विनोद कापड़ी-साक्षी जोशी की निजी तस्वीरें व निजी मेल इनकी मेल आईडी हैक करके पब्लिक डोमेन में डालने व प्रकाशित करने के प्रकरण में नया मोड़ आ गया है. सहारनपुर में साक्षी जोशी द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमें की पुलिस जांच पिछले साल कंप्लीट हो गई. फाइनल रिपोर्ट पर कोर्ट में सुनवाई जारी है.
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अपनी पुलिस से ‘डरे’ यूपी के स्पेशल डीजी बृजलाल हाईकोर्ट में मुंह के बल गिरे
वे बृजलाल उत्तर प्रदेश के सर्वाधिक ताकतवर पुलिस अधिकारी माने जाते हैं. मौजूदा सरकार के नाक-कान के बाल माने जाते हैं. संभावित प्रदेश पुलिस महानिदेशक माने जाते हैं. लेकिन इन्ही बृजलाल को अपने खिलाफ मुक़दमा नहीं दर्ज होने देने तथा संभवत इसके बाद अपनी गिरफ़्तारी रुकवाने के लिए हाईकोर्ट जाना पड़ता है और हाईकोर्ट में उनकी याचिका खारिज हो जाती है.
उसी तिहाड़ गईं कनी जहां एक ‘राजा’ रहता है
: ‘बेकार’ अमर पर शुरू हुआ सिस्टम का वार : कनिमोझी उसी तिहाड़ जेल गई हैं जहां राजा रहते हैं. कनी और राजा की प्रेम कहानी की पिछले दिनों खूब चर्चा हुई. नीरा राडिया ने रतन टाटा को फोन पर बताया था कि ए. राजा के सामने जब कनिमोझी का नाम लो तो वह शरमा जाता है. कनी-राजा के प्रेम के चर्चे उस जमाने में हर ओर थे. और कनी जो चाहती थी राजा से करा लेती थी.
रतन टाटा, अनिल अंबानी, प्रशांत रुईया, दयालू अम्मा, सुब्रत रॉय सहारा और नीरा राडिया को बचा रही है सीबीआई
: टू जी तंरग घोटाले की जांच कमोवेश 1991 में सामने आए हवाला कांड जैसा होता दिख रहा है जिसमें शामिल सभी रसूखदार आरोपी कानूनी फंदे से निकल गए : सुप्रीम कोर्ट के बरसते डंडे के बीच टूजी तरंग घोटाले की सख्त जांच को मजबूर हुई सीबीआई रतन टाटा, अनिल अंबानी, प्रशांत रुईया, दयालू अम्मा, सुब्रत रॉय सहारा और नीरा राडिया को बचा रही है।
हाईकोर्ट ने लोकपाल बिल ड्राफ्टिंग कमिटी मामले में एटार्नी जनरल को तलब किया
अधिवक्ता अशोक पांडे और सामाजिक कार्यकर्त्री डॉ नूतन ठाकुर के लोकपाल बिल के ड्राफ्टिंग कमिटी से सम्बंधित एक रिट याचिका पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के लखनऊ खंडपीठ ने आज भारत के एटार्नी जनरल को आदेशित किया है कि वे कोर्ट में उपस्थित होकर इस सम्बन्ध में स्थिति स्पष्ट करें. साथ ही कोर्ट ने प्रधान मंत्री कार्यालय, कैंबिनेट सेक्रेटरी तथा विधि व न्याय मंत्रालय को भी नोटिस जारी कर अपना जवाब देने को कहा है.
बरखा गैंग अब आईआईएमसी के हाथों योगेश शीतल को निपटाने में जुटा
: आनंद प्रधान को एनडीटीवी की महिला पत्रकार ने निजी पत्र लिखा तो आनंद प्रधान ने शीतल को संस्थान की तरफ से सो-काज नोटिस थमा दिया : अन्ना हजारे के आंदोलन को सपोर्ट करने और भ्रष्टाचारियों को खेदड़ने का साहस रखने वाले इंडियन इंस्टीट्यूट आफ मास कम्युनिकेशन (आईआईएमसी) के छात्र योगेश कुमार शीतल की मुश्किलें दिन ब दिन बढ़ती जा रही हैं.
हाईकोर्ट, प्रेस क्लब और जंतर-मंतर : एक रोजनामचा
कल दिल्ली हाईकोर्ट गया था. एचटी मीडिया ने जो मानहानि का मुकदमा कर रखा है उसी की तारीख थी. कोर्ट में क्या क्या हुआ और आगे क्या होने वाला है, उसकी जानकारी आप नीचे के वीडियो लिंक पर क्लिक करके देख-सुन सकते हैं. वहां से जब फ्री हुआ तो प्रेस क्लब आफ इंडिया गया. खाना खाने. प्रेस क्लब में नए लोग जबसे चुनाव जीतकर आए हैं तबसे जाना नहीं हुआ.
राज्य सूचना आयोग के दंड पुनर्विचार की प्रक्रिया विधि विरुद्ध
: डा. नूतन ठाकुर की याचिका पर हाई कोर्ट का निर्णय : आज 14 मार्च को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के लखनऊ खंडपीठ में नेशनल आरटीआई फोरम की कन्वेनर डॉ. नूतन ठाकुर द्वारा उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयोग तथा अन्य के विरुद्ध दायर रिट याचिका में एक महत्वपूर्ण निर्णय दिया. मुख्य न्यायाधीश जस्टिस फर्डिनो रिबेलो तथा जस्टिस देवी प्रसाद सिंह की पीठ ने इस याचिका को निस्तारित किया.
भास्कर के आरई व रिपोर्टर को जेल की सजा
: जिसने जान बचाई, उसको हमलावर छाप दिया था : भिवानी से सूचना है कि स्थानीय अतिरिक्त सिविल जज शशी चौहान की अदालत ने एक गलत समाचार प्रकाशित करने के मामले में दैनिक भास्कर समाचार पत्र के स्थानीय संपादक व संवाददाता को छह माह की कैद व तीन-तीन हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जानकारी के अनुसार गांव दांग निवासी चांदीराम ने 29 अप्रैल 2003 को अदालत में दायर इस्तगासा दायर किया। इसके बाद अदालत ने तोशाम पुलिस थाना के प्रभारी को विभिन्न धाराओं के तहत संपादक तथा संवाददाता के खिलाफ मामला दर्ज करने के आदेश दिए।
सलमान खान ने किया बैंड-बाजा वालों का अपमान!
: मानहानि का मुकदमा : मन्दसौर। हालिया प्रदर्शित फिल्म दबंग में बैण्ड-बाजे वालों के खिलाफ एक कथित टिप्पणी से बैण्ड-बाजा संचालक नाराज हैं। राजस्थान प्रांत के प्रतापगढ़ निवासी एक बैण्ड-बाजा व्यवसाई ने इसके खिलाफ न्यायालय में वाद दायर किया है। जिस पर सुनवाई के लिए कोर्ट ने 23 अक्टूबर की तारीख तय की है। मामला है मध्यप्रदेश के मन्दसौर जिले की सीमा से लगे राजस्थान के ग्राम रठांजना का। इस गांव के रहने वाले बैण्ड संचालक आनन्द प्रकाश पंवार ने प्रतापगढ़ मुख्य न्यायायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय में वाद दायर किया।
अंतरिम राशि देने में अखबारों की टालमटोल
हाईकोर्ट के फैसले पर अभी तक अमल नहीं : इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद वाराणसी अंचल के पत्रकारों, गैर-पत्रकारों को तीस प्रतिशत बेसिक अंतरिम राहत देने में ग्यारहों प्रमुख अखबार टालमटोल कर रहे हैं। हाईकोर्ट के फैसले के बाद नोटिस जारी होने के बावजूद डीएलसी (डिप्टी लेबर कमिश्नर) के यहां हुई मीटिंगों में अब तक समस्या का कोई हल निकला है। इससे पत्रकार संगठनों का रोष बढ़ता जा रहा है। अब 11 अगस्त को अगली मीटिंग मोकर्रर की गई है, जिसमें अखबार मालिकानों को उन कर्मचारियों की सूची प्रस्तुत करनी है, जिन्हें भुगतान कर दिया गया है अथवा नहीं किया गया है। चेतावनी दी गई है कि फैसले के तीन माह के भीतर छह सितंबर 09 तक भुगतान सुनिश्चित नहीं हो जाता है तो पत्रकार संगठन फिर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। समाचार पत्र कर्मचारी यूनियन के जनरल सेक्रेट्री अजय मुखर्जी ने भड़ास4मीडिया को बताया कि जब केंद्र सरकार ने 8 जनवरी 2008 को पूरे देश के अखबारों के लिए गजट जारी कर दिया कि पत्रकारों, गैरपत्रकारों को तीस प्रतिशत बेसिक अंतरिम राहत राशि दी जाए, फिर भी आज तक उस पर अमल क्यों नहीं हो सका है? श्रम विभाग की उदासीनता के कारण हमें हाईकोर्ट की शरण लेनी पड़ी। हाईकोर्ट ने भी हमारे पक्ष में फैसला सुना दिया कि वाराणसी के एडिशनल लेबर कमिश्नर डी.के.कंचन देय सुनिश्चित कराएं, फिर भी पिछले दो महीने से सिर्फ मीटिंगें हो रही हैं। मामले का कोई हल नहीं निकल रहा है। अभी तक पूरे देश में सिर्फ पीटीआई ने अपने कर्मचारियों को यह राहत राशि उपलब्ध कराई है।
आज अखबार पर मीडियाकर्मियों ने किया मुकदमा
एक जमाने के नामी-गिरामी अखबार ‘आज’ को कर्मचारी विरोधी नीतियों के कारण बनारस के पत्रकारों/गैर-पत्रकारों के संगठन समाचार पत्र कर्मचारी यूनियन ने न्यायालय में घसीटा है। वरिष्ठ पत्रकार गोपेश पांडेय और कार्टूनिस्ट जगत शर्मा की तरफ से यूनियन के मंत्री और वरिष्ठ वकील अजय मुखर्जी ने श्रम विभाग में मुकदमा दायर किया है। इस मुकदमें में कहा गया है कि आज अखबार का प्रबंधन दो दशक से भी ज्यादा समय से अपने यहां कार्यरत मीडियाकर्मियों को 55 साल में ही रिटायर कर देता है जबकि कानूनन 60 साल में रिटायर किया जाना चाहिए।
अंतरिम राहत 90 दिनों के भीतर दें : हाईकोर्ट
पत्रकारों और गैर-पत्रकार मीडियाकर्मियों के लिए बनारस से एक अच्छी खबर। समाचार पत्र पत्रकार गैर-पत्रकार कर्मचारी यूनियन और काशी पत्रकार संघ की तरफ से संयुक्त रूप से जो याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल की गई थी, उस पर फैसला आ चुका है। यह याचिका अखबारों में काम करने वाले पत्रकारों और गैर-पत्रकारों को कुरुप वेजबोर्ड की अनुशंसा और सरकारी गजट के अनुरूप मूल वेतन (बेसिक) का 30 प्रतिशत अंतरिम राहत 1 जनवरी 2008 से दिलाने को लेकर दायर की गई थी। समाचार पत्र पत्रकार गैर-पत्रकार कर्मचारी यूनियन और काशी पत्रकार संघ की तरफ से याचिका दायर किया था एडवोकेट अजय मुखर्जी उर्फ दादा ने। सिविल मिसलिनियस कैटगरी में दायर रिट नंबर 27339/2009 पर हाईकोर्ट ने 25 मई 2009 को फैसला सुनाया।