एसपी मंजिल सैनी की बर्बरता की तस्वीरें : जबरा मारे और रोवे भी न दे

एक कहावत है. भोजपुरी इलाकों में कही जाती है. जबरा मारे और रोवे भी न दे. यही हाल कुछ अभिनव के साथ घटित हो रहा है. एसपी ने उन्हें पीटा. जमकर पिटवाया. जब अभिनव ने पिटाई के खिलाफ शिकायत की तो उन्हें अब फिर से धमकाया जा रहा है और बुरी तरह फंसा देने की धमकियां दी जा रही हैं. माजरा यूपी का ही है. जिला है फिरोजाबाद. पर अभिनव ने लड़ने की ठानी है.

अपनी ही जमात में यूपी के स्पेशल डीजी को मात!

: समीक्षा बैठक में एक आईपीएस ने ही उठाई उंगली : एससी/एसटी के एक केस में भी मंत्री पड़े थे भारी : लखनऊ। कभी मंत्री से टकराव। प्रमुख सचिव गृह से रिश्तों में तल्खी! समीक्षा बैठक में हकीकत बयां करने से नहीं चूके कुछ आईपीएस। आखिर स्पेशल डीजी (अपराध एवं कानून व्यवस्था) बृजलाल की धाक क्यों कम हो रही है? क्यों आईपीएस बेधड़क उनके उन निर्देशों को प्रमुख सचिव के सामने बयां कर रहे हैं जिन पर अमल करने से वो मना कर चुके थे।

अपनी पुलिस से ‘डरे’ यूपी के स्पेशल डीजी बृजलाल हाईकोर्ट में मुंह के बल गिरे

वे बृजलाल उत्तर प्रदेश के सर्वाधिक ताकतवर पुलिस अधिकारी माने जाते हैं. मौजूदा सरकार के नाक-कान के बाल माने जाते हैं. संभावित प्रदेश पुलिस महानिदेशक माने जाते हैं. लेकिन इन्ही बृजलाल को अपने खिलाफ मुक़दमा नहीं दर्ज होने देने तथा संभवत इसके बाद अपनी गिरफ़्तारी रुकवाने के लिए हाईकोर्ट जाना पड़ता है और हाईकोर्ट में उनकी याचिका खारिज हो जाती है.

यूपी के दो आईपीएस अफसरों ब्रजलाल और मनोज कुमार पर मुकदमा दर्ज करने के आदेश

: पुलिस कल्‍याण के नाम पर वसूली का मामला : गाजीपुर जिले के सीजेएम ने दिया आदेश : पूर्वी उत्तर प्रदेश के एक छोटे जिले गाजीपुर से बड़ी खबर आई है. यहां के ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट कोर्ट ने उ.प्र के एक सिपाही ब्रिजेन्द्र यादव की याचिका पर उत्तर प्रदेश स्पेशल डीजी (कानून व्यवस्था) बृजलाल व गाजीपुर के एसपी मनोज कुमार व अन्य के खिलाफ 156/3 के तहत मुकदमा दर्ज करने का आदेश दे दिया है.

बर्खास्त सिपाही सुबोध यादव ने अन्ना के मंच से लिया दो आईपीएस अफसरों का नाम

[caption id="attachment_21021" align="alignleft" width="85"]श्रीकांत सौरभश्रीकांत सौरभ[/caption]बुधवार की शाम आठ बजे अन्ना हजारे के आंदोलन की जानकारी के लिए जैसे ही टीवी आन किया, स्टार न्यूज पर एक खबर को देख नजरें बरबस ही उस पर ठहर गई. “अमिताभ ठाकुर यूपी के सबसे ईमानदार आईपीएस अधिकारियों में, जबकि स्पेशल डीजी बृजलाल उतने ही भ्रष्ट.” रामलीला मैदान के मंच से यूपी के बर्खास्त सिपाही सुबोध यादव के इस बयान को सुन हजारों की भीड़ तालियां पीट रही थी.

घूसखोर आईजी, ऐय्याश एडीजी, हत्यारा डीजीपी… लंबी है ये कहानी, सुनो कुमार सौवीर की जुबानी

दिल्ली में आलोक तोमर के होने को मैं एक विलक्षण परिघटना मानता रहा, क्योंकि आलोक तोमर अप्रत्याशित थे, अनमैनेजबल थे, वे वो लिख देते थे, जिसे कहने भर में कई लोगों को पसीने छूट जाते थे. वो वह कर देते थे, जिसके बारे में सोचने में कई लोगों की थूक सरक जाती थी. वो केवल प्यार से जीते जा सकते थे, प्रलोभन और दबंगई से नहीं.

महिला उत्पीड़न का आरोपी और मानवाधिकार जांच में फंसे आईपीएस लोकू को माया सरकार देगी श्रेष्‍ठता पुरस्‍कार!

केवल प्रताड़ना के लिए निर्दोष महिलाओं को रात भर थाने पर बिठाये रखने वाले पुलिस अफसर को प्रदेश की माया-सरकार ने उसकी हरकतों को उत्‍कृष्‍ट और सराहनीय माना है। कल सोमवार 15 अगस्‍त को मुख्‍यमंत्री मायावती खुद उसके गले में मेरीटोरियस सर्विस का मेडल टांगेंगी। यह अफसर अब लखनऊ में डीआईजी के तौर पर बिराजमान है।

यूपी के अफसरों की खुली पोल, एक फोन पर हराम की रकम हाजिर

: दो ठगों ने दर्जनों अफसरों को चूना लगाया : ग्‍वालियर के डीएम ने भी दिए दो लाख रुपये : यूपी में यह एसटीएफ की अक्‍लमंदी है, अफसरों की औकात या फिर अफसरशाही में उगाही की प्रवृत्ति का भंडाफोड़। जो भी हो, मगर गुरुवार की एक घटना ने बता दिया है कि यूपी के अफसरों को टुच्‍चे किस्‍म के धोखेबाज ब्लैकमेल कर सकते हैं।

शलभ दुर्व्यवहार प्रकरण : बीईए जांच टीम ने लखनऊ के दो पुलिस अफसरों को दोषी पाया

New Delhi : 24.07.2011 :  Press Note : Broadcast Editors’ Association (BEA), apex body of Editors of National & Regional TV News channels of India, Fact-finding Team concludes that the two police officers manhandled IBN-7 reporters : UP Govt must ensure that officers do not exceed their brief to placate political masters :

Report of the Fact-finding team of the BEA

Terms of Reference :  The culpability behind the incident of highhandedness alleged to have been carried out by two police officers against IBN-7 journalists in Lucknow on June 26, 2011; whether it was an isolated incident arising out of personal vendetta or a case of well-designed attempt of powers –that-be to intimidate the media into submission by taking recourse to targeting journalist(s) of one channel. The committee was also entrusted with the job of delving into the possibility of extended culpability up and down the ladder of politico-administrative structure.

मुख्यमंत्री मायावती के इशारे पर प्रो. राय के घर में घुसकर पुलिस ने की गुंडई!

”बसपा सरकार बेलगाम हो गई है. सरकार के इशारे पर काम करने वाली पुलिस निरंकुश हो चुकी है। अपराध और अपराधियों को संरक्षण देने वाली सरकार कानून व्यवस्था को कैसे संभाल सकती है जब वह स्वयं और पुलिस आपराधिक गतिविधियों में लिप्त है। निष्पक्ष पत्रकारिता कर रहे पत्रकारों पर भी बसपा सरकार ने हमला शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री मायावती बौखला गई हैं। डॉ. राय के आवास पर पुलिस की यह हरकत निंदनीय है।” – राजेंद्र चौधरी, प्रवक्ता, सपा, उत्तर प्रदेश

यूपी पुलिस ने आधी रात स्व.प्रो. रामकमल राय के घर का ताला तोड़ा

: साहित्यकार के घर कथित गुंडों की तलाश में सरकारी गुंडई : डीएनए चेयरमैन के पैतृक आवास पर पुलिसिया तांडव : चौरासी वर्षीय बीमार विधवा व बहू से की अभद्रता : राजनीतिक छवि धूमिल करने का प्रयास- उत्पल राय : इलाहाबाद। हमेशा बैकफुट पर रहने वाली, सही को गलत और गलत को सही साबित करने वाली सूबे की पुलिस कब, क्या कर जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता।

यूपी में फिर एक मां का अपमान, डा. निशीथ राय के घर पुलिसवालों का तांडव

पत्रकारों पर सरकारी और प्रशासनिक दमन का कहर यूपी में लगातार ऊफान पकड़ता जा रहा है। शलभमणि त्रिपाठी पर हुए पुलिसिया हमले पर छीछालेदर के बाद भी पुलिसवालों का रवैया मीडियावालों के प्रति लगातार हमलावर बना हुआ है। ताजा घटना इलाहाबाद में हुई जहां डेली न्‍यूज एक्‍सप्रेस के प्रबंध सम्‍पादक डॉ निशीथ राय के घर छह थानों की पुलिस ने दबिश डाली।

खीरी रेपकांड : पूर्व एसपी डीके राय लापरवाही में मुअत्‍तल

: लखीमपुर गैंगरेप कांड की जांच सीबीआई से कराने को मायावती तैयार : राष्‍ट्रीय मानवाधिकार आयोग का दल निघासन पहुंचा : प्रदेश सरकार ने सोनम हत्‍याकांड की जांच सीबीआई को सौंपने का इरादा जाहिर कर दिया है, लेकिन साथ ही कहा है कि इस बारे में अगर पीडित परिजनों की कोई अर्जी आयी तो सीबीआई जांच करायी जा सकती है। लेकिन इस हादसे की आंच से सहमी यूपी सरकार ने आज एक प्रेस कांफ्रेंस में मुख्‍यमंत्री मायावती ने लखीमपुर से हटाये गये पुलिस कप्‍तान डीके राय को निलंबित भी कर दिया है।

यूपी में एक और बलात्कार, पुलिस का रिपोर्ट लिखने से इनकार

यूपी में महिलाओं के साथ उत्पीड़न थमने का नाम नहीं ले रहा है. लखीमपुर खीरी में दिलदहला देने वाली घटना का खुलासा हुआ था कि जिसमें पुलिसवालों ने ही थाना परिसर में एक किशोरी के साथ गैंगरेप कर उसे मारकर पेड़ से लटका दिया, अब एक और रेप कांड का पता चला है. इस रेप कांड में पुलिस पीड़ितों की रिपोर्ट नहीं दर्ज कर रही है. घटना 30 मई की है. जिसके साथ घटना हुई है, वह एक गरीब घर की बेटी है, इसलिए पुलिस वालों ने तहरीर रख ली.

कासगंज में बसपा विधायक का थाने पर कहर

यूपी के कासगंज में राजनीतिक विरोधी द्वारा की गयी जनसभा से बसपा के विधायक हसरत उल्‍लाह शेरवानी कुछ इस कदर खफा हो गये कि बाकायदा थाने में घुस कर अपने विरोधियों की पिटाई कर दी। सत्‍ता के नशे में चूर इस बसपाई विधायक की दबंगई के आगे जब थाने पर तैनात पुलिसकर्मियों ने ऐतराज जताया तो विधायक ने उन्‍हें भी सरेआम पीट डाला। बाद में मौके पर पहुंचे पुलिस कप्‍तान ने विरोध पर आमादा लोगों के तेवर देखते हुए विधायक शेरवानी के खिलाफ बयान दर्ज करने के आदेश दे दिये।

यूपी के एक थाने में रात भर नंगी कर पीटी गयी दलित महिला

: सीतापुर में हुए इस घटनाक्रम पर अफसरों ने साधी चुप्पी : भागे प्रेमी युगल को न खोज पाने से झुंझलायी थी पुलिस : जिला अस्पताल में भर्ती है पुलिस से पीडित महिला : निर्दोष महिलाओं पर यूपी पुलिस का मर्दानगी दिखाने का एक ताजा मामला सीतापुर में सामने आया है। एक लडके के साथ भागी लडकी के एक मामले में पुलिस जब उन दोनों का पता नहीं लगा सकी तो लडके की बुआ को ही पकडकर थाने ले आयी।

भट्टा में महिलाओं के कपड़े उतारकर परेड कराया गया

राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्लू) की टीम ने भट्टा-पारसौल गांव से लौटकर जो बयान दिया है, उससे पता चलता है कि किस तरह यूपी सरकार भट्टा में हुए प्रशासनिक उत्पीड़न को दबाने को तत्पर है. राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्षा यासमीन अबरार ने कहा कि ग्रेटर नोएडा के भट्टा-परसौल गांव में पुलिस वालों ने महिलाओं के कपड़े उतारे और उनका परेड कराया. महिलाओं के साथ छेड़छाड़ भी की गई.

Police torturing us, especially SP City Aligarh, Uttar pradesh

Respected Sir, I am simple Indian citizen who is also a mother of 2 IIT’ians (one of my daughter has completed his MBA from ISB, Hyderabad) and my husband is a retired Sub Inspector from civil police (He joined police as Sub Inspector and retired as sub inspector). For the last several years we are fighting for the dignity against the mafias to protect our ancestoral land and therefore our self respect.

बृजलाल कानून में अज्ञानी हैं : नरेंद्र यादव

[caption id="attachment_20013" align="alignleft" width="236"]नरेंद्र का इटावा में स्वागत-सत्कारनरेंद्र का इटावा में स्वागत-सत्कार[/caption]उत्तर प्रदेश के स्पेशल डीजीपी बृजलाल को कानून का ज्ञान नहीं है, तभी तो वो कुछ का कुछ बोलते हैं। यह कहना है यूपी पुलिस वेलफेयर एसोसियेशन के अध्यक्ष नरेंद्र सिंह यादव का। अपने संगठन को ताकत देने के इरादे से पूरे राज्य भर के दौर पर निकले हुए हैं नरेंद्र। नरेंद्र की हर गतिविधि पर नजर रखने के लिये खुफिया पुलिस के एक नहीं, दर्जन भर के करीब कर्मियों को आला अफसरों के इशारे पर लगाया गया है।

यूपी पुलिस की बहादुरी के कुछ फुटकर सबूत

आज मैंने भड़ास पर एक खबर पढ़ी “आईपीएस अफसर डीके ठाकुर का घिनौना चेहरा“. इसके बाद मुझे कुछ माध्यमों से एक छोटी सी विडियो क्लिपिंग मिली जिसमे इसी घटना के सम्बंधित फुटेज दिया गया है. मैं इस पर अपनी ओर से कोई टिप्पणी नहीं करते हुए पाठकों से ही निवेदन करुँगी कि वे इसे देख कर इस बारे में अपनी स्वयं की राय बनाएं. पुलिस विभाग की जनता में बदनामी के लिए शायद इसी प्रकार की घटनाएं जिम्मेदार होती हैं.

आईपीएस अफसर डीके ठाकुर का घिनौना चेहरा

: डीआईजी ने युवा सपा नेता का सरेआम बाल पकड़कर घसीटा फिर भी मन न भरा तो युवा नेता के सिर को अपने बूट से कुचला : यूपी में मुलायम सिंह यादव के राज में गुंडों की अराजकता से जनता त्रस्त थी तो मायावती के शासनकाल में पुलिस की गुंडई से जनता कराह रही है. अब तो विरोध प्रदर्शन करना भी मुहाल हो गया है क्योंकि यहां तानाशाही का दौर शुरू हो चुका है.

जय हो, अमिताभ ठाकुर जीते

: अंततः मिली पोस्टिंग : ईओडब्लू मेरठ के एसपी बने : अमिताभ ठाकुर मेरे लिए भी एक टेस्ट केस की तरह रहे. इस दौर में जब बौनों का बोलबाला है, क्रिमिनल गवरनेंस का दौर है, पैसे की ताकत व माया है तब कोई अधिकारी निहत्था होकर अपने पर हो रहे अन्याय का मुकाबला करे और जीत जाए, यह तथ्य न सिर्फ चौंकाता है बल्कि कइयों को प्रेरणा भी देता है. अमिताभ ठाकुर को अब तक जिसने भी पढ़ा है, वो मेरी तरह यही मानता होगा कि यह शख्स अपनी कुछ कथित बुराइयों के बावजूद जनपक्षधर और लोकतांत्रिक लोगों के लिए उम्मीद की किरण की तरह है.

ये चोर हैं, आइए इन्हें हम-आप मिलकर पीटें

: जनता ने खुद चोर पकड़ा और उन्हें बांधकर सरेआम पीटकर अधमरा किया : : पुलिस वाले आए तो तमाशबीन बन पिटाई देखते रहे : चंदौली जिले की घटना की गवाह कुछ तस्वीरें : ये दृश्य पाकिस्तान या अफगानिस्तान के नहीं हैं. ये यूपी के हैं. जी हां, उसी यूपी में जहां आजकल पुलिस परपीड़क बनी हुई है, उगाही में लगी हुई है और जनता है कि चोर-उचक्कों को पकड़ कर प्राकृतिक न्याय देने में जुटी है.

गुस्ताखी माफ : नाराज न होना ज्ञानी निशंक और महान मायावती

जो बात लिख लिख कर पढ़ा पढ़ा कर दिखा दिखा कर आप पाठकों दर्शकों को नहीं समझा सिखा बता पाते, वो काम कार्टून और एनीमेशन सेकेंड्स में कर देते हैं. आज आपको कुछ कार्टून और एनीमेटेड वीडियो दिखा रहे हैं. एक कार्टून उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के राजकाज से संबंधित है तो दूसरा यूपी में चरमराई पुलिस व्यवस्था पर. एनीमेटेड वीडियो एनडटीवी के गुस्ताखी माफ प्रोग्राम के हैं. यूपी की मुख्यमंत्री बहन मायावती पर केंद्रित हैं. एनडीटीवी की पापुलेरिटी में गुस्ताखी माफ कार्यक्रम का खास योगदान है. एनीमेटेड कैरेक्टर्स के जरिए गुस्ताखी माफ में सच्चा और तीखा वार किया जाता है ताकि मुस्कराएं भी, और सोचें भी. उम्मीद है आनंद आएगा. जय हो. -यशवंत

बेचारे अमिताभ यश, ऐसे दौड़े कि नोएडा से लखनऊ ही पहुंच गए

: फेसबुक पर एक मजेदार पोस्ट : यूपी के चारण-भाट टाइप अफसरों की नींद न खुली है और न खुलने वाली है क्योंकि माया के नवरत्नों ने इन्हें छांट-छांट कर निकाला है और चस्पा किया है. कोई जूती पोछते हुए गर्व का अनुभव करता है तो कोई माया नाम सुनकर सरपट दौड़ लगाने लगता है. अमिताभ यश आईपीएस हैं. नोएडा में एसएसपी के रूप में तैनात रहे. पिछले दिनों मायावती आईं और उनकी बलि लेकर चलि गईं. पर अमिताभ यश ने कोशिश पूरी की थी कि अपनी गर्दन बचवा लें.

सिपाही बिजेंद्र यादव को यूपी पुलिस ने गिरफ्तार किया और कोर्ट ने रिहा

तो बिजेंद्र यादव गिरफ्तार हो ही गए. कल यह मालूम हुआ था कि इलाहाबाद पुलिस द्वारा बिजेंद्र यादव को कैन्ट थाने में पकड़ लाया गया था, जब वह अपने एक मामले की सुनवाई के लिये इलाहाबाद हाईकोर्ट गए थे. आज सुबह मालूम हुआ कि पुलिस ने आखिरकार सिविल लाइन थाने में उनके खिलाफ मुक़दमा लिख ही दिया और अब उन्हें गिरफ्तार कर उनको कोर्ट के सामने पेश किया गया. उन्हें धारा 353 आईपीसी तथा पुलिस फोर्सेस (इन्साईटमेंट टू ओफ्फेंस) एक्ट की धारा चार के तहत गिरफ्तार किया गया.

बिजेंद्र यादव थाने में बैठाये गए

ब्रिजेंद्र यादवधन्य है हमारी उत्तर प्रदेश की पुलिस व्यवस्था जो अपराधियों पर कार्रवाई करने की अपेक्षा निर्दोषों की ही धरपकड़ में ज्यादा विश्वास रखती है. ऐसे ही एक व्यक्ति को यूपी पुलिस इन दिनों प्रताड़ित कर रही है जो पुलिस के निचले तबके के लोगों के कल्याण के लिये संघर्षरत है. तभी तो आज इलाहाबाद पुलिस द्वारा बिजेंद्र यादव को कैन्ट थाने में पकड़ लाया गया, जब वह अपने मामले की सुनवाई के लिये इलाहाबाद हाईकोर्ट गए थे.

ब्रिजेन्द्र यादव बनाम पदम सिंह : यूपी पुलिस के दो चेहरे

मैं दो पुलिसवालों को देखती हूं और उनके बीच तुलना करने लगती हूं. एक हैं कांस्टेबल ब्रिजेन्द्र सिंह यादव जो अभी कुछ दिनों पहले सस्पेंड हुए थे और उससे पहले बर्खास्त. शायद जेल भी जा चुके हैं, कई मुकदमे हैं उन पर. मेरी जानकारी के मुताबिक साधारण आर्थिक हैसियत है उनकी. इसके विपरीत मैं देखती हूं पदम सिंह को. कांस्टेबल थे शायद पर आज डिप्टी एसपी हैं. चूंकि साठ साल पूरे हो गए हैं, इसीलिए सरकारी रूप से रिटायर हो गए हैं पर अभी भी नौकरी बढ़ा कर मुख्यमंत्री की सुरक्षा के इंचार्ज बनाए गए हैं.

माया के वर्दी वाले गुंडों से नहीं डरूंगा

प्रिय भाई यशवंत जी, उत्‍तर प्रदेश के माया राज में पुलिस वालों की मार झेल रहा हूं, जहां लोगों को आवाज उठाना भारी पड़ता है. मुझे अखबारों में लिखना भारी पड़ गया. माया के इन गुण्‍डों ने मुझे कालेज से लौटते समय पकड़ लिया और पांच दिन तक बिना किसी सबूत व कारण के रिमांड पर रखा, फिर तेरह फर्जी केस लगाकर मुझे एक बड़े गिरोह के साथ जोड़ दिया गया. जिसके चलते मुझे तीन माह सोलह दिन जेल में काटना पड़ा.