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: पूंजीपति अखबारों की कोशिश लघु अखबारों को निगलने की : यह आज के जमाने का सच है कि मीडिया में तूती पूंजी की...
अबतक सियासी किस्सागोई और बहस का कारण बंधुवर बनते रहे हैं। लेकिन नवलेश की गिरफ्तारी के बाद इन दिनों बंधुवर ही खासे चर्चे में...
समाचार पत्रों में युवा पत्रकारों को प्राथमिकता देते हुए वरिष्ठ पत्रकारों के साथ धोखाधडी का खेल खेला जा रहा है। जो पत्रकार अपना सम्पूर्ण...
आज कल हमारे यहाँ के पत्रकार जगत में एक सर्वथा डैसिंग-डायनामिक परसनैलिटी उभर कर सामने आई है, जिसे देखकर बॉलीवुड की जासूसी/स्टंट फिल्मों की...
हर देश की पत्रकारिता की एक अपनी जरूरत होती है और उसी के मुताबिक वहां की पत्रकारिता का तेवर तय होता है। इस दृष्टि...
नया साल आ गया, हर छोटे बड़े अखबारों के संपादकीय कॉलम में बड़ी बड़ी बातें कहीं गईं भ्रष्टाचार, अन्याय, शोषण, असमानता के खिलाफ संकल्प...
साल 2010 कई मायनों में बहुत महत्वपूर्ण रहा। पूरी दुनिया में ऐसी घटनाएं हुई जिन्होनें विश्व के लगभग सभी देशों में हलचल पैदा की।...
''ऐसे प्रश्न मत पूछिए। वह सहेगी क्योंकि वह भ्रष्टाचारियों को चुनती है। जिस दिन उसने चुनना बंद कर दिया, उस दिन किसी गांधी और...
रविश कुमार ने तीन दिन पहले फेसबुक पर सवाल किया था कि भड़ास4मीडिया, मोहल्ला लाइव या विस्फोट में से कौन भारत का विकीलीक्स हो...
26 नवंबर का दिन था, घड़ी में राते के साढ़े नौ बजे थे, आमतौर पर मीडिया हाउस में शिफ्टों में काम होता है और...
एक विचारणीय मुद्दा है 'महिला सशक्तीकरण'। इस दुनिया की आधी आबादी महिलाओं की है। महिला मां होती है, बहन होती है, पत्नी होती है,...
अच्छी छवि बनाने की होड में आज का बाज़ार नैतिक छवियों का दुरूपयोग करने में माहिर है. पत्रकारिता का धंधा करनेवाले एक बड़े और...
: खबरों के व्यवासायीकरण ने पत्रकारिता का लगाया पलीता : लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ है मीडिया। कलम की ताकत तलवार की धार से भी...