहता हूं। मुझे आश्चर्य हुआ इस लाइन पर कि ‘पुष्पेंद्र के साम्राज्य का अंत हो गया’। प्रेस क्लब में ईजीएम के दिन का दृश्य

अरे भइया, लोकतांत्रिक तरीके से चुने हुए अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और कार्यकारिणी के सदस्यों को तालिबानी तरीके से हटाने की कोशिश होगी और आप ऐसा शीर्षक लगाकर छाप देंगे। प्रेस क्लब की कार्यकारिणी में मेरे भी कुछ जानने वाले हैं। वित्तीय अनियमितता नाम का एक अदृश्य, अबूझ भूत है, हथियार है जिसे जब-जब ज़ोर से कहा जाता है, सनसनी पैदा करता है। और अक्सर ये कार्यकाल के बारह महीने खत्म होने में (या चुनाव आने में ) जब एक महीना रह जाता है, तभी प्रकट होता है। कुछ मिनटों की ईजीएम में जिन-जिन आरोपों का जिक्र किया गया, उन सभी पर कार्यकारिणी की बैठकों में विस्तार से चर्चा हो चुकी है औऱ सभी आरोप जवाब देकर बेबुनियाद साबित किए जा चुके हैं। सीक्रेट अकाउंट, बिना पर्ची लेन-देन, एक करोड़ का घाटा… ये सब ऐसी बातें हैं जो चौंकाऊ तो बहुत हैं, लेकिन बेहद बेबुनियाद और तकनीकी और तथ्यात्मक आधार पर हास्यास्पद। इन पर कार्यकारिणी की बैठकों में भी विस्तार से चर्चा हुई है सफाई मांगी गई है और जवाब देकर सभी को संतुष्ट भी किया गया है। लेकिन ईजीएम के नाम पर ‘कुछ खास लोगों’ को बुलाकर उन्ही ‘सनसनीखेज़’ आरोपों को दोहरा दिया गया और संदेश चला गया कि ‘भ्रष्टाचारी पुष्पेंद्र के कुशासन का अंत हो गया’। प्रेस क्लब में ईजीएम के दिन का दृश्य

प्रेस क्लब पिछले तीन सालों में कहां से कहां पहुंच चुका है, इस बारे में किसी भी क्लब के रेगुलर निष्पक्ष विज़िटर से जाना जा सकता है। आपने कुछ पता किया इस बारे में कि तथाकथित ईजीएम किस तरह हुई है। कोरम तक नहीं पूरा था। पचास साठ वो लोग जो तीन सालों से पुष्पेंद्र के खिलाफ चुनाव लड़ते आ रहे हैं और कुछ लोग और खींचखाच कर बुलाए लोग कुल मिलाकर एक सौ पंद्रह लोगों की ईजीएम थी। प्रेस क्लब के संविधान के मुताबिक कोरम भी 260 की संख्या पर पूरा होता है। बड़े सुनियोजित और षडयंत्रकारी तरीके से बाहुबल के साथ पंद्रह मिनट में ये ईजीएम खत्म हो गई। कुछ वरिष्ठ पत्रकार भी इत्तेफाक से वहां मौजूद थे, उन्होने जब इस असंवैधानिक प्रक्रिया पर कुछ बोलना चाहा, तो उनके साथ किस कदर बदसलूकी की गई, ये आप संलग्न तस्वीर में देख सकते हैं। शक था कि कहीं ये पुष्पेंद्र के समर्थक न हों। ईजीएम की हकीकत बताने के लिए संलग्न तस्वीर ही काफी है। डॉ माथुर नाम के एक सीनियर मेंबर ने जब बोलना चाहा तो कुछ पत्रकारों ने उन्हे न सिर्फ बोलने से रोका बल्कि उनके साथ धक्कामुक्की और हाथापाई की, बगैर उनकी उम्र का लिहाज किए। ये तस्वीरें उज्जैन के प्रोफेसर सब्बरवाल हत्याकांड की याद दिलाती हैं। तस्वीर में दिख रहे ये तमाम पत्रकार उस हत्याकांड में बीजेपी की आलोचना से पेज रंगते रहे हैं। वहां भी जड़ में वोट की राजनीति थी यहां भी है। बाकी भ़ड़ास4मीडिया की समझ पर अब भी विश्वास कायम है, कृपया उसे बनाए रखें। खबरनवीसों की खबर करना बेहद जिम्मेदारी का और चुनौतीपूर्ण काम है।

शुभकामनाएँ।

[email protected]


 

(मेल भेजने वाले ने अपना नाम नहीं भेजा है, इसलिए उनकी मेल आईडी प्रकाशित की जा रही है। इस मेल के प्रकाशन का मकसद प्रेस क्लब में हालिया घटित हुए घटनाक्रम पर दूसरे पक्ष की बात को सामने लाना है. अगर इस मसले पर प्रेस क्लब से जुड़ा कोई व्यक्ति कुछ भेजना या कहना चाहता है तो उसका भी स्वागत है. इसके लिए [email protected] का सहारा ले सकते हैं. प्रेस क्लब के मुद्दे पर एक अन्य मेल भी भड़ास4मीडिया के पास पहुंचा है, जिसे नीचे प्रकाशित कर रहे हैं. -संपादक)


यशवंत जी, विश यू ओके. आप को मेरी नमस्ते. मैंने आपके यहां प्रेस क्लब आफ इंडिया की फुल रिपोर्टिंग देखी. सारी. मुझे ऐसा लगता है कि जैसे आप के यहां से भी पुष्पेंद्र को हटाने का पूरा अभियान इनडायरेक्टली चला. मैं करीब 12 साल से पीसीआई का मेंबर हूं और हर रोज ड्रिंक के लिए क्लब आने वालों की टीम का हिस्सा नहीं हूं. पुष्पेंद्र की टीम ने क्लब में टाप अरैंजमेंट किए. यहां वर्षों बाद फेमिली के साथ मेंबर आने लगे और ओल्ड ड्यूज भी मेंबर्स ने देने स्टार्ट किए। क्लब में वर्षों बाद फंक्शन्स में फेमिली के साथ मेंबर्स आए. यह तभी हो पाया क्योंकि पुष्पेंद्र ने यहां ऐसा कुछ किया कि मेंबर्स को लगा, यहां सिर्फ ड्रिंक के लिए ही नहीं, वीकेंड पर फेमिली के साथ भी आना चाहिए. मुझे आप से बस यही कहना था. थैंक यू.

-चंद्र मोहन शर्मा

[email protected]

Advertisement. Scroll to continue reading.

Click to comment

0 Comments

  1. Devendra Pratap

    October 20, 2010 at 12:15 am

    Sir, I want to join with your club and want to be updated with media news through mobile services. my mobile number is 9911806746

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

अपने मोबाइल पर भड़ास की खबरें पाएं. इसके लिए Telegram एप्प इंस्टाल कर यहां क्लिक करें : https://t.me/BhadasMedia

Advertisement

You May Also Like

Uncategorized

भड़ास4मीडिया डॉट कॉम तक अगर मीडिया जगत की कोई हलचल, सूचना, जानकारी पहुंचाना चाहते हैं तो आपका स्वागत है. इस पोर्टल के लिए भेजी...

Uncategorized

भड़ास4मीडिया का मकसद किसी भी मीडियाकर्मी या मीडिया संस्थान को नुकसान पहुंचाना कतई नहीं है। हम मीडिया के अंदर की गतिविधियों और हलचल-हालचाल को...

टीवी

विनोद कापड़ी-साक्षी जोशी की निजी तस्वीरें व निजी मेल इनकी मेल आईडी हैक करके पब्लिक डोमेन में डालने व प्रकाशित करने के प्रकरण में...

हलचल

[caption id="attachment_15260" align="alignleft"]बी4एम की मोबाइल सेवा की शुरुआत करते पत्रकार जरनैल सिंह.[/caption]मीडिया की खबरों का पर्याय बन चुका भड़ास4मीडिया (बी4एम) अब नए चरण में...

Advertisement