अमिताभ का लग गया काम, बाकी नूतन बताएंगी हाल-ए-धाम

: एक कमरे में चार आईपीएस अफसरों की तैनाती : बिना किसी इंट्रो और भूमिका के, केवल एक बात सूचनार्थ बताना चाहूंगा, उनको जिन्हें नहीं पता है कि ये अमिताभ कौन हैं. अमिताभ एक आईपीएस हैं. यूपी कैडर के हैं. पहले उनका नाम अमिताभ ठाकुर हुआ करता था. लेकिन उन्होंने अपने किसी आदर्शवादी जिद के कारण जाति-उप-नाम को निजी और सरकारी तौर पर त्याग दिया.

ईडी अफसर राजेश्वर सिंह नाटक कर रहे हैं : सुबोध जैन

: प्रवर्तन निदेशालय भ्रष्टाचार के आरोपी अफसरों को संरक्षण दे रहा है : राजेश्वर को ईडी में प्रतिनियुक्ति भी नियमों में छूट देकर दी गई : प्रवर्तन निदेशक अरुण माथुर और आईजी राजीव कृष्ण के आफिसों से फोन करके मुझे धमकाया जा रहा है : करप्शन के खिलाफ कंप्लेन करने वाले की नौकरी गई, जिसकी शिकायत की उसके अधिकार बढ़ गए :

एसपी मंजिल सैनी की बर्बरता की तस्वीरें : जबरा मारे और रोवे भी न दे

एक कहावत है. भोजपुरी इलाकों में कही जाती है. जबरा मारे और रोवे भी न दे. यही हाल कुछ अभिनव के साथ घटित हो रहा है. एसपी ने उन्हें पीटा. जमकर पिटवाया. जब अभिनव ने पिटाई के खिलाफ शिकायत की तो उन्हें अब फिर से धमकाया जा रहा है और बुरी तरह फंसा देने की धमकियां दी जा रही हैं. माजरा यूपी का ही है. जिला है फिरोजाबाद. पर अभिनव ने लड़ने की ठानी है.

हालत विकट है, संस्थानों की प्रतिष्ठा ध्वस्त होने का दौर है

आलोक कुमारहम उस दौर में प्रवेश करते जा रहे हैं जहां समाज में सही-गलत की दिशा तय करने वाले पारंपरिक तंत्र की प्रतिष्ठा बचाए नहीं बच रही। सदैव आपके साथ होने का दंभ भरने वाली दिल्ली पुलिस हो। या सच्चाई सामने लाने के लिए बनी सीबीआई, या फिर भ्रष्टाचार पर निगरानी रखने वाली सीवीसी हो या न्याय के मंदिर का प्रतीक सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट या निचली अदालत।

अपनी ही जमात में यूपी के स्पेशल डीजी को मात!

: समीक्षा बैठक में एक आईपीएस ने ही उठाई उंगली : एससी/एसटी के एक केस में भी मंत्री पड़े थे भारी : लखनऊ। कभी मंत्री से टकराव। प्रमुख सचिव गृह से रिश्तों में तल्खी! समीक्षा बैठक में हकीकत बयां करने से नहीं चूके कुछ आईपीएस। आखिर स्पेशल डीजी (अपराध एवं कानून व्यवस्था) बृजलाल की धाक क्यों कम हो रही है? क्यों आईपीएस बेधड़क उनके उन निर्देशों को प्रमुख सचिव के सामने बयां कर रहे हैं जिन पर अमल करने से वो मना कर चुके थे।

गर्लफ्रेंड का साथ ना छोड़ा, दो करोड़ दहेज से मुंह फेर लिया

अमिताभ: एक युवा आईपीएस अफसर की सोच ने हम सबका दिल जीत लिया : पिछले दिनों मेरी मुलाकात एक नए, अविवाहित आईपीएस अधिकारी से हुई. बातचीत के क्रम में उनसे पूछ बैठा- ‘शादी हो गयी?’ उत्तर मिला- ‘नहीं, अभी नहीं’. मैं यूँ ही आगे बढ़ा- ‘क्यों, कब तक शादी होनी है?’. उनका जवाब- ‘अभी तीन साल नहीं, वर्ष 2014 में शादी होगी.’

अपनी पुलिस से ‘डरे’ यूपी के स्पेशल डीजी बृजलाल हाईकोर्ट में मुंह के बल गिरे

वे बृजलाल उत्तर प्रदेश के सर्वाधिक ताकतवर पुलिस अधिकारी माने जाते हैं. मौजूदा सरकार के नाक-कान के बाल माने जाते हैं. संभावित प्रदेश पुलिस महानिदेशक माने जाते हैं. लेकिन इन्ही बृजलाल को अपने खिलाफ मुक़दमा नहीं दर्ज होने देने तथा संभवत इसके बाद अपनी गिरफ़्तारी रुकवाने के लिए हाईकोर्ट जाना पड़ता है और हाईकोर्ट में उनकी याचिका खारिज हो जाती है.

यूपी के दो आईपीएस अफसरों ब्रजलाल और मनोज कुमार पर मुकदमा दर्ज करने के आदेश

: पुलिस कल्‍याण के नाम पर वसूली का मामला : गाजीपुर जिले के सीजेएम ने दिया आदेश : पूर्वी उत्तर प्रदेश के एक छोटे जिले गाजीपुर से बड़ी खबर आई है. यहां के ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट कोर्ट ने उ.प्र के एक सिपाही ब्रिजेन्द्र यादव की याचिका पर उत्तर प्रदेश स्पेशल डीजी (कानून व्यवस्था) बृजलाल व गाजीपुर के एसपी मनोज कुमार व अन्य के खिलाफ 156/3 के तहत मुकदमा दर्ज करने का आदेश दे दिया है.

बर्खास्त सिपाही सुबोध यादव ने अन्ना के मंच से लिया दो आईपीएस अफसरों का नाम

[caption id="attachment_21021" align="alignleft" width="85"]श्रीकांत सौरभश्रीकांत सौरभ[/caption]बुधवार की शाम आठ बजे अन्ना हजारे के आंदोलन की जानकारी के लिए जैसे ही टीवी आन किया, स्टार न्यूज पर एक खबर को देख नजरें बरबस ही उस पर ठहर गई. “अमिताभ ठाकुर यूपी के सबसे ईमानदार आईपीएस अधिकारियों में, जबकि स्पेशल डीजी बृजलाल उतने ही भ्रष्ट.” रामलीला मैदान के मंच से यूपी के बर्खास्त सिपाही सुबोध यादव के इस बयान को सुन हजारों की भीड़ तालियां पीट रही थी.

महिला उत्पीड़न का आरोपी और मानवाधिकार जांच में फंसे आईपीएस लोकू को माया सरकार देगी श्रेष्‍ठता पुरस्‍कार!

केवल प्रताड़ना के लिए निर्दोष महिलाओं को रात भर थाने पर बिठाये रखने वाले पुलिस अफसर को प्रदेश की माया-सरकार ने उसकी हरकतों को उत्‍कृष्‍ट और सराहनीय माना है। कल सोमवार 15 अगस्‍त को मुख्‍यमंत्री मायावती खुद उसके गले में मेरीटोरियस सर्विस का मेडल टांगेंगी। यह अफसर अब लखनऊ में डीआईजी के तौर पर बिराजमान है।

न आईएएस है, न आईपीएस, न पीसीएस है, न पीपीएस पर है वह सभी का बाप

: शशांक शेखर का भांडा फूटा : कभी जहाज उड़ाता था, अब पूरा प्रदेश हांक रहा है : शशांक शेखर उत्तर प्रदेश का सबसे ताकतवर नौकरशाह है. वह आईएएस और आईपीएस अफसरों से गालियों से बात करता है. वह मायावती का सबसे खास अफसर है. वह कैबिनेट सचिव है. पर वह खुद न तो आईएएस है और न आईपीएस, न पीसीएस और न पीपीएस. फिर भी वह कैबिनेट सचिव है और सारे अफसरों का बाप है.

यूपी पुलिस ने आधी रात स्व.प्रो. रामकमल राय के घर का ताला तोड़ा

: साहित्यकार के घर कथित गुंडों की तलाश में सरकारी गुंडई : डीएनए चेयरमैन के पैतृक आवास पर पुलिसिया तांडव : चौरासी वर्षीय बीमार विधवा व बहू से की अभद्रता : राजनीतिक छवि धूमिल करने का प्रयास- उत्पल राय : इलाहाबाद। हमेशा बैकफुट पर रहने वाली, सही को गलत और गलत को सही साबित करने वाली सूबे की पुलिस कब, क्या कर जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता।

सहारा ने अपनी ही खबर का खंडन क्यों छापा? शिवराज ने गद्दार सिंधिया को क्यों बचाया??

आज दो अखबारों में दो ध्यान देने वाली खबरें छपी हैं. राष्ट्रीय सहारा में प्रथम पेज पर जोरदार खंडन व खबर है. यह खंडन व खबर उन अफसरों को खुश करने के लिए प्रकाशित किया गया है जिससे उपेंद्र राय के राज में सीधे-सीधे पंगा लिया गया था. तब भड़ास4मीडिया ने संबंधित दो खबरें प्रकाशित की थीं, जिन्हें इन शीर्षकों पर क्लिक कर पढ़ सकते हैं- एक आईपीएस को निपटाने में जुटा राष्ट्रीय सहारा और सहारा से भिड़े राजकेश्वर की बहन हैं मीनाक्षी.

सहारा समूह से भिड़े राजकेश्वर की बहन हैं मीनाक्षी!

पिछले दिनों भड़ास4मीडिया पर एक खबर प्रकाशित हुई थी, ”एक आईपीएस को निपटाने में जुटा राष्ट्रीय सहारा अखबार” शीर्षक से. इस खबर के प्रकाशित होने के बाद कुछ सुधी पाठकों ने महत्वपूर्ण जानकारियां और फीडबैक भड़ास4मीडिया को उपलब्ध कराया है. नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर मीडिया के एक दिग्गज ने बताया कि आईपीएस राजीव कृष्ण को को निशाना बनाकर सहारा समूह ने राजकेश्वर सिंह को परेशान करना शुरू किया है.

एक आईपीएस को निपटाने में जुटा राष्ट्रीय सहारा अखबार

लायजनिंग के लिए कुख्यात सहारा समूह के हिंदी अखबार राष्ट्रीय सहारा में जब किसी अधिकारी, जज या नेता के खिलाफ कोई सीरिज शुरू हो जाए, कोई बड़ी खबर एक्सक्लूसिव तरीके से छापी जाए तो यकीन मानिए, यह सब इसलिए होगा क्योंकि उस अधिकारी या उस अधिकारी के परिवार से जुड़े व किसी बड़े ओहदे पर आसीन व्यक्ति से सहारा का काम नहीं निकल सका होगा. लखनऊ के एसएसपी और डीआईजी रह चुके आईपीएस अधिकारी राजीव कृष्ण के खिलाफ खबर छपी है.

उस एसपी को अपने किए पर पश्चाताप है!

मैंने जब भड़ास पर अपनी आने वाली किताब ”तीस आईपीएस अफसरों की जिंदगी पर किताब लिखेंगे अमिताभ” के बारे में जानकारी दी तो मुझे इस सम्बन्ध में कई सारी टिप्पणियां मिलीं. दोस्तों ने इसे एक सराहनीय कार्य बताया और इस कृत्य के लिए मेरी प्रशंसा की एवं शुभकामनाएं दीं. स्वाभाविक है अपने सभी मित्रों के प्रति मेरे मन में भी उतनी ही शुभिक्षा जाग्रत हुई जितनी उन्होंने अपने शब्दों से व्यक्त की.

यूपी पुलिस की बहादुरी के कुछ फुटकर सबूत

आज मैंने भड़ास पर एक खबर पढ़ी “आईपीएस अफसर डीके ठाकुर का घिनौना चेहरा“. इसके बाद मुझे कुछ माध्यमों से एक छोटी सी विडियो क्लिपिंग मिली जिसमे इसी घटना के सम्बंधित फुटेज दिया गया है. मैं इस पर अपनी ओर से कोई टिप्पणी नहीं करते हुए पाठकों से ही निवेदन करुँगी कि वे इसे देख कर इस बारे में अपनी स्वयं की राय बनाएं. पुलिस विभाग की जनता में बदनामी के लिए शायद इसी प्रकार की घटनाएं जिम्मेदार होती हैं.

आईपीएस अफसर डीके ठाकुर का घिनौना चेहरा

: डीआईजी ने युवा सपा नेता का सरेआम बाल पकड़कर घसीटा फिर भी मन न भरा तो युवा नेता के सिर को अपने बूट से कुचला : यूपी में मुलायम सिंह यादव के राज में गुंडों की अराजकता से जनता त्रस्त थी तो मायावती के शासनकाल में पुलिस की गुंडई से जनता कराह रही है. अब तो विरोध प्रदर्शन करना भी मुहाल हो गया है क्योंकि यहां तानाशाही का दौर शुरू हो चुका है.

जय हो, अमिताभ ठाकुर जीते

: अंततः मिली पोस्टिंग : ईओडब्लू मेरठ के एसपी बने : अमिताभ ठाकुर मेरे लिए भी एक टेस्ट केस की तरह रहे. इस दौर में जब बौनों का बोलबाला है, क्रिमिनल गवरनेंस का दौर है, पैसे की ताकत व माया है तब कोई अधिकारी निहत्था होकर अपने पर हो रहे अन्याय का मुकाबला करे और जीत जाए, यह तथ्य न सिर्फ चौंकाता है बल्कि कइयों को प्रेरणा भी देता है. अमिताभ ठाकुर को अब तक जिसने भी पढ़ा है, वो मेरी तरह यही मानता होगा कि यह शख्स अपनी कुछ कथित बुराइयों के बावजूद जनपक्षधर और लोकतांत्रिक लोगों के लिए उम्मीद की किरण की तरह है.

ये चोर हैं, आइए इन्हें हम-आप मिलकर पीटें

: जनता ने खुद चोर पकड़ा और उन्हें बांधकर सरेआम पीटकर अधमरा किया : : पुलिस वाले आए तो तमाशबीन बन पिटाई देखते रहे : चंदौली जिले की घटना की गवाह कुछ तस्वीरें : ये दृश्य पाकिस्तान या अफगानिस्तान के नहीं हैं. ये यूपी के हैं. जी हां, उसी यूपी में जहां आजकल पुलिस परपीड़क बनी हुई है, उगाही में लगी हुई है और जनता है कि चोर-उचक्कों को पकड़ कर प्राकृतिक न्याय देने में जुटी है.

मुख्यमंत्री मायावती के झूठ को उनकी सीबीसीआईडी ने पकड़ा!

नूतन ठाकुर: बबलू और आब्दी की गिरफ्तारी के पीछे का सच : वैसे तो जिंदगी में कोई बात शायद बेमतलब नहीं होती पर उत्तर प्रदेश में तो निश्चित तौर पर हर बात के पीछे कोई ना कोई कारण जरूर होता है. और अक्सर जो दिखता है, सच वैसा नहीं होता. अब जीतेन्द्र सिंह बबलू और इन्तेज़ार आब्दी की गिरफ्तारी का मामला ही ले लीजिए.

ये है बुलंदशहर में मायाराज प्रायोजित जाम में फंसी दलित महिला के मौत के दृश्य

[caption id="attachment_19696" align="alignleft" width="94"]स्वर्गीय गीतास्वर्गीय गीता[/caption]कभी किसी मां को बिना वजह थाने में बिठा दिया जाता है, क्योंकि ये यूपी है और यहां क्रिमिनल गवरनेंस है, कभी किसी मां की पुलिस-प्रशासन द्वारा लगाए गए जाम में मौत हो जाती है, क्योंकि ये यूपी है और यहां अंसवेदनशीलों का राजपाठ है. बुलंदशहर की घटना लोमहर्षक है. अफसरों का रेला, फौजफाटा लेकिन सब काठ के पुतले. किसी में दिल नहीं जो एंबुलेंस में बैठे मरीज व उसके परिजनों की गुहार को सुने.

माया के दौरे ने ली दलित महिला की बलि, पुलिस-प्रशासन-मीडिया की घिग्घी बंधी

[caption id="attachment_19693" align="alignleft" width="261"]जाम में फंसे एंबुलेंस में मृत गीताजाम में फंसे एंबुलेंस में मृत गीता[/caption]: माया की सुरक्षा के नाम पर रचित जटिल जाम में फंसकर बीमार महिला का तिल-तिल कर मरना…. उधर सड़क पर मायावती जिंदाबाद होता रहा इधर एंबुलेंस में महिला के परिजन विलाप करते रहे…. संबंधित वीडियो भड़ास4मीडिया पर जल्द : दलित महिला की मौत से डरे अफसरों ने मीडिया को पटाया और इस तरह खबर का भी प्राणांत हो गया :

बेचारे अमिताभ यश, ऐसे दौड़े कि नोएडा से लखनऊ ही पहुंच गए

: फेसबुक पर एक मजेदार पोस्ट : यूपी के चारण-भाट टाइप अफसरों की नींद न खुली है और न खुलने वाली है क्योंकि माया के नवरत्नों ने इन्हें छांट-छांट कर निकाला है और चस्पा किया है. कोई जूती पोछते हुए गर्व का अनुभव करता है तो कोई माया नाम सुनकर सरपट दौड़ लगाने लगता है. अमिताभ यश आईपीएस हैं. नोएडा में एसएसपी के रूप में तैनात रहे. पिछले दिनों मायावती आईं और उनकी बलि लेकर चलि गईं. पर अमिताभ यश ने कोशिश पूरी की थी कि अपनी गर्दन बचवा लें.

महिला आईएएस अफसर की शौर्यगाथा

सुजाता दास पंजाब कैडर की एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी हैं. इन्टरनेट पर दी जानकारी के अनुसार वे प्रदेश की जनता को कम दामों में सुविधाजनक तरीके से चिकित्सकीय सुविधा प्रदान करने के काम में लगी हुई हैं, जिससे ख़ास कर गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को लाभ पहुंचे. वे आयुर्वेदिक अक्यूपंक्चर और अन्येतर चिकित्सकीय प्रणाली पर भी काम करती हुई बतायी जाती हैं. शीतल दास चैरिटेबल ट्रस्ट के माध्यम से वे ये सारे काम करती बतायी गयी हैं. पर मैंने जिस काम के चलते उनका नाम सुना वह है एक तीन साल की लड़की की निर्मम पिटाई.

पांव छुवाई पर एक आईपीएस का कुबूलनामा

अमिताभ ठाकुरभड़ास पर अधिकारियों द्वारा पांव छूने की घटना से सम्बंधित वीडियो और खबरें देखा-पढ़ा. इसके बाद मैंने सबसे पहले अपनी किस्मत को धन्यवाद दिया कि उस समय इतने उन्नत टेक्नोलोजी नहीं थे जब मैं भी इस रोग से ग्रसित था. आज के समय तो भयानक रूप से टीवी और कैमरा और दुनिया भर के यंत्र-तंत्र हर तरफ लगे रहते हैं. देवरिया, बस्ती, बलिया, महाराजगंज, गोंडा, संत कबीर नगर, फिरोजाबाद, ललितपुर और पिथोरागढ़ जैसे छोटे जिलों में भी थोक के भाव लोकल टीवी बिखरे रहते हैं.

आरटीआई- मदद की दरकार : आईआईएम- बुलंद इरादे

अमिताभ ठाकुर की तरफ से प्रकाशन के लिए आज दो मेल आई हैं. एक में शीर्षक है- ”पत्रकार साथियों से मदद की दरकार”. दूसरे में हेडिंग है- ”बुलंद इरादे”.

ये माया मैम की जूती है, इसे चमकाओ

: शर्म करो यूपी के पुलिस वालों : अगर महिला सामान्य या गरीब घर की है, तो यूपी के पुलिस वाले, सिपाही से लेकर आईपीएस तक, उसे जेल या थाने में डालने से हिचकेंगे नहीं, बिना किसी जुर्म.

‘स्वतंत्र चेतना’ अखबार की गुलाम चेतना

नूतन ठाकुर बेशक एक आईपीएस की पत्नी हैं, लेकिन वे स्वतंत्र व्यक्तित्व व सोच-समझ की स्वामिनी हैं, इसी कारण वे ज्यादा सक्रिय और संघर्षशील दिखाई पड़ती हैं. ऐसे में कई बार लोगों को भ्रम होता है कि उनकी सक्रियता के पीछे उनके आईपीएस पति हैं पर जिन लोगों ने उन्हें नजदीक से नहीं देखा उन्हें नहीं पता होगा कि नूतन ठाकुर बाकी आईपीएस पत्नियों की तरह सोने, गहने, कपड़े-लत्ते, गाड़ी, बंगले, नौकर-चाकरों के सलाम ठोंकने वाली सड़ियल दुनिया में जीने-मरने की बजाय समाज और सिस्टम के सुखों-दुखों के साथ जीना, संघर्ष करना, सुधार की संभावना तलाशना, न्याय और अधिकारों के लिए लड़ते रहना ज्यादा पसंद करती हैं.

उन्‍होंने माफी नहीं मांगी तो विधिक कार्रवाई करूंगा

इस समय फेसबुक पर “आई हेट गाँधी” नाम से एक ग्रुप अस्तित्व में है, जिसके बारे में मैंने हाल ही में जाना है. ग्रुप के रिकॉर्ड के अनुसार यह मार्च-अप्रैल 2010 में शुरू हुआ. वर्तमान में (03/01/2010, 12.25 AM) 2484 लोग ऐसे हैं जो इस ग्रुप से संबद्ध हैं. इस ग्रुप के सूचना पृष्ठ पर कुछ भी नहीं लिखा हुआ है, पर इस ग्रुप को देखने से दिख जाता है कि इसमें वे लोग हैं जो सरदार भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, महाराणा प्रताप, शिवाजी, सुभाष चंद्र बोस, सरदार पटेल जैसे अन्य महान लोगों को पसंद करने वाले लोगों का समूह है. साथ ही ये सारे लोग अति तीव्रता से महात्मा गाँधी के प्रति नफरत और घृणा का भाव रखते हैं.

2010 कनपुरिया पत्रकारों के मानमर्दन का वर्ष

: चौथा कोना – खुद सुधरो फिर छेड़ो सुधार की मुहिम : एक आईपीएस अधिकारी ने कानपुर प्रेस को सिखाया सबक : दिसम्बर के आखिरी हफ्ते में पलटकर देखा जाता है बीते साल को. चौथा कोने से पलटकर देखने में 2010 कनपुरिया पत्रकार के मानमर्दन का वर्ष कहा जायेगा. एक आईपीएस अधिकारी ने कानपुर प्रेस को यह सबक दिया है कि चाहे नौकरी वाले पत्रकार हों या फैक्ट्री (प्रेस) मालिक वाले पत्रकार अगर अपने गरेबान में झांके बगैर दूसरे में खोट निकालने का धन्धा करोगे तो मारे जाओगे…. तन से भी, मन से भी और धन से भी.

भ्रष्‍टाचार और लालच ने बनाया पुलिस को पंगु

सेमिनार : पुलिस व्‍यवस्‍था में सुधार विषय पर सेमिनार : विधि विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय के नवीन परिसर में विधि विभाग तथा इंस्टीट्यूट फॉर रिसर्च एंड डॉक्यूमेंटेशन इन सोशल साइंसेस (आईआरडीएस) द्वारा “पुलिस व्यवस्था में सुधार” विषय पर एक सेमिनार आयोजित किया गया. इस सेमिनार में पुलिस व्यवस्था में सुधार को उसकी समग्रता में समझने का प्रयास किया गया.

मीडिया को आइना दिखाने वाला आईपीएस

[caption id="attachment_18297" align="alignnone" width="505"]कानपुर के डीआईजी प्रेम प्रकाश अपने आफिस में एक टीवी वाले को किसी घटना पर बाइट देते हुए.कानपुर के डीआईजी प्रेम प्रकाश अपने आफिस में एक टीवी वाले को किसी घटना पर बाइट देते हुए.[/caption]

: कानपुर में जागरण वालों के दिमाग ठिकाने लगाने के बाद अब हिंदुस्तान अखबार को लाइन पर लाने में लगे डीआईजी प्रेम प्रकाश : प्रेम प्रकाश आईपीएस हैं. डीआईजी के रूप में कानपुर में पोस्टेड हैं. एसएसपी का भी प्रभार उनके पास है. बीते दिनों वे सुर्खियों में तब आए जब उन्होंने जागरण वालों को खदेड़ा था. डीआईजी प्रेम प्रकाश ने कानपुर में जागरण के मालिकों महेंद्र मोहन गुप्ता व अन्य की खटिया खड़ी कर दी थी.

धर्म-धर्म सगे भाई

अमिताभ ठाकुर“आज तक” के भाइयों, तुम केवल विदेश में अपराध कर के आई लड़की को छिपाने, हाईड्रो-इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट में कमीशन खाने, मॉरिशस से ब्लैक मनी को सफ़ेद करने और शनि के नाम पर पैसे वसूलने की बात कर रहे हो. जबकि यह सच्चाई है कि धर्म के नाम पर और धर्म की आड़ में इससे कई गुना घिनौने, कुत्सित और जघन्य खेल आज से नहीं सदियों से चलते आ रहे हैं. अपने देश में ही नहीं, विदेशों में भी, सारी दुनिया में.