चोर, उचक्के, दलाल टाइप पत्रकार मदन मौर्या के सामने नहीं पड़ना चाहते क्योंकि मदन मौर्या चोरों, उचक्कों और दलाल टाइप पत्रकारों को तुरंत ऐ चोर, ऐ दलाल या ऐ उचक्का कहकर पुकारने में तनिक देर नहीं करते और लगे हाथ, उसी सांस उसकी पूरी हिस्ट्रीशीट खोल देते हैं. ऐसे में सामने वाले को शर्मसार होते हुए दाएं-बाएं होना पड़ता है पर मदन मौर्या के मुखारबिंदु से उस उचक्का मार्का जर्नलिस्ट की कहानी जारी रहती है. और अगर किसी ने ज्यादा चां चूं चे पे ना नू ने की तो मदन मौर्या को दो हाथ छोड़ने में भी टाइम नहीं लगता.
और, बात चली है हाथ छोड़ने की तो बता दें कि जब पुलिस वाले घिनौना काम करने वाले किसी आरोपी या अपराधी को पकड़ते हैं तो इसकी सूचना मिलते ही मदन मौर्या थाने पहुंचते हैं और पहले हवालात से उस अपराधी को बाहर निकलवा कर दो दस बीस हाथ मारते हैं, उसके बाद फोटो खींचने का काम करते हैं. जब पूछो कि ऐसा क्यों करते हैं तो कहते हैं- क्या करें, खून खौल जाता है सुनकर कि इस हरामखोर ने किसी बच्चे से दुष्कर्म किया. ऐसे लोगों को तो पकड़कर गोली मार देने का काम करना चाहिए जिससे कोई भी ऐसा कुकृत्य करते डरे.
मदन मौर्या की अपने ज्यादातर सिटी इंचार्जों से नहीं पटी. शायद इसलिए भी कि मदन अपनी मर्जी के मालिक हैं और उनकी मर्जी में उनका कोई निजी स्वार्थ नहीं है, संस्थान और समाज का स्वार्थ रहता है. इसीलिए जागरण प्रबंधन भी मदन मौर्या को संरक्षण देता है अन्यथा मदन मौर्या के दैनिक जागरण में इतने दुश्मन हुए, इतनी शिकायतें प्लांड तरीके से कराई गईं कि वो जाने कबके बाहर हो चुके होते.
और, इस भूमिका के लिए मैं निजी तौर पर दैनिक जागरण, मेरठ के मालिकान की तारीफ करता हूं. मेरा निजी अनुभव है कि दैनिक जागरण समूह में सबसे ज्यादा ईमानदार, ट्रांसपैरेंट, डाउन टू अर्थ, जनपक्षधर और अपने ईमानदार कर्मियों के प्रति लायल डायरेक्टर्स अगर कहीं हैं तो वो मेरठ यूनिट में हैं. नरेंद्र मोहन के सगे भाई धीरेंद्र मोहन गुप्ता ने मेरठ यूनिट को शुरू कराया और कठिन मेहनत से जमाया व विस्तार किया. अब उनके दोनों पुत्र एक्टिव रोल में हैं. देवेश गुप्त और तरुण गुप्त. इन लोगों के अधीन मेरठ के अलावा आगरा, अलीगढ़, देहरादून आदि यूनिटें हैं.
मदन मौर्या फोटोग्राफरी का काम धीरेंद्र मोहन के जमाने से कर रहे हैं. और उनके पुत्र द्वय देवेश और तरुण गुप्ता ने भी मदन के मिजाज और काम को जांच परख लिया है. मदन न डरने वाला, न झुकने वाला, न काम में कोताही बरतने वाला. हमेशा एक्टिव रहने वाला फोटो जर्नलिस्ट. मेरठ में कहीं पत्ता भी खड़का तो सबसे पहले अगर किसी को खबर होगी तो मदन मौर्या हैं. नए फोटोग्राफर मदन का बहुत सम्मान करते हैं. और मदन भी उन नए लोगों को खूब संरक्षण देते हैं जो अपने काम और पत्रकारिता के प्रति ईमानदार होते हैं.
आप पूछेंगे कि इतनी भूमिका किसी एक आदमी के लिए क्यों बना रहा हूं. वो भी बता देता हूं.
पिछले दिनों जिन तस्वीरों पर पूरे यूपी में बवाल हुआ, उन तस्वीरों को कैमरे में कैद किया मदन मौर्या ने. और ये कारनामा उन्होंने पहली बार नहीं किया है. दर्जनों बार कर चुके हैं. मेरठ के मेडिकल कालेज में अगर कोई अपराधी फर्जी तरीके से अस्पताल में भर्ती हो गया और उसे पता लग गया कि मदन मौर्या आ रहे हैं तो वो सिर पर पांव रखकर भाग खड़ा होता है. उसी मदन मौर्या ने एक पुलिस अधिकारी के घर में घुसकर होमगार्डों के हो रहे उत्पीड़न की तस्वीरें उतारी. होमगार्ड लोग टायलेट साफ कर रहे थे, पोछा लगा रहे थे. और इनकी तस्वीरें उतारीं मदन मौर्या ने.
सोचिए, क्या आज के किसी फोटो जर्नलिस्ट में इतनी हिम्मत है कि वो किसी पुलिस अफसर के घर में घुसकर वहां के जंगलराज की तस्वीर उतार ले. यही हिम्मत तो नहीं है आज के पत्रकारों में, जिसके कारण बाकी संस्थाओं के भ्रष्ट लोग थर्राते थे मीडिया और पत्रकारों से. अब खुद पत्रकार भ्रष्ट हो गया है, मीडिया पतित हो चुकी है, सो हर कोई मीडिया और पत्रकारों को ब्लैकमेलरों का गिरोह कहता है. पर मदन मौर्या जैसे गिने-चुने लोग जब तक मीडिया में जहां जहां रहेंगे, मीडिया पर लोगों का भरोसा कायम रहेगा. मदन मौर्या की दोनों तस्वीरों को देखिए और उनके बेहतरीन काम के लिए उन्हें जरूर बधाई दीजिए. उनका फोन नंबर है- 09837099512.
उपरोक्त तस्वीरों से संबंधित खबर पढ़िए, क्लिक करें- एसपी ने होमगार्डों को सफाईकर्मी बना डाला
मेरठ में चाहे जो भी एसपी-डीएम रहे, इन एसपियों-डीएमों को शहर व जिले का खरा-खरा हाल बताकर उनकी निष्क्रियता का उलाहना देने से नहीं चूकते मदन. चूंकि मदन मौर्या का इन अफसरों से अपना कोई निजी काम नहीं पड़ता और न वे किसी दूसरे का कोई गलत काम कराते हैं, सो उनकी ईमानदार व बेबाक छवि के कारण अफसर भी उनकी बात को गौर से सुनते हैं और उनकी कही गई बात पर तुरंत कार्रवाई करते हैं. मदन के इस व्यवहार व व्यक्तित्व के कारण दर्जनों आईपीएस और आईएएस उनके फैन हैं जो कभी मेरठ में पोस्टेड रहे हैं.
करीब दो दशक से फोटोग्राफरी कर रहे मदन ज्यादातर वक्त एक्शन मोड में होते हैं. कई बार महसूस होता है कि ये आदमी नार्मल क्यों नहीं रहता. अब लगता है कि ये जो कुछ एबनार्मल लोग हैं, इन्हीं की हिम्मत और साहस के बदौलत देश-समाज में ज्यादातर लोग नार्मल जिंदगी जीने लायक माहौल पाते हैं. याद करता हूं आलोक तोमर जी को लगता है कि वो हमेशा एक खास किस्म की उत्तेजना में रहा करते थे. कुछ सोचा और तुरंत लिखने लगे, कुछ सुना और तुरंत अपना पक्ष तय कर उसका ऐलान कर दिया, कुछ पढ़ा तो तुरंत उसे आत्मसात कर उसके आदि-अंत की तलाश शुरू कर दी.
और, उसी उत्तेजना, उसी एक्शन मोड के कारण आलोक तोमर को कभी किसी से भय नहीं लगा, कुछ भी कहने में संकोच नहीं किया, जो महसूस किया उसे लिख डालने में कोई गुरेज नहीं किया. कई ऐसे लोग हैं. और जाने क्यों मुझे आजकल ऐसे लोगों से कुछ ज्यादा ही प्यार होने लगा है. फिलहाल तो मदन मौर्या के लिए यही कहूंगा कि शाबास, जुग-जुग जियो भाई, मुझे गर्व है कि मैंने कभी आपके साथ काम किया है.
‘मदन गान’ फिलहाल यहीं रोकता हूं.
यशवंत
एडिटर
भड़ास4मीडिया
Comments on “शाबास मदन मौर्या, जुग-जुग जियो”
बस मस्त रहो, अलमस्त रहो मदन मियां।
हमें ही नहीं, इस कायनात के हर ईमानदार और झुझारू नागरिक को तुम पर नाज है।
तुमने इतना तो साबित कर ही दिया कि मेरठ जैसे छोटे शहर से भी वह काम किया जा सकता है जो बडे महानगरों के दिग्गज कहलाने वाले पत्रकार सोच भी नहीं सकते। जाहिर है कि ऐसा काम करने के बारे में सोचने के लिए हौसले की जरूरत होती है। और ऐसे त्वचा-तैलीयकरण के आदी और चरण-स्पर्श-कला-मर्मज्ञों में वह हौसला कहां, जो तमुमें है।
हमें तुम पर नाज है।
बधाई तो ले ही लो भैया।
तुम्हारा भी,
कुमार सौवीर, महुआ न्यूज, लखनऊ
madan ji lagai raho mai janta hu aap photo ke liye jaan tak ki parwa nahi kartai manai bhi nidar hokar covraig karana aapsai sikha tha salam apkai kaam or hoslai ko and also thx yashwant bhai
jab madan naraj hue
ek bar meerut main state level ka table tennis tournament aayojit hua. sports incharge hone ke nate torunament ko cover karne ki jimmedari mujh par he thi (jagaran ekmatra sansthan hai jahan sports reporting aur desk ek hi vyakti dekhta hai) madan morya ne tournament ke kuch photo kheenche the. lekin mere pass tournament orgnizers ki taraf se 40-50 photograph aa gaye the, maine unki quality ko dekhkar aur space ki problem ko dekhte hue unme se select kar sabhi winners ka ek sanyukta photo laga diya. agle din madan is baat par bharke hue the ki unke kheenche photo nahi lagaye gaye. maine unhe samjhane ki kaafi koshish ki lekin shayad unhe laga hoga ki main tournament orgnizers ka favour kar raha roon.
halanki main bhi manta hoon ki meerut dj unit ke sabse mehnati logon me madan shamil hain.
nikhil agarwal
meerut
Very good madan morya sir….
aapke hossle aur jajbe ko dil se salam.aaj jhan media me charo taraf chatukarita ka duar chal rha hai whan aapka un nidar aur bekhof hokar kaam karna vastav me ek missal hai.media me nai nai suruaat karne waloon ke liye aap aadarsh hain.
jai hind jai bharat…
shukriya madan ji
madan bahut achhe, lage raho aur kanpur samet patrakarita ka naam roshan karte raho. tumko mai beesh saal se jyada time se jaanta hu aur tumhare kam kerne ke tareeke aur swabhav se achhee tarah se wakif hu. mery shubhkaamna. namaskar.
aise photographar ko hajar bar salam.
well done.
bhadhai ho madan,
meerut me tumhare saath kamm karne me kafhi aacha laga, phir milunga. weese mee bahraich me hu.
madan gi namaskar,
aap ki photography kamal ki he.aap jaise log patrkarita me bhut kam mil paate he. aap bus yu hi lage raho.or shar ki har choti badi khabar par nazar rakho.
bhaiya madan jee aapne wah photo khich kar poolic walon ki pol kholne ke sath hi doyam darje ke va bure wartaw ke shikar homgard ke jawano ke dard bayen kiya hai.kash yah photo homgard mantri ko bhi dikhayee deti. aapko bebak photo patrakarita ke liye lal salam———————-preman kumar maurya varanasi
bhahu achche mere bhai aap isi tarah patrakaro ko aaina dikhate rahe yahi ishwar se prathna hai—————————–preman kumar maurya varanasi
मौर्य जी,
मैं आप से मिलना चाहता हूँ। जून 30 को मेरा ugc नेट का पेपर मेरठ है। मैं आऊँगा। यदि आप समय निकाल सकेँ, तो कृपया समय दें। कानपुर में मैं 12 साल नौकरी करा हूँ। धन्यवाद आपके मेहनत को, जो आप समाज के लिए कर रहे हैं।
राम नाथ मौर्य
गाजियाबाद