आज प्रेस फ्रीडम डे मनाया जा रहा है यानी प्रेस की आज़ादी का दिन. वहीं हालिया जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक़ देश में मीडिया की आज़ादी खतरे में हैं. लगातार बढ़ते पॉलिटिकल पार्टियों और सत्ता पक्ष के दबाव के चलते प्रेस की आज़ादी पूरी तरह से संकट में है. इसी की एक और भयावह तस्वीर उभरी है, यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा न्यूज एजेंसी एएनआई के साथ करार कर लेने से. दरअसल यूपी सरकार ने एक शासनादेश जारी किया है, जिसके मुताबिक़, योगी आदित्यनाथ सरकार के कार्यक्रमों की लाइव कवरेज करने पर समाचार एजेंसी एशियन न्यूज इंटरनैशनल यानी एएनआई को एक करोड़ रुपए सालाना मिलेंगे.
इस करार के चलते अब सरकार का हर कार्यक्रम चाहे वह छोटा हो या बड़ा एएनआई कवर करेगी. सरकार का इस बाबत कहना है कि उन्होंने बहुत सोच समझ कर यह निर्णय लिया है. सरकारी लोगों का इस बाबत कहना है कि सरकार की योजना योगी आदित्यनाथ और उनकी सरकार को सोशल मीडिया तक पहुंचाने की है. सोशल मीडिया द्वारा लोगों से जुड़ कर सरकार अपनी हर एक बात सीधे सीधे उन तक पहुंचाना चाहती है. साथ ही अपने कामों के बारे में लोगों से लगातार फीडबैक लेना चाहती है.
गौरतलब है कि फेसबुक पर योगी के 5479051 और ट्विटर पर 26 लाख फॉलोवर्स हैं. वहीं यूपी सरकार को 6 लाख 32 हजार लोग फॉलो करते हैं. सरकार चाहती है कि इन सभी लोगों तक सरकार के हर कार्यक्रम की लाइव स्ट्रीमिंग पहुंच सके. ताकि सभी लोग इसे देख सके, इसीके चलते एएनआई को यह ठेका दिया गया. ऐसे में अब यूट्यूब, फेसबुक, ट्विटर हर जगह योगी सरकार का हर कार्यक्रम प्रसारित होगा और इसके प्रसारण की पूरी जवाबदारी एएनआई की होगी.
आइए एक नजर ड़ालते हैं, यूपी सरकार के एएनआई को सभी कार्यक्रमों का ठेका देने वाले शासनादेश पर –