वैसे भी जिस बंदे के बदन पर खाकी होती है, उसके हाव-भाव-ताव सब अलग होते हैं. जनता उनके लिए कीड़े-मकोड़े से ज्यादा नहीं होती. खाकी बदन पर चढ़ते ही ये खुद को कानून से ऊपर समझने लगते हैं और आईपीसी की धाराओं को अपनी रखैल. जब जैसा चाहा वैसा किया, फिर कानून की कमजोरी का फायदा उठाते हुए बच निकले. आज गाजीपुर जिले के बिरना थाने क्षेत्र में हुई घटना भी ऐसे ही एक पुलिस वाले की गुंडई तथा कानून से खुद को ऊपर समझने की मानसिकता का परिचायक है.
Tag: ghazipur
महिला उत्पीड़न का आरोपी और मानवाधिकार जांच में फंसे आईपीएस लोकू को माया सरकार देगी श्रेष्ठता पुरस्कार!
केवल प्रताड़ना के लिए निर्दोष महिलाओं को रात भर थाने पर बिठाये रखने वाले पुलिस अफसर को प्रदेश की माया-सरकार ने उसकी हरकतों को उत्कृष्ट और सराहनीय माना है। कल सोमवार 15 अगस्त को मुख्यमंत्री मायावती खुद उसके गले में मेरीटोरियस सर्विस का मेडल टांगेंगी। यह अफसर अब लखनऊ में डीआईजी के तौर पर बिराजमान है।
गाजीपुर के पत्रकारों ने बनाया ‘एक्टिव जर्नलिस्ट फोरम’
गाजीपुर जनपद में यूं तो पत्रकारों के कई संगठन हैं और ये सभी संगठन पत्रकारों के हितों के नाम पर अलम्बरदारी कर रहे हैं। ये दीगर बात है कि पत्रकारों के हितों के नाम पर चल रहे इन संगठनों का सबसे महत्वपूर्ण काम आपसी राजनीति, गुटबंदी और खेमेबाजी ही नजर आ रहा है, ऐसे में पत्रकारिता की मुख्यधारा से जुड़े लोग चाहे वो संवाददाता हों, छायाकार हों या जनपद में विभिन्न अखबारों के ब्यूरो चीफ, पत्रकारिता के नाम पर चलने वाले इन संगठनों से किनारा कर अपने कामों में मशगूल बने रहते हैं।
फिर नहीं हुई गुलाब राय के हमलावरों की जमानत
गाजीपुर में हमला कर फोटो जर्नलिस्ट गुलाब राय को लूटने के मामले में आबकारी निरीक्षक राजेश यादव और मुख्य आरक्षी विन्ध्याचल राय की जमानत का मामला टल गया। अर्जी पर अब सुनवाई 17 मार्च को होगी। अपर सत्र न्यायाधीश (एससीएसटी) संजय डे के न्यायालय में मंगलवार को अर्जी पर सुनवाई शुरू हुई।
न्याय के लिए पत्रकारों को करना पड़ा अधिकारियों के भ्रष्टतंत्र से संघर्ष
गाजीपुर में 9 मार्च को हुए छायाकार पर हमले की घटना के सूत्रधार आबकारी निरीक्षक राजेश यादव व कान्सटेबल विध्यांचल राय को बचाने के लिए अधिकारी और माफियाओं ने जो एकजुटता दिखाई, उससे समाज में जीने वाले सच्चे और ईमानदार लोग के लिए कड़ी चुनौती साबित हुई। दबाव और पैसे की लालच में आकर पुलिस और अधिकारी किस हद तक गिर सकते हैं इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता। सभ्य समाज में जीने वाले लोग अब इस बात पर सोचने को मजबूर हो गये है कि आखिर हमारा क्या होगा।
फोटोग्राफर पर हमला : आरोपियों की गिरफ्तारी में निष्क्रियता दिखा रही पुलिस
गाजीपुर में हमला कर फोटो पत्रकार को लूटने के मामले में आबकारी विभाग के शेष अभियुक्तों की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस खामोश है। अब तक घटना में लूटे गये कैमरों की भी बरामदगी नहीं हुई है। इसको लेकर पत्रकारों में रोष बढ़ता जा रहा है। बीते बुधवार को आबकारी विभाग के दफ्तर में डिप्टी सीएमओ डा. आरके मेहरा की पिटाई की घटना को कैमरे में कैद करते वक्त पत्रकार गुलाब राय पर हमला किया गया था।
फोटोग्राफर पर हमले के आरोपी इंस्पेक्टर एवं कांस्टेबल को नहीं मिली जमानत
नौ मार्च को आबकारी कार्यालय, गाजीपुर में डिप्टी सीएमओ प्रशासक आरके मेहरा पर जानलेवा हमला तथा समाचार संकलन और फोटो कवरेज कर रहे दैनिक आज समाचार पत्र के छायाकार गुलाब राय से मारपीट और कैमरा लूटने के मामले में आरोपी आबकारी इंस्पेक्टर राजेश यादव और कांस्टेबल विंध्याचल राय की जमानत याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी.
पत्रकार पर हमला, आबकारी विभाग के निरीक्षक एवं कांस्टेबल जेल भेजे गए
: डिप्टी सीएमओ की जमकर धुनाई हुई : होली आने से पहले ही गाजीपुर जिले में होली का नशा आबकारी विभाग और सरकारी अफसरों पर चढ़ने लगा है. दारू के दाम को लेकर डिप्टी सीएमओ से आबाकारी के लोग भिड़े ही, पत्रकार पर भी हमला किया गया. घायल पत्रकार की तहरीर पर आबकारी निरीक्षक और हेडकांस्टेबल के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें कोर्ट में पेश किया गया. दलील सुनने के बाद सीजेएम ने दोनों को जेल भेज दिया.
गाजीपुर में वरिष्ठ कवियों और पत्रकारों का हुआ सम्मान
: काव्य गोष्ठी में कवियों ने बहाई सुर व शब्दों की गंगा-यमुना : गाजीपुर। गाजीपुर पत्रकार एसोसिएशन द्वारा काव्य गोष्ठी एवं सम्मान समारोह का आयोजन नगर के मध्य स्थित हरिशंकरी में किया गया। इसमें जनपद के वरिष्ठ कवियों व साहित्यकारों को पत्रकारों द्वारा सम्मानित किया गया। इसमें मुख्य रूप से डा. गजाधर शर्मा ’गंगेश’, अनन्त देव पाण्डेय, दुर्गा प्रसाद गुरू, अश्क गाजीपुरी, गोपाल गौरव, रश्मि साक्या, डा. प्रेम शंकर ’प्रेम’ जी शामिल रहे।
पत्रकारों के सम्मान की धज्जियां उड़ाई दैनिक जागरण ने!
हमेशा दूसरे की हक और हुकूक की लड़ाई लड़ने वाली मीडिया आज कहां पहुंच गई है, इसकी बानगी देखने को मिला गाजीपुर में, जहां अपनी बेइज्जती और संगठन की लड़ाई में सहयोग देने के बजाय कुछ अखबार अधिकारियों के तलवे चाटने से बाज नहीं आ रहे हैं. जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए नामांकन गाजीपुर कलेक्ट्रेट परिसर में हो रहा था. नामांकन को कवर करने के लिए कुछ मीडियाकर्मियों ने अंदर प्रवेश करने की कोशिश की तो वहां तैनात दरोगा ने सीडीओ के आदेश पर किसी को अंदर नहीं जाने दिया. यह बात मीडियाकर्मियों को नागवार लगी. जिसके बाद सभी मीडियाकर्मियों ने उक्त नामांकन का बहिष्कार करने का निर्णय ले लिया.
कम हो गई है कलम की धार
राष्ट्रीय पत्रकारिता दिवस के अवसर पर जिला सूचना अधिकारी कार्यालय, गाजीपुर में एक गोष्ठी का आयोजन किया गया. जिसमें ‘मीडिया तथा कारपोरेट वर्ल्ड की चुनौतियां और अवसर’ विषय पर चर्चा आयोजित की गई. गोष्ठी में जनपद भर से जुटे दर्जनों पत्रकारों ने अपने-अपने विचार रखे. भारतीय प्रेस परिषद एवं निदेशक, सूचना व जनसम्पर्क विभाग उत्तर प्रदेश के आदेश पर इस कार्यक्रम को जिला सूचना विभाग ने आयोजित किया.
चौकी इंचार्ज ने पत्रकार को किया अपमानित
: गाजीपुर में पुलिस की दबंगई जारी : गाजीपुर में गोरा बाजार चौकी इंचार्ज एक पत्रकार को कालार पकड़कर सबके सामने अपमानित किया। उक्त मामला त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की मतगणना के दौरान घटित हुई। सरकारी महकमें में पत्रकारों को फर्जी कहने का चलन सा हो गया है। उक्त दारोगा ने भी एक अखबार के पत्रकार को फर्जी कहकर मतगणना स्थल से बाहर निकाल दिया। इस घटना के बाद से जनपद के पत्रकारों में रोष व्याप्त है।
गाजीपुर के पत्रकारों ने कहा- शेम शेम पुलिस
गाजीपुर पत्रकार एसोसिएशन की कैम्प कार्यालय, टैगोर मार्केट, कचहरी, गाजीपुर में आयोजित एक बैठक में गाजीपुर पुलिस के रवैए को शर्मनाक करार दिया गया. बैठक में भडास4मीडिया के सीईओ व एडिटर यशवंत सिंह जे गाजीपुर के नन्दगंज थाने के बनगांवा गांव में रहने वाले परिजनों के साथ पुलिस के शर्मनाक व्यवहार की निंदा की गई. बैठक में कहा गया कि गाजीपुर निवासी यशवंत वर्तमान में दिल्ली रहकर अपना कार्य कर रहे हैं. उनकी मां गांव पर ही रहती हैं. पिछले दिनों पंचायत चुनाव को लेकर हुए हत्या के बाद पुलिस आरोपियों पर शिकंजा कसने के लिए इनकी मां यमुना सिंह के साथ ही उनकी विकलांग चाची जो चल फिर पाने में असमर्थ हैं, के साथ ही 2 अन्य महिलाओं को थाने पर पूरी रात व अगले दिन दोपहर तक अवैध तरीके से बैठाये रखा.
गाजीपुर में ‘हिंदुस्तान’ की प्रतियां फुंकी
यूपी के गाजीपुर जिले से खबर है कि वहां बड़े पैमाने पर हिंदुस्तान अखबार की प्रतियां जलाई गईं. घटनाक्रम के मुताबिक थाना दिलदारनगर के कुशी गांव में दलितों-मुसलमानों के बीच किसी बात पर कहासुनी हो गई. स्थानीय लोगों के मुताबिक दलितों का पक्ष लेकर जमानिया सर्किल के क्षेत्राधिकारी हरिभजन आर्य ने मुसलमानों से अभद्रता कर दी.
उमरिया के पत्रकार भी अफसरों से हैं नाराज
यूपी के गाजीपुर जिले में ब्लैकमेलर कहे जाने से पत्रकार नाराज हो गए हैं तो मध्य प्रदेश के उमरिया जिले से खबर है कि जिले भर के पत्रकार जिला प्रशासन के लोगों के असम्मानजनक व्यवहार से परेशान हो गए हैं. इसी कारण पिछले दिनों एक बैठक के बाद उमरिया के पत्रकारों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. पत्रकारों ने ज्ञापन में कई सवाल पूछे हैं और कई मांग उठाई है, जो इस प्रकार हैं-
डीएम ने ‘ब्लैकमेलर’ कहा तो भड़क गए पत्रकार
गाजीपुर के पत्रकारों ने बैठक कर कहा- आरोप साबित करें अन्यथा माफी मांगें जिलाधिकारी : यूपी के गाजीपुर जिले के पत्रकार बेहद गुस्से में हैं. उनकी नाराजगी जिलाधिकारी हृदयेश कुमार से है. डीएम ने पत्रकारों को सार्वजनिक तौर पर ‘ब्लैकमेलर’ कह दिया. इसी से पत्रकार भड़क गए हैं. गाजीपुर के पत्रकारों की पीड़ा है कि जिलाधिकारी हृदयेश कुमार जनपद के पत्रकारों को बार-बार अपमानित करते रहते हैं. इसी क्रम में उन्होंने कल मण्डलायुक्त वाराणसी एनएस रवि की प्रेसवार्ता के दौरान पत्रकारों को ‘ब्लैकमेलर’ तक कह डाला.