[caption id="attachment_19547" align="alignleft" width="80"]व्यालोक[/caption]: व्यालोक बनने की पूर्व शर्त है शरीर में एक अदद रीढ़ होना : बर्बाद गुलिस्तां करने को बस….. : तो आखिर अभिषेक श्रीवास्तव का भी भास्कर से मोहभंग हो ही गया। वजह, एक बार फिर से वही…। भास्कर दरअसल एक ऐसा संस्थान बन चुका है, जहां यथास्थितिवाद को तो सराहा जा सकता है, लेकिन प्रगतिशीलता, नई सोच और आपकी गत्यात्मकता को नहीं। भास्कर के दिल्ली कार्यालय में हॉट सीट पर ऐसे बुजुर्ग विराजे हैं, जो किसी भी तरह अपनी नौकरी बचाने की ही जुगत में लगे हैं।
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किसी को नंबर वन से हटाने के लिए काम नहीं कर रहे : श्रवण गर्ग
[caption id="attachment_19145" align="alignleft" width="156"]श्रवण गर्ग[/caption]हिंदी पत्रकारिता जगत में श्रवण गर्ग चर्चित और सम्मानित नाम हैं. लंबे समय से दैनिक भास्कर के संपादक और समूह संपादक के रूप में कार्यरत हैं. पत्रकारिता में लगभग 40 सालों से सक्रिय श्रवण गर्ग ने जीवन और पत्रकारिता में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं. कुछ महीनों पहले भडास4मीडिया के एडिटर यशवंत सिंह के साथ विभिन्न मुद्दों पर उन्होंने बेबाक बातचीत की. पेश है बातचीत के अंश…
संजीव क्षितिज का दिल्ली हुआ ट्रांसफर
दैनिक भास्कर, भोपाल से सूचना है कि वहां कार्यरत संजीव क्षितिज का तबादला दिल्ली कर दिया गया है. संजीव भास्कर में पिछले तीन वर्षों से हैं. उनका पद कार्यकारी संपादक का है. परिवार के दिल्ली में होने के कारण संजीव क्षितिज भी दिल्ली आना चाहते थे.
पत्रकारिता और लोकतंत्र को बचाने के लिए लड़नी होगी लंबी लड़ाई : दुआ
नई दिल्ली. पत्रकार और सांसद एचके दुआ ने कहा है कि खबरों की साख बनाचे के लिए लोग प्रतिरोध का रास्ता अपनाएं. पत्रकारिता और लोकतंत्र बचाने के लिए लंबी लड़ाई लड़नी होगी. पत्रकार प्रभाष जोशी ने जिंदगी के आखिरी दिनों में इसकी शुरुआत कर दी थी. वे गाजियाबाद के वसुंधरा में स्थित मेवाड़ संस्थान में आयोजित प्रभाष जोशी की पहली बरसी पर बोल रहे थे. यह आयोजन प्रभाष परंपरा न्यास और मेवाड़ संस्थान ने किया.
दुनिया का नंबर वन मीडिया हाउस बनेगा भास्कर!
: बहुत तेज स्पीड में दौड़ रहा भास्कर समूह : कई एडिशन लांच करने की घोषणा : भटिंडा संस्करण लांच : नागौर व इटारसी एडिशन लांच होंगे : कई लोगों ने ज्वाइन किया : पुरस्कारों, सेमिनारों व बड़े आयोजनों के जरिए भास्कर ब्रांड को अति-लोकप्रिय बनाने की मुहिम : गैर-मीडिया उद्यमों में भी फहरा रहा है कमाई का झंडा : जागरण समेत सभी मीडिया हाउसों को मात देने का इरादा : दुनिया का नंबर वन मीडिया हाउस बनने का सपना :
विस्मयकारी है आलोक मेहता का कथन
: पत्रकारिता नहीं, पत्रकार बिक रहे-3 : नई दुनिया के आलोक मेहता की आशावादिता और दैनिक भास्कर के श्रवण गर्ग का सवाल चिन्हित किया जाना आवश्यक है। आलोक मेहता का यह कथन कि ”पेड न्यूज कोई नई बात नहीं है, लेकिन इससे दुनिया नष्ट नहीं हो जाएगी”, युवा पत्रकारों के लिए शोध का विषय है। निराशाजनक है। उन्हें तो यह बताया गया है और वे देख भी रहे हैं कि ‘पेड न्यूज’ की शुरुआत नई है।
सब बिकता है तो खबरें क्यों न बेचें : वैदिक
कारपोरेट हाउस जैसा चाहते हैं, पैसा देकर अखबार में वैसा छपवाते हैं- जस्टिस जीएन रे : अकेला अखबार अपने को पवित्र नहीं कर सकता क्योंकि समाज में बुराई के प्रति सहनशीलता विकसित हो गई है- अभय छजलानी : पेड न्यूज सिर्फ चुनाव तक सीमित नहीं है, हर दिन पैसा ले-देकर खबरें छप रही हैं- श्रवण गर्ग :
कल्पेश नेशनल एडिटर और यतीश मैनेजिंग एडिटर बने
श्रवण गर्ग ग्रुप एडिटर पद पर बने रहेंगे : नवनीत गुर्जर राजस्थान के नए स्टेट हेड : लोकसभा चुनाव बीतने के तुरंत बाद भास्कर प्रबंधन ने कंटेंट व ब्रांड को और बेहतर करने की कवायद के तहत कई बड़े बदलावों को अंजाम दिया है। कल्पेश याज्ञनिक जो अब तक दैनिक भास्कर, राजस्थान के स्टेट हेड हुआ करते थे, उन्हें भास्कर समूह का नेशनल एडिटर बना दिया गया है। भास्कर समूह के हिंदी बिजनेस अखबार ‘बिजनेस भास्कर’ के संपादक यतीश राजावत को प्रमोट कर भास्कर समूह का मैनेजिंग एडिटर बना दिया गया है। श्रवण गर्ग बतौर ग्रुप एडिटर पहले की तरह ही पूरे ग्रुप के लीडर बने रहेंगे पर अब वे रुटीन के कामकाज की बजाय नीतिगत व अन्य महत्वपूर्ण कार्यों को मुकाम तक पहुंचाने में जुटेंगे। कंटेंट संबंधी रूटीन के सभी कार्यों को कल्पेश और यतीश के बीच बांट दिया गया है।