मीडिया मंथन
: पत्रकारिता के नाम पर दलाली करने को मजबूर हो रहे हैं स्ट्रिंगर : 12 वर्ष के अपने पत्रकारिता करियर में ऐसा भी सुनने...
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: पत्रकारिता के नाम पर दलाली करने को मजबूर हो रहे हैं स्ट्रिंगर : 12 वर्ष के अपने पत्रकारिता करियर में ऐसा भी सुनने...
: सामर्थ्यवान को छूट, छोटों को बंदरघुड़की क्यों :आखिर क्यों सारे नियम-कानून लघु समाचार पत्रों के प्रकाशकों व सम्पादकों से ही आरएनआई और डीएवीपी...
: कई अखबारों के पत्रकार निष्पक्षता छोड़ कारसेवक पत्रकार बन गए थे : यह एक संयोग (कायदे से दुर्योग) ही था कि उधर विश्वहिन्दू...
: आतंकवादियों का मोहरा बन चुका मीडिया अब नक्सलियों के इशारे पर नाच रहा है : 26/11 की रिपोर्टिंग में किरकिरी करवा चुके हमारे...
: संवेदनशीलता के मामले में हमेशा कमजोर दिखा है यह अखबार : दैनिक जागरण ने 31 अगस्त 2010 को अपने संपादकीय ‘अति सर्तकता’ में...
: उत्तर प्रदेश और दिल्ली के जनमाध्यमों की होगी मानिटरिंग : जर्नलिस्ट यूनियन फॉर सिविल सोसाइटी ने निर्णय लिया है कि अयोध्या मसले पर...
: अंग्रेजी मीडिया के समक्ष हिन्दी को बौना साबित करने की कोशिश : मीडिया में "पीपली लाइव" का हंगामा देखने के बाद उसे देखने...
: परम्परागत माध्यमों द्वारा इंटरनेट पर मौजूद हिंदी की वेबसाइटों पर अपशब्दों और अश्लीलता को बढ़ावा देने का आरोप बार बार लगाया जा रहा...
: सनसनी के नाम पर सच्चाई से खिलवाड़ : इन दिनों न्यूज़ चैनलों पर असली के नाम पर नकली और मिलावट की ख़बरें खूब...
: कश्मीर में सेना की कार्रवाई को जायज बताना गलत है : सरकारी मानसिकता से ग्रस्त हैं ऐसे पत्रकार : हिन्दुस्तान अखबार का भगवान...
: ग्रामीण पत्रकारों को पहचान पत्र तक नहीं दिया जाता है : आज के इस दौर में मीडिया के ऊपर समाज की अहम जिम्मेदारी...
: उत्तराखंड में राजकीय शोक के बाद भी मना रंगारंग कार्यक्रम : 40 बच्चों की दर्दनाक मौत के बाद घोषित था राजकीय शोक :...
: आप वहां नौकरी करना चाहते हैं तो अपने अधिकारों की बात भी मत कीजिए : मीडिया हर एक पीडि़त, शोषित और अन्याय के...
यह एक कहानी है, जिसे रूपक के रूप में प्रस्तुत किया गया है. कहानी में अखबारों में होने वाली घटना को रेखांकित करने का...
: इस दौरान उसके प्रेमी के साथ पत्नीवत ताल्लुक भी बन गए : एमएमएस की शक्ल में जिस्म की नुमाइश भी होने लगी :...
: छोटे अखबारों को निपटाने में लगे हैं बड़े अखबार : नेताओं की मदद से सरकारी विज्ञापन पाने का लगा रहे हैं जुगाड़ : ...
: पत्रकारिता के क्षेत्र में आज हर वर्ग, समाज का व्यक्ति उतर आया है : पुलिस ने अब अपने मुखबिरों को पत्रकार बना दिया...
: पता ही नहीं था कि खबरें बेची जाती हैं : लोकतंत्र के मंदिरों को अखाड़ा न बनाएं तो हमें खबर न मिले :...
: खुशफहमी का मनोविज्ञान : बीते लगभग १५ दिनों से भोपाल गैस हादसे के फालोअप से मीडिया पटा पड़ा रहा. भोपाल के सीजेएम कोर्ट...
पत्रकारों के कान में फिर फूंका जा रहा है- कातिल कोई हाई प्रोफाइल है... गोल्फ खेलने वाला है... : मुझे, आप और सभी को...