: जनता ने खुद चोर पकड़ा और उन्हें बांधकर सरेआम पीटकर अधमरा किया : : पुलिस वाले आए तो तमाशबीन बन पिटाई देखते रहे : चंदौली जिले की घटना की गवाह कुछ तस्वीरें : ये दृश्य पाकिस्तान या अफगानिस्तान के नहीं हैं. ये यूपी के हैं. जी हां, उसी यूपी में जहां आजकल पुलिस परपीड़क बनी हुई है, उगाही में लगी हुई है और जनता है कि चोर-उचक्कों को पकड़ कर प्राकृतिक न्याय देने में जुटी है.
ये तस्वीरें चंदौली जिले के अलीनगर थाना क्षेत्र के टडिया गांव की हैं. जब पुलिस से फरियाद कर लोग उब जाये और उसका कोई परिणाम न निकले तो लोगो को कानून अपने हाथ में लेने को मजबूर हो जाते हैं. फिर भी, कानून के इस राज में कानून को हाथ में लेने कि इजाजत दी जा सकती है, नहीं ना. पर ऐसा चंदौली में हुआ है. अलीनगर थाना क्षेत्र के टडिया गांव में चोरों के आतंक से त्रस्त लोगों ने पुलिस के सामने कई बार फरियाद लगाई और जब उसका कोई परिणाम नहीं निकला तो कल दो कथित चोरों को रंगे हाथ पकड़ने के बाद पहले तो इन चोरों को एक पेड़ से बांधा लेकिन उसके बाद जब इन लोगों को चोरों की दी गई सजा कम दिखी तो पकड़े गए चोरों को ११००० बोल्ट वाले बिजली के खम्भे से बांध कर इतना पीटा की दोनों चोर अधमरा हो गए.
चोर पकडे़ जाने और पीटे जाने की सूचना पर पुलिस गांव पहुंची तो वो भी पहले तमाशाई बनी रही और घंटों इस पिटाई को देखती रही. गांव के लोगों का कहना है कि गांव में चोरियों की बाढ़ सी आई है. लेकिन पुलिस आज तक एक भी चोर नहीं पकड़ पाई. लोगों का कहना है कि उन्होंने खुद चोरों को रंगे हाँथ पकड़ा है तो उसे इस तरह पीट कर वे कोई गलती नहीं कर रहे हैं. बहरहाल पुलिस इस मामले में अब चोरों की पिटाई करने वालों के खिलाफ कार्यवाही की बात कर रही है. पर मुख्य सवाल यही है कि जिनके कंधों पर ला एंड आर्डर की जिम्मेदारी है, वे सिर्फ इसी काम को छोड़कर बाकी सभी काम कर रहे हैं. इसी कारण यूपी में घनघोर अराजकता का माहौल बन चुका है. याद करिए, मुलायम सिंह यादव का कार्यकाल. उस समय भी आलम कुछ ऐसा ही था. अब लगता है कि अराजकता के मामले में मुलायम के राज को मायावती के राज ने मात दे दी है.
Comments on “ये चोर हैं, आइए इन्हें हम-आप मिलकर पीटें”
sabhya samaj se asabhya nagrik.
Abhishek sharma
http://www.exultvision.blogspot.com
Yaad kijiye “ROTI” film ka woh gana—- is papan ko aaj saza denge milkar hum saare, lekin jo paapi na ho woh pehla patthar mare.
इन छोटे -गरीब चोरों को तो पिटना आसान है , हिम्मत है तो जरा, मुखिया, विधायक , बीडीओ और कोतवाल जैसे चोरों को तो पिटे , यह कायरो की हरकत है , नपुंसक लोग यह करते है । इस तरह की हरकत का नेतर्त्व गांव या मोहल्ले के चार-पांच लफ़ू करते है, बदनाम पुरा गांव होता है ।
YASHWANT SIR,
YE PURA PRAKRAN BHEED KA TAALIBAANI CHEHRA THA JISE AAP BHEED KA INSAF BATA RAHE HAIN.YAHA PAR BHEED NE MANAVTA KI SARI HADE TOD DI.IN DONOME SE EK KE KAAN ME BHEED NE TEJAAB TAK DAAL DIYA THA……YE KAISA INSAAF???????????