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दुख-दर्द

बुखारी ने सवाल पूछने वाले पत्रकार की दाढ़ी नोंची

मौलाना अहमद बुखारी अब अवाम की जुबान कुचलने पर आमादा हो गये हैं। लखनऊ में आज उन्होंने एक पत्रकार को भरी प्रेस कांफ्रेंस में जमकर पीटा। हाईकोर्ट के फैसले पर मौलानाओं से बात करने यहां आये दिल्ली की जामा मस्जिद के ईमाम अहमद बुखारी ने सवाल पूछने की हिमाकत करने पर भरी प्रेस कांफ्रेंस में दास्तान-ए-अवध के सम्पादक मोहम्मद वहीद चिश्ती की दाढी नोंची, टोपी उछाली और थप्पड़ों की बौछार कर दी।

<p style="text-align: justify;">मौलाना अहमद बुखारी अब अवाम की जुबान कुचलने पर आमादा हो गये हैं। लखनऊ में आज उन्होंने एक पत्रकार को भरी प्रेस कांफ्रेंस में जमकर पीटा। हाईकोर्ट के फैसले पर मौलानाओं से बात करने यहां आये दिल्ली की जामा मस्जिद के ईमाम अहमद बुखारी ने सवाल पूछने की हिमाकत करने पर भरी प्रेस कांफ्रेंस में दास्तान-ए-अवध के सम्पादक मोहम्मद वहीद चिश्ती की दाढी नोंची, टोपी उछाली और थप्पड़ों की बौछार कर दी।</p> <p>

मौलाना अहमद बुखारी अब अवाम की जुबान कुचलने पर आमादा हो गये हैं। लखनऊ में आज उन्होंने एक पत्रकार को भरी प्रेस कांफ्रेंस में जमकर पीटा। हाईकोर्ट के फैसले पर मौलानाओं से बात करने यहां आये दिल्ली की जामा मस्जिद के ईमाम अहमद बुखारी ने सवाल पूछने की हिमाकत करने पर भरी प्रेस कांफ्रेंस में दास्तान-ए-अवध के सम्पादक मोहम्मद वहीद चिश्ती की दाढी नोंची, टोपी उछाली और थप्पड़ों की बौछार कर दी।

बुखारी के साथ आये उनके समर्थक मौलानाओं ने भी पत्रकार को खूब पीटा। दरअसल चिश्ती ने अयोध्या मसले पर सवाल पूछा था, लेकिन बात पूरी होने के पहले ही उसे गद्दार बताते हुए मौलाना ने हमला बोला और आरोप लगाया कि साजिश के तहत उनकी प्रेस कांफ्रेंस में इस पत्रकार को भेजा गया है। उन्होंने अयोध्या मामले पर हाल ही में आये फैसले को लेकर अदालत पर भी गंभीर आरोप लगाये।

इसके पहले बुखारी ने कहा कि जस्टिस सिबगतुल्लाह पर केंद्र ने फैसला बदलने के लिए दबाव बनाया था। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भारतीय पुरातत्व विभाग की रिपोर्ट को ही बदल दिया गया। हालांकि इस बारे में पूछे गये किसी भी सवाल का जवाब उन्होंने नहीं दिया। मौलाना ने कांग्रेस को जमकर आड़े हाथों लिया। इस पूरे झगड़े के ठीक पहले मौलाना बुखारी समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता अहमद हसन के घर भी गये।

उधर पिटाई से आहत पत्रकार वहीद चिश्ती ने इस मामले की रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए लखनउ के डीआईजी के यहां डेरा डाल दिया है। हालांकि अभी तक उनकी रिपोर्ट दर्ज करने को लेकर बड़े अफसर आपस में सलाह-मशविरा में लगे हैं।

लेखक कुमार सौवीर लखनऊ के जाने-माने पत्रकार हैं. इन दिनों महुआ न्यूज में ब्यूरो चीफ के रूप में कार्यरत हैं.

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0 Comments

  1. mazhar husain

    October 14, 2010 at 10:45 pm

    sharm karo bhukhari ji itni gandi harkat kar diya dadhi ka muqaam kya hai aapko nahi pata aap alim hai aur itni tameez nahi aapme ..waise patrkaro ko bhi iska jawab dena chahiye tha agar koi usi waqt ek fo haath rasheed kar deta to aisi harkat kabhi nahi karte aur suno bukhaari ji agar patrkaar apne par agaye to Bujhaar ho jayega tumko aur kabhi nahi utrega

  2. OMDEV

    October 14, 2010 at 10:57 pm

    BUKHARI NE KEVAL EK REPORTER PAR HATHH NAHI UTHAYA HAI BALKI POOREE MEDIA BIRADREE PAR HATHH UTHAYA HAI. BUKHARI KI YE PAHLEE GHATNA NAHEE HAI. PAHLE BHEE BUKHARI DELHI KE KAI OFFICERS PAR HATHH UTHAA CHUKA HAI. MEDIA KO BUKHARI KA JAMKAR VIRODH KARNA HOGA. ANYTHA KAI BUKHARI AUR BHEE PADA HO JAYENGE;
    – NAIDUNIA NOIDA SE OMDEV =

  3. praween kumar

    October 14, 2010 at 11:14 pm

    bhukhari ko apani hat me rahana chahiye. yoo patrakar ke savalo kaa samna karne kaa dam nahi to kyoo press varta karne lucknow chale gaye. dimag to sahi hai. enhe apana mansik test delhi ke barhe asptal me karana chahiye. vese police ne mamla darj kar liya hai. sab hekadi nikal jayegi bukhari ji ki…. .
    ———praween kumar/aligarh#921912929243

  4. श्रवण शुक्ला

    October 14, 2010 at 11:53 pm

    बुखारी जैसे लोग दोगले है…जो देश से ज्यादा देश के दुश्मनों के साथ रहते है…वो चाहते तो मुस्लिम समाज में विरोधाभास न फैलाकर सबको शान्ति का सन्देश देते…लेकिन ऐसी हरकत से एकबार फिर उन्होंने समस्त मुस्लिम समाज के अगुआ होने के नाते मुस्लिमो पर ऊँगली उठाने का अवसर दे दिया है…ऐसे लोगो की वजह से ही देश के बंटवारे हुए..और बुखारी जैसे लोग ही देश की अखंडता के लिए खतरा बने हुए है..इनपर देशद्रोह के मुकदमा चलाना चाहिए..मै बुखारी की इस करतूत की कड़ी नींद करता हू…और मुस्लिमो को चेताता भी हू की वक्त आ गया है अपने दोगले नेता की घटिया सोच से निकलकर खुद की स्वतंत्र सोच से चलने का…..बुखारी जैसे लोगो को जूते मारने का…

  5. govind goyal,sriganganagar

    October 15, 2010 at 1:03 am

    apni nochani chahiye thee.

  6. nishant ranjan

    October 15, 2010 at 2:01 am

    आज जो कुछ भी लखनऊ के गोमती होटल में हुआ वो बेहद शर्मनाक है.शाही इमाम बुखारी जैसे इस्लाम के जानकार को ऐसा नही करना चाहिए था.इन्ही जैसे चाँद धर्म के ठीकेदारो की वजह से हमारा मुल्क अपना चैन-ओ-अमन खोता रहा है.लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ पर हुए इस हमले से एक बात तो आईने की तरह साफ हो गई की कुछ अमन नापसंद लोग कुछ देर के लिए ही सही लेकिन खुद को दूसरो पर हावी जरूर कर देते है……

  7. Pankaj Saw

    October 15, 2010 at 4:39 am

    yeh abhivyakti ki swatantrta par hamla hai, bukhari ko saza milni chahiye

  8. हेमन्त

    October 15, 2010 at 5:11 am

    बुखारी जी कितने का नोचियेगा? यह तो महज शुरुआत है। आज आपने जो किया, वह आपके लिए शोभा नहीं देता। आपकी करतूत निंदनीय है। हिम्मत होती तो पत्रकार के सवालों का जवाब देते, लेकिन आपने जिस रास्ते को अपनाया, वह आपकी कायरता को दर्शा रहा है। आप जिस जगह पर हैं, वहां से ऐसी कल्पना तक नहींकी जा सकती है।

  9. ANURAG PATHAK BAHRAICH

    October 15, 2010 at 6:20 am

    MAI TO KAHTA HU SARE MEDIA KE LOGO KO IN JAISE BATTAMIJ LOGO KA BAHISKAR KAR DENA DENA CHAHIYE YE KHUD BA KHUD KHATM HO JAYEGE YE SIRF APNE NAAM KE LIYE MARTE HAI NAM KAHTM YE KHUD KHATM HO JAYENGE
    ANURAG PATHAK
    BAHRAICH

  10. satish pranami

    October 15, 2010 at 4:11 pm

    bukhari jaise logo ke karan hi ayodhya masla nahi sulat raha hai. pidit patrkar ne bukhari janch karaye jane ki bhi maang ki ki hai.

  11. balveer

    October 15, 2010 at 4:16 pm

    king batane hai hum , king ko zero bhi humi hi banate hai… ab samaj lo bhukri jee aapko jaldi na utarne wala bhukhar aana wala hai……

  12. radheyshyam srivastava

    October 15, 2010 at 4:17 pm

    patrakar mohammad waheed chishti ka moulana bukhari se puchha gaya sawal-“विवादित ज़मीन पहले राजा दशरथ की थी तो उस पर राम चंद्र का हक़ क्यों नही?” ka jawab bukhari ya unke himaytiyon se zarur hindustaniyon ko milna chahiye.

  13. radheyshyam srivastava

    October 15, 2010 at 4:58 pm

    ”the disputed land was the first king Dashrath Ram Chandra why not right?”
    must to be answered by maulana bukhari or his supporters.

  14. mohammad iqbal

    October 15, 2010 at 10:20 pm

    अहमद बुखारी जी को कोई असलियत दिखाए और उनसे मुस्लिमों का पैरोकार होने का हक छीन ले, तो वे बुढ़ापे में ये ही तो हरकत करेंगे। क्यों बुखारी जी, अपनी ही कौम के पत्रकार के सच्चे सवाल से गां…..में मिचॆी लग गई. तुम जैसे देशद्रोहियों के दिन अब ज्यादा नहीं है. खुदा तुम्हें खाकसार करें। हमें तुम जैसे व्यक्ति पर शमॆ आती है, कि तुम हमारे समुदाय से आते हो. काश उसी वक्त तुम्हारी भी दाढ़ी खींच ली गई होती।

  15. VINOD SAHU

    October 15, 2010 at 10:26 pm

    Bare Bhai Sahab Namaskar. apka lekh accha laga. zarurat sirf itni hai ki hum sub ek hokar bukhari brand logo ki aukaat bata den.

  16. EKHLAQUE KHAN

    October 15, 2010 at 10:31 pm

    BUKHARI NE JO KIYA VO UNKA SANSKAR THA. KHAIR UNKE FATHER TO NOTE PER VOT DILWANE KA THEEKA LETE THE. FIR SAMAJHNA CHAHIE AGAR UNHONE EK PATRAKAR KO PEET DIYA TO KYA GUNAAH KAR DIYA.

  17. इमरान ज़हीर

    October 18, 2010 at 10:28 pm

    पत्रकार वार्ता में एक पत्रकार को धक्के मार कर बाहर निकलना एक शर्मनाक मामला है| सबसे बड़ी बात की ऐसी घटना के बाद भी किसी पत्रकार ने उस समय उसकी कोई मदद नहीं की| सब अपनी मसालेदार बाईट लेने में लगे रहे वही दूसरी तरफ उस पत्रकार को ज़लील किया जाता रहा और उसके साथ हाथापाई की जाती रही| कॉफ्रेंस रूम से किसी पत्रकार को इस तरह बाहर निकाला जाना बेहद गंभीर मामला है | शाही इमाम द्वारा उस पत्रकार के सवाल करने पर उसके साथ अपशब्द भाषा का प्रयोग किया गया और उसे जिस तरह सभी पत्रकार बंधू के सामने धक्के दिए जाते रहे और मारने का प्रयास किया गया उससे ये साफ़ तौर पर कहा जा सकता है की आज पत्रकारों में एकता की कमी है| समाज के चौथे स्तम्भ कहे जाने वाले पत्रकार की सभी पत्रकारों के सामने अपमान किया जाना एक बेहद गंभीर मामला है | एक पत्रकार द्वारा सवाल पूछा जाना कोई गुनाह नहीं है लेकिन उस पर गुस्से का इज़हार करना और मारपीट पर उतारू हो जाना ये शाही इमाम के ऊपर शोभा नहीं देता| काबिले गौर है की इस्लाम में गुस्से का इज़हार करना हराम है|
    इमरान ज़हीर
    मुरादाबाद (उत्तर प्रदेश)

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