दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर और दैनिक हिंदुस्तान। संजय गुप्ता, सुधीर अग्रवाल और शोभना भरतिया। तीन बड़े अखबार, तीन बड़े मीडिया ब्रांड और इनके तीन मालिक। तीनों ऐसे मालिक जिन्हें अपने-अपने ब्रांडों के प्रतीक के रूप में जाना जाता है। तीनों में काबिलियत है। तीनों सिंसीयर हैं। तीनों डायनमिक हैं। तीनों देश व समाज के हित की चिंता करते हुए दिखते हैं। तीनों कभी न कभी किसी न किसी रूप में ताकतवर व्यक्ति, प्रतिष्ठित आदमी, सूझबूझ वाले उद्यमी, सोच-समझ वाले युवा आदि के रूप में अखबारों-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं। तीनों का व्यक्तित्व इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि तीनों के जीवन का एक नैतिक पक्ष है, जिसे उनके अधीन काम करने वाले लोग उद्धृत करते हैं, फालो करते हैं, बताते रहते हैं। पर इन तीनों ब्रांडों के तीनों मालिकों के दामन पर धब्बा है। बहुत गहरा धब्बा है। पेड न्यूज का धब्बा। पेड न्यूज को भ्रष्टाचार का दूसरा नाम बताया गया है। इन तीनों मालिकों ने कभी न कभी भ्रष्टाचार को देश के विकास में बाधक जरूर बताया है। पर इन्हीं मालिकों ने बदले हुए समय में भ्रष्टाचार को अंगीकार किया।
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रिपोर्टरों को निर्देश- वसूली करो या नौकरी छोड़ो!
जागरण प्रबंधन नाम-नंबर छापने के लिए ग्राम प्रधान उर्फ मुखिया से पांच हजार रुपए मांग रहा : बिहार में दैनिक जागरण के स्ट्रिंगर और रिपोर्टर इन दिनों हलाकान हैं. उन्हें प्रत्येक ग्राम पंचायत से पांच हजार रुपये वसूलने के निर्देश दिए गए हैं. जो इस निर्देश का पालन नहीं कर रहा है, उसकी नौकरी चली जा रही है. जो लोग आनाकानी कर रहे हैं, उन पर जबर्दस्त दबाव बनाया जा रहा है. नौकरी से हटाने की खुली धमकियां दी जा रही हैं. यह सब काम हो रहा है पांच हजार रुपये वसूलने के लिए. जागरण की तरफ से ‘दैनिक जागरण पंचायत दर्शिका 2010’ नाम से एक बुकलेट छपवाया जा रहा है जिसमें ग्राम पंचायत सदस्य से लेकर सांसद तक का नाम और फोन नंबर होगा. इस काम के लिए पंचायतों, विशेषकर मुखिया से पांच हजार रुपये वसूले जा रहे हैं. वसूली लीगल दिखे, इसके लिए बाकायदा फार्म भी छपवाया गया है. इस फार्म पर काफी नैतिक बातें की गई हैं. एक फार्म भड़ास4मीडिया के पास भी है, जिसे नीचे प्रकाशित किया गया है.
‘मंथन’ में खबरों के धंधे पर कोई बात नहीं हुई
जागरण समूह के संपादकीय विभाग के वरिष्ठों की सालाना बैठक संपन्न हो गई। यह बैठक दो दिनों तक सूरजकुंड में चली। 30 सितंबर और एक अक्टूबर को चली इस बैठक का नाम दिया गया था- ‘मंथन 2009’। नाम से स्पष्ट है कि बैठक में संपादकीय विभाग के कामकाज को ठीक करने, नए चैलेंजेज पर बात करने, पाठकों से जुड़ाव को मजबूत करने और नई नीतियों पर विचार-विमर्श कर उसे लागू करने का दौर चला। बैठक से पहले ही हर किसी को बता दिया गया था कि उन्हें किन-किन विषयों पर प्रजेंटेशन देना है। किन विषयों पर अपनी बात रखनी है।
हिस्सेदारी बेच यारी खत्म करने की बारी
[caption id="attachment_15160" align="alignleft"]अब साथ-साथ नहीं : जागरण प्रकाशन के सीएमडी महेंद्र मोहन गुप्ता और इंडिपेंडेंट न्यज एंड मीडिया के सीओओ गेविन ओ रेली.[/caption]जागरण प्रकाशन लिमिटेड और इंडिपेंडेंट मीडिया एंड न्यूज के बीच गठजोड़ खत्म होने की ओर : प्रसार और पाठक संख्या के मामले में देश का नंबर वन अखबार दैनिक जागरण प्रकाशित करने वाली कंपनी जागरण प्रकाशन लिमिटेड (जेपीएल) इन दिनों बेहद दबाव में है। जेपीएल में 20 फीसदी हिस्सेदारी रखने वाली आयरिश मीडिया कंपनी इंडिपेंडेंट न्यूज एंड मीडिया (आईएनएम) अब अपने सभी शेयरों को बेचने पर उतारू हो गई है। इसके पीछे वजह इंडिडेंटेड ग्रुप का कर्ज के बोझ से दबे होना है।
पैसे लेकर चुनावी खबर छापने में जागरण फंसा
[caption id="attachment_14681" align="alignnone"]घोसी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे भाजपा प्रत्याशी राम इकबाल सिंह[/caption]
खास खबर : प्रत्याशियों से पैसे लेकर इकतरफा चुनावी खबरें, विश्लेषण और रिपोर्ट छापने के मामले ने नया मोड़ तब ले लिया जब उत्तर प्रदेश के मऊ जिले के घोसी लोकसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी राम इकबाल सिंह ने दैनिक जागरण के खिलाफ प्रेस काउंसिल आफ इंडिया से लिखित शिकायत कर दी। इस शिकायत में उन्होंने विस्तार से बताया है कि दैनिक जागरण किस तरह से कांग्रेस प्रत्याशी डा. सुधा राय को विजयी बना रहा है और उनके कवरेज का बायकाट किया हुआ है। लिखित शिकायत में राम इकबाल सिंह ने उन खबरों की हेडिंग भी गिनाई है, जो डा. सुधा राय के पक्ष में प्रकाशित की गई हैं। राम इकबाल का कहना है कि उनके समर्थन में जब भाजपा के राष्ट्रीय नेताओं की सभा होती है, तो वो खबरें भी प्रकाशित नहीं की जातीं। उल्टे उन्हें हराने के लिए नकारात्मक खबरें ‘न नेता न संगठन, रिश्तेदारों के भरोसे चुनावी प्रबन्धन’ शीर्षक से प्रकाशित की जाती हैं।
एक अन्य पत्र घोसी लोकसभा सीट के एक निर्वाचन अभिकर्ता संतोष सिंह ने चुनाव आयोग के घोसी सीट के चुनाव पर्यवेक्षक को लिखा है। इसमें उन्होंने दैनिक जागरण के अलावा दैनिक हिंदुस्तान पर भी प्रत्याशी विशेष से प्रभावित होकर पक्षपातपूर्ण तरीके से चुनावी खबरें प्रकाशित करने का आरोप लगाया है।
ये दोनों पत्र नीचे हू-ब-हू प्रकाशित किए जा रहे हैं…