खबर है कि टाइम्स आफ इंडिया सहित इस ग्रुप की सभी मीडिया कंपनियों के कुल 1400 लोगों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है! सूत्रों के अनुसार पिछले दिनों टाइम्स प्रबंधन ने पूरे ग्रुप का एक सर्वे कराकर खर्चे बचाने के लिए अतिरिक्त स्टाफ से मुक्ति पाने के लिए सर्वे कराया। बताया जाता है कि कुल 2500 लोगों की एक लिस्ट बनाई गई जिन्हें फालतू स्टाफ माना गया है।
शुरुआत में 1400 लोगों को बाय-बाय बोल दिया गया। छंटनी के शिकार ज्यादातर लोग कांट्रैक्ट पर थे और दिल्ली से बाहर कार्यरत थे। छंटनी की खबर की आधिकारिक रूप से पुष्टि नहीं हो पा रही है। मंदी का दौर शुरू होने के बाद टाइम्स ग्रुप द्वारा छंटनी किए जाने को मीडिया हलके में बेहद गंभीरता से लिया जा रहा है। विश्लेषकों का कहना है कि इससे पता चलता है कि मीडिया हाउस पूरी तरह कमर कस चुके हैं।
आर्थिक मंदी के चलते मुनाफे में आने वाली कमी से निपटना इन दिनों प्रियारिटी पर है। इसके लिए कठिन और अलोकप्रिय निर्णय लेने में भी ये हिचक नहीं रहे हैं। इसी के चलते अब ज्यादातर बड़े मीडिया हाउस खुलकर छंटनी करने लगे हैं। बताया जाता है कि टाइम्स ग्रुप ने जिन लोगों की छंटनी की है, उनमें से ज्यादातर सूत्रों के मुताबिक दैनिक भास्कर ग्रुप में भी छंटनी की शुरुआत की जा चुकी है। कई एडीशनों से लोगों को हटाया जाने लगा है।