गिरीश मालवीय-
आपने गौर किया कि COVID के मामले में देश भर में सबसे पहले आगे आकर कौन सा मुख्य्मंत्री कार्यवाही करता है ? वो है केजरीवाल।
COVID संबंधी कोई भी मामला उठाकर देख लीजिए, चाहें वह टीके के खुराक का हो या जनता पर किसी भी तरह के प्रतिबंध लागू करने का या बूस्टर डोज का मामला हो या आक्सीजन सप्लाई का हर बात में केजरीवाल आगे लीड करते हैं।
दरअसल पहले मीडिया COVID को लेकर सुरसुरी छोड़ता है, मीडिया पब्लिक में एक धारणा बनाता है और केजरीवाल सबसे आकर उस धारणा को पुष्ट करते हैं।
अभी भी कोरोना केस को लेकर केजरीवाल सरकार ने स्कूलों के लिए जारी की नई एडवाइजरी जारी कर दी है, यानि दूसरे राज्यों पर भी अप्रत्यक्ष रुप से दबाव बनाया जा रहा है कि वे भी ऐसा ही करे।
अगर आप केजरीवाल के बैकग्राउंड को ध्यान से देखे तो आपको जवाब मिल जाएगा कि कोविड के पीछे का खेल क्या है और केसे केजरीवाल जेसे टट्टूओ की सहायता से दुनियां भर में इस को खेला जा रहा है।
केजरीवाल के उभार में फोर्ड फाउंडेशन, डच एम्बेसी और यूएनडीपी का पैसा लगा है अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया दोनों कबीर नामक एनजीओ चलाते थे और 2011 में फोर्ड फाउंडेशन से ‘कबीर’ संस्था को करीब दो लाख अमेरिकी डॉलर का अनुदान मिला था। लेकिन फोर्ड फाउंडेशन ने यह मोहरा बहुत पहले से सेट कर दीया था फोर्ड द्वारा ही 2006 मे अरविंद केजरीवाल को 38 साल की उम्र में रमन मैग्सेसे पुरस्कार के माध्यम से 50000 डॉलर देकर उपकृत किया था……
केजरीवाल के बैकग्राउंड की यह कहानी लंबी है पर सच्ची है कभी आराम से बताऊंगा, वैसे शुरआत में मुझे भी इस पर डाउट होता था लेकिन केजरीवाल जिस तरह से कोरोना पर रिएक्शन देते है उससे यह साफ हो जाता है कि केजरीवाल के पीछे कौन सी ताकते काम कर रही थी और कौन सी ताकते अभी भी काम कर रही है।
अतुल गोयल
April 15, 2022 at 11:43 pm
आपके हिसाब से मतलब मोदी तो बेवकूफ साबित हुआ इस केजरीवाल के आगे