यूपी के बलिया में पेपर लीक होने के मामले में कई पत्रकारों को प्रशासन ने जेल भेजा था। इस पर कई जगह विरोध प्रदर्शन हुआ है। कौशाम्बी जनपद के पत्रकारों में भी काफी रोष है। सोमवार को बड़ी संख्या में पत्रकार चायल तहसील में एकत्र हुए और बलिया प्रशासन व सीधी पुलिस के विरोध में नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। इसके बाद राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन एसडीएम को सौंपा।
चायल के पत्रकारों ने दिए ज्ञापन में कहा कि प्रेस को चतुर्थ स्तंभ कहा जाता है। लेकिन, प्रदेश में लगातार मीडियाकर्मियों पर हिंसक घटनाएं हो रहीं हैं। राजनेता, प्रशासन और पुलिस मिलकर मीडियाकर्मियों पर दबाव बनाने के लिए फर्जी मुकदमा दर्ज करा रहे हैं। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का मीडियाकर्मियों के प्रति संवेदनशीलता अपनाने का स्पष्ट आदेश है। लेकिन, इसके बाद भी मीडिया कर्मियों का उत्पीड़न किया जा रहा है। तहसील प्रेस क्लब चायल के अध्यक्ष सईदुर्रहमान मुन्ने ने कहा कि बलिया में अंग्रेजी का प्रश्न पत्र लीक होने की खबर प्रकाशित करने पर पत्रकार अजीत ओझा, दिग्विजय सिंह और मनोज गुप्ता के खिलाफ केस दर्ज कर गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
वहीं मध्य प्रदेश के सीधी कोतवाली टीआई व सिपाही ने पत्रकारों को हवालात में अर्धनग्न कर रखा था। प्रदीप कुशवाहा ने कहा कि इस तरह की घटना किसी भी सभ्य समाज में बर्दाश्त नहीं करना चाहिए। खासकर भारत जैसे लोकतांत्रित देश में इस तरह का कृत्य लोकतंत्र की व्यवस्थाओं पर कुठाराघात करने का कुत्सित प्रयास है। पत्रकारों ने सीधी के टीआई और पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई के साथ साथ डीएम बलिया के खिलाफ गोपनीयता को भंग करने का केस दर्ज कर गिरफ्तार करने की मांग की है। पत्रकारों ने महामहिम राष्ट्रपति को सम्बोधित पांच सूत्रीय ज्ञापन एसडीएम राजेश श्रीवास्तव को सौंपा। इस मौके पर सभी पत्रकार मौजूद रहे।