पंचलाइन कचोटता है जब एचटी बिल्डिंग के सामने से गुजरता हूं

नीरज भूषणयशवंत भाई, मैं भूला नहीं हूँ हिंदुस्तान टाइम्स का पंचलाइन — लिव स्मार्ट. यह पंचलाइन कचोटता है जब कस्तूरबा गाँधी मार्ग स्थित उसकी बिल्डिंग के सामने से गुजरता हूँ. इतनी बड़ी इमारत और उतना ही ऊंचा उसका अहम. कोलाज के माध्यम से दिखलाने की कोशिश किया हूँ कि दिल्ली के बिलकुल बीचों-बीच कैसे एक ही जगह की दो तस्वीरें हो सकती है. हिंदुस्तान टाइम्स अखबार से 2004 में सिर्फ 362 कर्मचारी ही नहीं निकाले गए थे बल्कि उस घटना ने बाकियों के लिए भी गेट खोल दिया था. बाद में संपादक मृणाल पाण्डेय को भी वहाँ से तशरीफ़ लेकर जाना पड़ा था. मैं तो हिंदुस्तान टाइम्स बिल्डिंग के सामने से गुजरता हूँ तो कई भावनाएं उठती हैं, मन विचलित होता है. इसी सम्बन्ध में प्रस्तुत है मेरा नया पोस्ट.

सहारा में फिर होगी छंटनी?

टीवी व इंटरनेट के 11 लोग प्रिंट में भेजे गए : सहारा मीडिया में फिर से छंटनी की तैयारी शुरू हो गई है. इसके तहत सहारा के नोएडा स्थित आफिस में टीवी और इंटरनेट सेक्शन में कार्यरत करीब 11 लोगों को प्रिंट सेक्शन में भेज दिया गया है. सूत्रों का कहना है कि प्रबंधन ने सहारा मीडिया के टीवी, प्रिंट व इंटरनेट सेक्शन में करीब तीन सौ से ज्यादा लोगों को ‘फालतू’ कैटगरी के तहत शिनाख्त की है.

धन्ना सेठों के बिगाड़े न बिगड़ेगी किस्मत

नई पहल के लिए आप भी सेठी और जैन को शुभकामनाएं दें : ज़िंदगी तो गुरु चलती रहती है. धन्ना सेठों के बिगाड़े नहीं बिगड़ता किसी का नसीब. कुछ दिनों का संकट आ सकता है, थोड़ी परेशानियां आ सकती हैं पर इन मुश्किलों में जो हिम्मत नहीं हारते और कुछ नया रचने-करने की कोशिश करते हैं जमाना उन्हीं के कदमों में होता है. पिछले दिनों छंटनी व बंदी के कारण बेरोजगार हुए दो पत्रकारों ने अपनी नई जिंदगी की शुरुआत की है. उनकी नई ज़िंदगी का हर क्षण उनका अपना होगा.

‘इंडिया न्यूज’ में जॉब? ना बाबा ना!

फिर छंटनी शुरू : दर्जन भर मीडियाकर्मी हटाए गए : एसाइनमेंट हेड योगराज ने इस्तीफा दे मारा : नौकरी करने के लिहाज से भारत में मीडिया सेक्टर वाकई सबसे खतरनाक और असुरक्षित सेक्टर है. कब कौन चैनल या अखबार किसको संस्थान से निकाल दे, कोई ठिकाना नहीं.

सीएनबीसी टीवी18 वालों की सेलरी बढ़ी

सीएनबीसी टीवी18 और सीएनबीसी आवाज में कार्यरत लोगों के मुस्कराने का वक्त है. इन बिजनेस चैनलों के दिल्ली-मुंबई समेत प्रत्येक आफिस में कार्यरत स्टाफ की सेलरी बढ़ा दी गई है. करीब 10 से 20 फीसदी तक वृद्धि हुई है. ढाई साल के बाद यह इनक्रीमेंट लगा है. ढाई साल तक पूरे स्टाफ को मंदी के नाम पर चुप रखा गया. कुछ महीनों पहले सीएनबीसी टीवी18 से बड़ी संख्या में मीडियाकर्मी बाहर किए गए.

दुखी हुए तो माफ करो : हरीश गुप्ता

हरीश गुप्ता ने इंडिया न्यूज के साथियों को भेजा अलविदा पत्र : जो इस दुनिया में आया है, उसे जाना ही है. जो कहीं नौकरी कर रहा है, उसे वहां से विदा होना ही है. एक न एक दिन. हरीश गुप्ता भी इंडिया न्यूज छोड़ गए. एडिटर इन चीफ और सीईओ पद त्याग गए. उनके जाने की चर्चाएं काफी दिनों से थीं. काफी दिनों से वे आफिस नहीं आ रहे थे. अब उन्होंने इस्तीफा भी भेज दिया है. 

स्टार न्यूज में छंटनी, एक्जीक्यूटिव एडिटर की विदाई

स्टार न्यूज में एक बार फिर छंटनी की शुरुआत हो चुकी है. खबर है कि एक्जीक्यूटिव एडिटर पद पर कार्यरत और पिछले दो-ढाई साल से उपेक्षित एक पत्रकार से एचआर डिपार्टमेंट ने जबरन इस्तीफा लिखवा लिया है. ये पत्रकार अच्छे-खासे पैकेज पर काम करते थे. कुछ लोगों का कहना है कि वे दो-ढाई वर्षों से यदा-कदा ही काम करते थे क्योंकि उनके जिम्मे कोई काम होता ही नहीं था.

शशि शेखर, जवानी आपकी भी जाएगी

हिंदुस्तान से प्रमोद जोशी, सुषमा वर्मा, शास्त्रीजी, प्रकाश मनु, विजय किशोर मानव हो रहे हैं विदा : ‘इस्तीफा नहीं दिया है’ जैसी बात कहते हुए भी हिंदुस्तान, दिल्ली के सीनियर रेजीडेंट एडिटर प्रमोद जोशी चले जाने की मुद्रा में आ गए हैं। एकाध-दो दिन आफिस वे आएंगे और जाएंगे लेकिन इस आने-जाने का सच यही है कि वे फाइनली जाने के लिए आएंगे-जाएंगे। दरअसल, एचटी मीडिया से हिंदुस्तान अखबार को अलग कर जो नई कंपनी हिंदुस्तान मीडिया वेंचर्स लिमिटेड (एचएमवीएल) की स्थापना की गई है, उसमें रिटायरमेंट की उम्र 60 की बजाय 58 साल रखी गई है। रिटायर होने की उम्र पहले 58 ही हुआ करती थी लेकिन केंद्र सरकार ने इसमें दो साल की वृद्धि की तो नियमतः सभी निजी-सरकारी संस्थानों ने भी अपने यहां 60 साल कर लिया। पर इस लोकतंत्र में नियम केवल नियम हुआ करते हैं, पालन करने योग्य नहीं हुआ करते। कई निजी कंपनियों में तो लोग 44 या 55 की उम्र में ही रिटायर कर दिए जाते हैं। ऐसा ही एक मुकदमा बनारस में चल रहा है।

पत्रकारिता के इन धुरंधरों ने मेरी धुरी काट दी

आकाश श्रीवास्तवछंटनी के शिकार आकाश ने न्यूज वेबसाइट लांच कर एनडीटीवी में भोगे गए अपने दिनों की कहानी बयान की : पिछले दिनों रिसेशन के नाम पर एनडीटीवी प्रबंधन ने इनपुट एडिटर के पद पर काम करने वाले आकाश श्रीवास्तव को संस्थान से बाहर का रास्ता दिखा दिया। इस घटना से आकाश इतने आहत हुए कि उन्होंने कहीं और नौकरी न करने का इरादा कर लिया। खुद आकाश के शब्दों में- ‘पिछले करीब चौदह साल के अनुभवों के बाद अब न्यूज़ चैनलों के दफ्तरों में बायोडाटा लेकर घूमने के लिए हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था। चूंकि बगैर किए कुछ होता नहीं इसलिए हमनें भी कुछ करने का निश्चय किया और अपनी एक न्यूज़ वेबसाइट लांच की है जिसका नाम है “थर्ड आई वर्ल्ड न्यूज़”।’ इस वेबसाइट में आकाश ने एनडीटीवी के अपने दिनों पर एक संस्मरण भी लिखा है, जिसका शीर्षक है- ‘एनडीटीवी, एक दुखद अनुभव का अंत’ आकाश का यह संस्मरण आंखें खोलने वाला है और एनडीटीवी के अंदर के माहौल को लेकर कायम कई तरह के भ्रमों को खत्म करने वाला है। आकाश की नई वेबसाइट के बारे में ज्यादा जानकारी से पहले आइए, उनकी आपबीती पढ़ें, जो उनकी अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित है-

टीवी100 से बिना सूचना 15 की छंटनी

उत्तराखंड केंद्रित रीजनल न्यूज चैनल टीवी100 से करीब एक दर्जन लोगों की छंटनी की खबर है। सूत्रों के अनुसार बीते दिनों 12 से 15 लोगों को आफिस न आने के लिए कह दिया गया। ये लोग चैनल के विभिन्न डिपार्टमेंट से संबंधित हैं। छंटनी का कोई आधिकारिक कारण नहीं बताया गया है और न ही छंटनी के शिकार लोगों को कोई नोटिस या भुगतान दिया गया। सूत्रों ने बताया कि नोएडा के सेक्टर छह स्थित आफिस से संचालित इस रीजनल चैनल के सीईओ कुलीन गुप्ता ने छंटनी के आदेश जारी किए और 14 अगस्त की शाम सभी 15 लोगों को एक-एक कर गुड बाय बोल दिया गया।

‘जन संदेश’ से दो वरिष्ठों और 13 कनिष्ठों की छुट्टी

यूपी के प्रमुख रीजनल न्यूज चैनलों में से एक ‘जन संदेश’ में बड़े पैमाने पर छंटनी होने की जानकारी मिली है। प्रबंधन ने करीब 15 लोगों को टाटा-बाय-बाय बोल दिया है। भड़ास4मीडिया के पास इन सभी लोगों के नाम हैं लेकिन इन मीडियाकर्मियों के करियर को देखते हुए यहां किसी का भी नाम प्रकाशित नहीं किया जा रहा है। निकाले गए लोगों में से दो वरिष्ठ है। इनमें से एक साउंड सेक्शन में थे और दूसरे इनपुट पर। बाकी करीब 13 कर्मी जूनयिर लेवल के हैं। छंटनी में परफारमेंस को ध्यान में रखा गया है। कहा जा रहा है कि प्रबंधन ने खासतौर पर उन लोगों को निशाना बनाया है जो केवल आफिस आने और जाने में यकीन रखते थे, काम से बहुत खास कोई लेना-देना नहीं था। निकाले गए 15 कर्मियों में 2 लड़कियां हैं।

उठने से पहले ही शांत हो गईं ‘लहरें’

‘लहरें’ के चैनल हेड समेत 13 पत्रकारों का इस्तीफा,  इंडिया न्यूज से जुड़े : देश के पहले 24×7 बालीवुड न्यूज चैनल ‘लहरें’ ने लांच होने से पहले ही दम तोड़ दिया है। इस फिल्मी न्यूज चैनल के साथ दर्जनों लोग जुड़े लेकिन अब सभी इधर-उधर हो चुके हैं। ज्यादातर लोग अपने-अपने संस्थानों से इस्तीफा देकर इस नए न्यूज चैनल के साथ अपना भविष्य संवारने के लिए जुड़े थे। लेकिन मीडियाकर्मियों का भविष्य तब संवरता जब चैनल का अपना कोई भविष्य बन पाता। इस चैनल के साझीदारों के बीच झगड़े के चलते ‘लहरें’ की पूरी टीम को जाना पड़ा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ‘लहरें’ के ज्यादातर लोगों की छंटनी की जा चुकी है। जो लोग बचे, वे दो हिस्से में विभक्त हो गए हैं। करीब दर्जन भर लोग ‘लहरें’ की साझीदार कंपनी टीवी9 के साथ हो लिए हैं। वहीं एक दर्जन अन्य मीडियाकर्मी इंडिया न्यूज के साथ जुड़ चुके हैं।

कपाड़िया साहब कोई आम मीडियाकर्मी तो हैं नहीं !

मंदी की मार खाए कपाड़िया साहब नई पारी महाराष्ट्र के प्रमुख दैनिक लोकमत के साथ शुरू करेंगे। अभी तक वे उस वेंचर के सर्वेसर्वा हैं जो मंदी की बलि चढ़ गया। यह वेंचर है जागरण समूह और टीवी 18 ग्रुप के मिल-जुल कर देश भर में बिजनेस अखबार निकालने का। कपाड़िया इस वेंचर के सीईओ और एमडी हैं। पर यह वेंचर मूर्त रूप न ले सका। मंदी की आंधी चल पड़ी। कहने को तो यह वेंचर केवल पोस्टपोन किया गया है लेकिन सूत्र बताते हैं कि इसे पूरी तरह कैंसिल कर दिया गया है। भर्ती किए जा चुके सैकड़ों लोगों को बाय-बाय बोलकर बेरोजगार कर दिया गया।

टाइम्स समूह ने 1400 लोगों से नाता तोड़ा!

खबर है कि टाइम्स आफ इंडिया सहित इस ग्रुप की सभी मीडिया कंपनियों के कुल 1400 लोगों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है! सूत्रों के अनुसार पिछले दिनों टाइम्स प्रबंधन ने पूरे ग्रुप का एक सर्वे कराकर खर्चे बचाने के लिए अतिरिक्त स्टाफ से मुक्ति पाने के लिए सर्वे कराया। बताया जाता है कि कुल 2500 लोगों की एक लिस्ट बनाई गई जिन्हें फालतू स्टाफ माना गया है।

मंदी के मारे मीडिया हाउसों के पत्रकार बने बेचारे

मंदी की मार से बचने के नाम पर किए जा रहे उपायों से मीडिया इंडस्ट्री में हजारों पत्रकारों को बेकार होना पड़ा है। भड़ास4मीडिया के पास मीडिया संस्थानों से छन छन कर आ रही सूचनाओं से पता चलता है कि स्थिति विकट हो चली है। हर मीडिया हाउस अपने सरवाइवल के लिए और मंदी की कथित आंधी से उबरने के लिए मैन पावर में कटौती का मंत्र अपनाए है। इससे हर रोज सैकड़ों लोगों की रोजी-रोटी छिन रही है। पता चला है कि इंडिया न्यूज ने अपने मुंबई आफिस को बंद करते हुए 30 से 35 लोगों को टाटा बाय बाय बोल दिया है। जी स्पोर्ट्स से 25 लोग निकाले गए हैं। ई 24 के मुंबई से संचालन को बंद कर इसे दिल्ली शिफ्ट किया जा रहा है। सहारा के चैनलों से कई जर्नलिस्टों को बाहर किए जाने की सूचना है। ईटीवी ने नया फरमान जारी किया है। ये सभी खबरें अब विस्तार से-

कई चैनलों में सेलरी संकट, दीपावली होगी काली

कहीं कंपनी के दिवालिया होने के आसार,  कहीं नई-पुरानी कंपनी की नीतियों में तकरार और कहीं आर्थिक मंदी की मार- अंततः भुगत रहा है पत्रकार। वायस आफ इंडिया, लाइव इंडिया और आईटीएन–  इन तीनों जगहों पर कार्यरत पत्रकार अपने दुर्भाग्य पर आंसू बहा रहे हैं। वायस आफ इंडिया को लेकर इतनी तरह की खबरें, सूचनाएं और अफवाह मीडिया मार्केट में पसरी हुई है कि अगर उन सभी पर कान दिया जाए तो उससे एक ‘कंप्लीट न्यूज पैकेज’ तैयार हो सकता है। संक्षेप में बस इतना कि वीओआई प्रबंधन लाचारी की उस चरम स्थिति में है जिसमें ‘क्या करें, क्या न करें’ तय करना मुश्किल हो रहा है। रीयल स्टेट बिजनेस में भारी मंदी और अन्य कई वजहों से त्रिवेणी समूह के आगे दिवालिया होने की स्थिति आन खड़ी हुई है।