मुंबई से चप्पल मंगाने के लिए मायावती ने भेजा खाली जहाज

विकीलीक्स के एक ताजे खुलासे के बाद यूपी की राजनीति के गर्माने के आसार हैं. खुद को दलितों की मसीहा बताने वाली मुख्यमंत्री मायावती ने अपने लिए एक जोड़ी चप्पल मुंबई से मंगाने के वास्ते एक निजी जेट विमान भेजा था. भारत में अमेरिकी दूतावस द्वारा वाशिंगटन को भेजे गए कई केबल में मायावती का खूब जिक्र है.

महिला उत्पीड़न का आरोपी और मानवाधिकार जांच में फंसे आईपीएस लोकू को माया सरकार देगी श्रेष्‍ठता पुरस्‍कार!

केवल प्रताड़ना के लिए निर्दोष महिलाओं को रात भर थाने पर बिठाये रखने वाले पुलिस अफसर को प्रदेश की माया-सरकार ने उसकी हरकतों को उत्‍कृष्‍ट और सराहनीय माना है। कल सोमवार 15 अगस्‍त को मुख्‍यमंत्री मायावती खुद उसके गले में मेरीटोरियस सर्विस का मेडल टांगेंगी। यह अफसर अब लखनऊ में डीआईजी के तौर पर बिराजमान है।

न आईएएस है, न आईपीएस, न पीसीएस है, न पीपीएस पर है वह सभी का बाप

: शशांक शेखर का भांडा फूटा : कभी जहाज उड़ाता था, अब पूरा प्रदेश हांक रहा है : शशांक शेखर उत्तर प्रदेश का सबसे ताकतवर नौकरशाह है. वह आईएएस और आईपीएस अफसरों से गालियों से बात करता है. वह मायावती का सबसे खास अफसर है. वह कैबिनेट सचिव है. पर वह खुद न तो आईएएस है और न आईपीएस, न पीसीएस और न पीपीएस. फिर भी वह कैबिनेट सचिव है और सारे अफसरों का बाप है.

मुख्यमंत्री मायावती के इशारे पर प्रो. राय के घर में घुसकर पुलिस ने की गुंडई!

”बसपा सरकार बेलगाम हो गई है. सरकार के इशारे पर काम करने वाली पुलिस निरंकुश हो चुकी है। अपराध और अपराधियों को संरक्षण देने वाली सरकार कानून व्यवस्था को कैसे संभाल सकती है जब वह स्वयं और पुलिस आपराधिक गतिविधियों में लिप्त है। निष्पक्ष पत्रकारिता कर रहे पत्रकारों पर भी बसपा सरकार ने हमला शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री मायावती बौखला गई हैं। डॉ. राय के आवास पर पुलिस की यह हरकत निंदनीय है।” – राजेंद्र चौधरी, प्रवक्ता, सपा, उत्तर प्रदेश

यूपी पुलिस ने आधी रात स्व.प्रो. रामकमल राय के घर का ताला तोड़ा

: साहित्यकार के घर कथित गुंडों की तलाश में सरकारी गुंडई : डीएनए चेयरमैन के पैतृक आवास पर पुलिसिया तांडव : चौरासी वर्षीय बीमार विधवा व बहू से की अभद्रता : राजनीतिक छवि धूमिल करने का प्रयास- उत्पल राय : इलाहाबाद। हमेशा बैकफुट पर रहने वाली, सही को गलत और गलत को सही साबित करने वाली सूबे की पुलिस कब, क्या कर जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता।

डीएम बोला- बहनजी कहें तो मीडिया को ठीक कर दूं

यशवंत जी, आज तड़के जैसे ही उठा, मेरी नजर आज के हिंदुस्तान अखबार के प्रथम पेज पर गई. एक खबर देखकर मेरा माथा ठनक उठा. इस खबर को पढ़कर ऐसे लगा जैसे लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर बिजली सी गिरा दी गयी हो. अनायास ही दिल से आवाज निकली कि क्या अब बहन जी के राज मे खबर छापने के लिये पत्रकारों को डीएम महोदयों से परमीशन भी लेनी पड़ेगी? खबर आप भी पढ़ लें. और उचित लगे तो भड़ास के पाठकों को भी पढ़ा दें. -घनश्याम, जनपद औरैया, उत्तर प्रदेश

कासगंज में बसपा विधायक का थाने पर कहर

यूपी के कासगंज में राजनीतिक विरोधी द्वारा की गयी जनसभा से बसपा के विधायक हसरत उल्‍लाह शेरवानी कुछ इस कदर खफा हो गये कि बाकायदा थाने में घुस कर अपने विरोधियों की पिटाई कर दी। सत्‍ता के नशे में चूर इस बसपाई विधायक की दबंगई के आगे जब थाने पर तैनात पुलिसकर्मियों ने ऐतराज जताया तो विधायक ने उन्‍हें भी सरेआम पीट डाला। बाद में मौके पर पहुंचे पुलिस कप्‍तान ने विरोध पर आमादा लोगों के तेवर देखते हुए विधायक शेरवानी के खिलाफ बयान दर्ज करने के आदेश दे दिये।

दैनिक जागरण को विज्ञापन रोकने की धमकी दी मायावती ने

मायावती सरकार के चार साल पूरे होने पर दैनिक जागरण, लखनऊ संस्करण में चार किश्तों में मायावती के कामकाज पर स्टोरी प्रकाशित हुई. इन विशेष स्टोरीज वाले कालम का नाम था- वादा तेरा वादा. इन कालमों के जरिए बताया गया कि मायावती के राज में वे क्या क्या काम नहीं हुए, जिनका ऐलान किया गया था. साथ ही इन स्टोरीज में सरकार के कामकाज की आलोचनात्मक समीक्षा थी, जो कि अखबारों में आमबात है.

”भ्रष्‍टाचार की प्रतीक बन चुकी है मायावती सरकार”

लखनऊ : मायावती सरकार प्रदेश में अघोषित आपातकाल की ओर बढ़ रही है। उत्‍तर प्रदेश में भ्रष्टाचार की प्रतीक बन चुकी मायावती की सरकार तानाशाही पर उतर आयी है। प्रदेश में धरना-प्रदर्शन और आम सभा जैसी न्यूनतम लोकतांत्रिक गतिविधियों को भी प्रतिबंधित किया जा रहा है। ग्रेटर नोएड़ा में जबरन जमीन अधिग्रहण के खिलाफ आंदोलनरत किसानों पर बर्बर हमले किए गए, बुजुर्गो, महिलाओं तक को बुरी तरह मारा गया, किसानों के घरों को जला दिया गया।

राहुल की राजनीति से मायावती चित!

राहुल गांधी उस भट्टा परसौल गांव के ठीक बगल में बसी दिल्ली में रहते हैं जहां पुलिस-पीएसी वालों ने एक रात हर घर में घुसकर कोहराम मचाया था, बच्चों, बूढ़ों, बीमारों, महिलाओं, युवतियों, युवाओं को पीटा था, पैसा लूटा था, बेइज्जत किया था. राहुल गांधी तक खबर अगले दिन सुबह पहुंच गई होगी. अखबार और टीवी में खबरें आ चुकी थीं. आ रही थीं. उत्पीड़न की दास्तां को बताया जा रहा था.

मायावती के करोड़ों रुपये हवाला के माध्यम से विदेशी बैंकों में जमा है!

बात निकली है तो दूर तलक जाएगी. कभी महाईमानदार माने जाने वाले विजय शंकर पांडेय आज महाभ्रष्ट से संबंध रखने के कारण नप गए और आगे के उनके दिन दुर्दिन में तब्दील होने वाले हैं. सोचिए, विजय शंकर पांडेय जैसे अफसर मायावती के इतने करीब क्यों होते हैं. नीरा यादव और अखंड प्रताप सिंह जैसे महाभ्रष्ट मुलायक के बेहद करीब क्यों होते थे. इसलिए कि खग जाने खग ही की भाषा. बेइमानी करने की चाह रखने वाले अपने आसपास इस काम में दक्ष खिलाड़ी को ही रखते हैं.

उत्तर प्रदेश के दो भ्रष्‍ट मंत्रियों की छुट्टी

: ये हैं अनंत कुमार सिंह अंतू और बाबू सिंह कुशवाहा : भ्रष्टाचार के खिलाफ पूरे देश में माहौल बनता जा रहा है. दिल्ली में अन्ना हजारे अनशन पर बैठे तो शरद पवार को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर बने मंत्रियों के समूह से इस्तीफा देना पड़ा. आज खबर यूपी से है. हालांकि यूपी में जो हुआ है उसका सीधा संबंध अन्ना हजारे के अनशन से नहीं है लेकिन कहीं न कहीं ये माना जा रहा है कि जनता में भ्रष्टाचार के खिलाफ पैदा हुए आक्रोश को देखते हुए कई प्रदेशों के मुख्यमंत्री अब भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करने लगे हैं.

आईपीएस अफसर डीके ठाकुर का घिनौना चेहरा

: डीआईजी ने युवा सपा नेता का सरेआम बाल पकड़कर घसीटा फिर भी मन न भरा तो युवा नेता के सिर को अपने बूट से कुचला : यूपी में मुलायम सिंह यादव के राज में गुंडों की अराजकता से जनता त्रस्त थी तो मायावती के शासनकाल में पुलिस की गुंडई से जनता कराह रही है. अब तो विरोध प्रदर्शन करना भी मुहाल हो गया है क्योंकि यहां तानाशाही का दौर शुरू हो चुका है.

ये चोर हैं, आइए इन्हें हम-आप मिलकर पीटें

: जनता ने खुद चोर पकड़ा और उन्हें बांधकर सरेआम पीटकर अधमरा किया : : पुलिस वाले आए तो तमाशबीन बन पिटाई देखते रहे : चंदौली जिले की घटना की गवाह कुछ तस्वीरें : ये दृश्य पाकिस्तान या अफगानिस्तान के नहीं हैं. ये यूपी के हैं. जी हां, उसी यूपी में जहां आजकल पुलिस परपीड़क बनी हुई है, उगाही में लगी हुई है और जनता है कि चोर-उचक्कों को पकड़ कर प्राकृतिक न्याय देने में जुटी है.

मुख्यमंत्री मायावती के झूठ को उनकी सीबीसीआईडी ने पकड़ा!

नूतन ठाकुर: बबलू और आब्दी की गिरफ्तारी के पीछे का सच : वैसे तो जिंदगी में कोई बात शायद बेमतलब नहीं होती पर उत्तर प्रदेश में तो निश्चित तौर पर हर बात के पीछे कोई ना कोई कारण जरूर होता है. और अक्सर जो दिखता है, सच वैसा नहीं होता. अब जीतेन्द्र सिंह बबलू और इन्तेज़ार आब्दी की गिरफ्तारी का मामला ही ले लीजिए.

इन पीडि़तों के चेहरे किस पेंट से चमकाओगे

मुख्यमंत्री मायावती का कर्फ्यू के माहौल में दौरा सफल ही रहना था, क्योंकि मीडियाकर्मी, पीडि़त, शोषित व दलित आसपास भी नहीं फटकने दिये गये। बदायूं के गांव घड़ा कंचनपुर में मायावती का उडऩ खटोला पहुंचा, लेकिन पूरा गांव पहले से ही नजर बंद घोषित किया जा चुका था, जिससे मायावती से यहां भी कोई नहीं मिल पाया। इसके बाद वह सीधे पुलिस लाइन पहुंची और यहां से एनएसजी व स्थानीय पुलिस की सुरक्षा के बीच जिला अस्पताल पहुंची पर अस्पताल में आज मरीजों का प्रवेश बंद था और तमाम तरह की बीमारियों से पीडि़त मरीज अस्पताल के बाहर इधर-उधर पुलिस की सुरक्षा में छिपा कर बैठा दिये गये, ताकि उन पर किसी की नजर न पड़े।

ये है बुलंदशहर में मायाराज प्रायोजित जाम में फंसी दलित महिला के मौत के दृश्य

[caption id="attachment_19696" align="alignleft" width="94"]स्वर्गीय गीतास्वर्गीय गीता[/caption]कभी किसी मां को बिना वजह थाने में बिठा दिया जाता है, क्योंकि ये यूपी है और यहां क्रिमिनल गवरनेंस है, कभी किसी मां की पुलिस-प्रशासन द्वारा लगाए गए जाम में मौत हो जाती है, क्योंकि ये यूपी है और यहां अंसवेदनशीलों का राजपाठ है. बुलंदशहर की घटना लोमहर्षक है. अफसरों का रेला, फौजफाटा लेकिन सब काठ के पुतले. किसी में दिल नहीं जो एंबुलेंस में बैठे मरीज व उसके परिजनों की गुहार को सुने.

माया के दौरे ने ली दलित महिला की बलि, पुलिस-प्रशासन-मीडिया की घिग्घी बंधी

[caption id="attachment_19693" align="alignleft" width="261"]जाम में फंसे एंबुलेंस में मृत गीताजाम में फंसे एंबुलेंस में मृत गीता[/caption]: माया की सुरक्षा के नाम पर रचित जटिल जाम में फंसकर बीमार महिला का तिल-तिल कर मरना…. उधर सड़क पर मायावती जिंदाबाद होता रहा इधर एंबुलेंस में महिला के परिजन विलाप करते रहे…. संबंधित वीडियो भड़ास4मीडिया पर जल्द : दलित महिला की मौत से डरे अफसरों ने मीडिया को पटाया और इस तरह खबर का भी प्राणांत हो गया :

गुस्ताखी माफ : नाराज न होना ज्ञानी निशंक और महान मायावती

जो बात लिख लिख कर पढ़ा पढ़ा कर दिखा दिखा कर आप पाठकों दर्शकों को नहीं समझा सिखा बता पाते, वो काम कार्टून और एनीमेशन सेकेंड्स में कर देते हैं. आज आपको कुछ कार्टून और एनीमेटेड वीडियो दिखा रहे हैं. एक कार्टून उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के राजकाज से संबंधित है तो दूसरा यूपी में चरमराई पुलिस व्यवस्था पर. एनीमेटेड वीडियो एनडटीवी के गुस्ताखी माफ प्रोग्राम के हैं. यूपी की मुख्यमंत्री बहन मायावती पर केंद्रित हैं. एनडीटीवी की पापुलेरिटी में गुस्ताखी माफ कार्यक्रम का खास योगदान है. एनीमेटेड कैरेक्टर्स के जरिए गुस्ताखी माफ में सच्चा और तीखा वार किया जाता है ताकि मुस्कराएं भी, और सोचें भी. उम्मीद है आनंद आएगा. जय हो. -यशवंत

बेचारे अमिताभ यश, ऐसे दौड़े कि नोएडा से लखनऊ ही पहुंच गए

: फेसबुक पर एक मजेदार पोस्ट : यूपी के चारण-भाट टाइप अफसरों की नींद न खुली है और न खुलने वाली है क्योंकि माया के नवरत्नों ने इन्हें छांट-छांट कर निकाला है और चस्पा किया है. कोई जूती पोछते हुए गर्व का अनुभव करता है तो कोई माया नाम सुनकर सरपट दौड़ लगाने लगता है. अमिताभ यश आईपीएस हैं. नोएडा में एसएसपी के रूप में तैनात रहे. पिछले दिनों मायावती आईं और उनकी बलि लेकर चलि गईं. पर अमिताभ यश ने कोशिश पूरी की थी कि अपनी गर्दन बचवा लें.

मैडम आयीं, मैडम आयीं

गोपाल अग्रवाल मेरठ के प्रतिष्ठित पालिटिशियन, व्यवसायी, लेखक हैं. समाजवादी आंदोलन से गहरा जुड़ाव रहा है. वे गाहे-बगाहे समकालीन हालात पर विविध फार्मेट में लिख-बोल कर अपनी भड़ास निकालते रहते हैं. गोपाल ने ताजी रचना मैडम माया के दौरे पर भेजी है, पद्य रूप में. इसे पढ़ आपको बचपन में रटित ‘गुब्बारेवाला आया’ कविता जरूर याद आएगी. उम्मीद करते हैं कि ”मैडम आयीं…” कविता को बहनजी के अफसरान प्राइमरी स्कूलों में जरूर डलवा देंगे ताकि मैडम की ‘महानता’ वाली तस्वीर गांव-देहात के छोटे-मोटे बच्चों के दिमाग में छुटपन से ही टंक जाए. जय हो. -यशवंत

जूती चमकाने वाले का एक पद होना चाहिए

संजय कुमार सिंह: जैसे उप राष्ट्रपति के जूते संभालने वाला वह शख्स लाल बत्तियों में घूम रहा था, मेरे साथ : नेताओं के जूते झाड़ने वालों पर प्रतिक्रिया – एक ये और एक वो : मायावती की जूती साफ करने वाले पुलिस अधिकारी की खबर पढ़कर मुझे 1988-89 का एक मामला याद आ गया।

ये माया मैम की जूती है, इसे चमकाओ

: शर्म करो यूपी के पुलिस वालों : अगर महिला सामान्य या गरीब घर की है, तो यूपी के पुलिस वाले, सिपाही से लेकर आईपीएस तक, उसे जेल या थाने में डालने से हिचकेंगे नहीं, बिना किसी जुर्म.

मेरी हत्या कराना चाहती हैं मायावती : पुनिया

दलित जाति के पुनिया को दलित जाति के ही मायावती से जान का खतरा है. पुनिया और मायावती, दोनों दलितों के बीच के प्रभावशाली लोग हैं. मायावती यूपी की मुख्यमंत्री हैं जबकि पीएल पुनिया राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष. यूपी के जंगलराज और अराजक कानून व्यवस्था का इससे बड़ा क्या सुबूत हो सकता है कि एक दलित नौकरशाह को जो अब एक आयोग के अध्यक्ष हैं, खुद यूपी की मुख्यमंत्री से जान का खतरा है.

मायावती को राजनीति का भस्‍मासुर किसने बनाया!

””….मैंने प्रधानमंत्री नरसिंह राव से उस समय सवाल किया था- ”राव साहब आप गांधीवादी नेता हैं और बहुजन समाज पार्टी के लोग गांधी को गाली देते हैं, यह कैसा समझौता है?” इस पर राव साहब ने जवाब दिया- ”आप अच्छी तस्वीर खींचें।” तब मैंने उनसे कहा- ”मैं तस्वीर खींचू या लिखूं, इससे आपका कोई मतलब नहीं होना चाहिए,  लेकिन मुझे आपसे सवाल करने का हक है। कृपया करके आप सवाल का जवाब दें।”….””

इस मायावती को हटाना-हराना जरूरी हो गया है

यूपी में जंगलराज चरम पर है. महिला मुख्यमंत्री के राज में महिलाओं की ही इज्जत सबसे ज्यादा असुरक्षित है. कभी निर्दोष महिलाओं को बिना किसी सुबूत रात भर थाने में बिठाए रखने जैसी जघन्य घटना घटित होती है तो कभी नाबालिग लड़की से दुराचार करने वाले बसपाई विधायक को बचाने में पूरा तंत्र लग जाता है. खबर आ रही है कि दुराचार की शिकार नाबालिग शीलू पर दबाव बनाया जा रहा है कि वह अपने आरोप वापस ले ले.  इस बारे में उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया चेयरमैन एवं बांदा सदर से विधायक विवेक कुमार सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती द्वारा एक अतिपिछड़ी नाबालिग लड़की शीलू के साथ हुए दुराचार की जांच सीबीसीआईडी से कराने का निर्णय लेना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है.

यूपी में माया का जंगलराज : देखिए, मंत्रीजी युवक का अपहरण कर रहे हैं…

यूपी का एक मंत्री पत्रकार को धमका रहा है. वही मंत्री जबरन एक युवक को उठा कर ले जा रहा है. उसके गुर्गे मंत्री के निर्देश पर युवक को डांटते फटकारते लेकर जा रहे हैं. सामने टीवी न्यूज चैनलों के कुछ पत्रकार दिखाई देते हैं तो मंत्री व उसके गुर्गे उन्हें भी धमकाते हैं. कुछ पत्रकार तो भाग जाते हैं और कुछ पत्रकारों को डांट कर मंत्री भगा देता है लेकिन कुछ पत्रकार ऐसे भी हैं जो मंत्री की धमकी के बावजूद अपना काम ईमानदारी से करते हैं.

हां, मैं चमार हूं : पुनिया

[caption id="attachment_18544" align="alignleft" width="68"]पीएल पुनियापीएल पुनिया[/caption]: मायावती बताएं- कहां की रहने वाली हैं, यूपी की या दिल्ली की? : लखनऊ-इलाहाबाद से प्रकाशित हिंदी दैनिक डेली न्यूज एक्टविसिट (डीएनए) में आज प्रथम पेज पर एक खबर प्रकाशित हुई है जिसमें पूर्व नौकरशाह पीएल पुनिया ने मायावती को काफी कुछ कहा है. पुनिया ने मायावती को कई तरह की चुनौती दी है. उन्होंने मायावती के राज्य को लेकर भी सवाल खड़ा किया है. उन्होने मायावती से पूछा है कि वे बताएं, कहां की रहने वाली हैं, यूपी या दिल्ली की. खबर के शीर्षक से स्पष्ट हो जाता है कि दलित जाति के पूर्व नौकरशाह पुनिया अब मायावती को ललकारने के मूड में हैं. ”हां, मैं चमार हूं : पुनिया” शीर्षक से प्रकाशित खबर की सब हेडिंग है- ”कहा, संविधान पढ़ें मायावती”. पूरी खबर इस प्रकार है…

म से मुलायम, म से मायावती, क से किताब

”मुलायम और मायावती, दो ऐसे राजनेता हैं जिनके इर्द-गिर्द ही पिछले दो दशकों में उत्तर प्रदेश की राजनीती घूमती रही है. इन दोनों में म अक्षर से थोड़े पुराने किस्म के नाम, ग्रामीण परिवेश के बहुत साधारण घर, राजनीती से पूर्व शिक्षण कार्य जैसी समानता के अलावा यह भी सामान है कि दोनों पिछडों और दलितों की राजनीती से जुड़े रहे हैं, दोनों अपनी-अपनी पार्टी के सुप्रीमो हैं जिनकी पार्टी उनके नाम से चलती है और दोनों सामान्यतया एंटी कांग्रेस माने जाते हैं.” ये बातें एक परिचर्चा में कही गईं.

माया के वर्दी वाले गुंडों से नहीं डरूंगा

प्रिय भाई यशवंत जी, उत्‍तर प्रदेश के माया राज में पुलिस वालों की मार झेल रहा हूं, जहां लोगों को आवाज उठाना भारी पड़ता है. मुझे अखबारों में लिखना भारी पड़ गया. माया के इन गुण्‍डों ने मुझे कालेज से लौटते समय पकड़ लिया और पांच दिन तक बिना किसी सबूत व कारण के रिमांड पर रखा, फिर तेरह फर्जी केस लगाकर मुझे एक बड़े गिरोह के साथ जोड़ दिया गया. जिसके चलते मुझे तीन माह सोलह दिन जेल में काटना पड़ा.