साहित्य एक नक्सली की डायरी (अंतिम) : कुछ और हैं ज़िंदगी के मायने : अब से करीब पचीस साल पहले जून के बीतते दिनों में नैनीताल जिले के खटीमा कस्बे... bhadas4media.comFebruary 13, 2011
साहित्य एक नक्सली की डायरी (6) : नक्सल आंदोलन और रामकथा : नक्सल आंदोलन और रामकथा। दोनों के बीच कोई रिश्ता नहीं जान पड़ता। लेकिन कुछ संयोग ऐसा बना कि... bhadas4media.comJanuary 30, 2011
साहित्य एक नक्सली की डायरी (5) : होलटाईमरी की उलटबासियां : शुरुआत पिछली कड़ी पर आई अनुराग जी (स्मार्ट इंडियन) की एक प्रतिक्रिया से करते हैं. उनका कहना है- ''लेख... bhadas4media.comJanuary 30, 2011
साहित्य एक नक्सली की डायरी (4) : क्या आपने लोहिया का पढ़ा है? : अगर पूछा जाए कि किस एक बुद्धिजीवी को मैं सबसे ज्यादा मिस करता हूं तो दिमाग... bhadas4media.comJanuary 30, 2011
साहित्य एक नक्सली की डायरी (3) : विद्रोही चेतना और नोस्टेल्जिया : प्रेम में पागल होने को मैं एक काव्योक्ति भर समझता था। कॉमन सेंस इससे आगे बढ़ने की इजाजत... bhadas4media.comJanuary 30, 2011
साहित्य एक नक्सली की डायरी (2) : सुख-दुख की साझेदारी का रिश्ता : इलाहाबाद में कई लोगों से मेरी गहरी दोस्तियां भी हुईं लेकिन उन्हें पारंपरिक अर्थों में दोस्ती कहना... bhadas4media.comJanuary 30, 2011
साहित्य एक नक्सली की डायरी (1) [caption id="attachment_19302" align="alignleft" width="94"]चंद्रभूषण उर्फ चंदू भाई[/caption]बचपन की मेरी शुरुआती यादें आजमगढ़ शहर की हैं। तीन-चार साल की उम्र में मुझसे अट्ठारह साल बड़ी... bhadas4media.comJanuary 20, 2011