एक वीडियो क्लिप वायरल हो रही है जिसमें एक बुजुर्ग शख्स संभोगरत हैं. इस शख्स को भाजपा का एक पूर्व मुख्यमंत्री बताया जा रहा है. इसको लेकर इंदौर के अखबार अग्निबाण ने खबर भी प्रकाशित की है. पर कुछ लोगों का कहना है कि हनी ट्रैप गिरोह द्वारा लगभग सौ लोगों के वीडियो बनाए जाने की बात जबसे फैली है तबसे हर राजनीतिक पार्टी के आईटी सेल में कार्यरत लोगों को काम मिल गया है.
ये आईटी सेल वाले पोर्न वेबसाइट्स से ऐसी क्लिप्स तलाश रहे हैं जिसमें चेहरे-मोहरे एमपी के बड़े नेताओं से मिलते जुलते हों. ऐसे चेहरे वाले वीडियो दिखते ही उसे डाउनलोड कर फौरन ‘फलाने नेता का वीडियो’ कहकर वायरल कर दिया जाता है. लोग भी बिना समझे बूझे मान लेते हैं कि यह उस नेता का ही होगा क्योंकि आदमी की शक्ल मिलती जुलती दिख रही होती है. चूंकि वीडियो क्लिप्स खुफिया कैमरों से छिप कर बनाए जाते हैं, इसलिए कई दफा उसमें चेहरे साफ नहीं आ पाते. मिलता जुलता चेहरा दस बीस सेकेंड के लिए दिखना ही पर्याप्त होता है. इसलिए कोई भी वीडियो देख रहा शख्स ‘फलाने नेता का वीडियो क्लिप है’ के दावे को जल्द नकार भी नहीं पाता.
जिस 44 सेकेंड के एक वीडियो को भाजपा के पूर्व सीएम का बताया जा रहा है, उसमें जो शख्स दिख रहा, वह पूर्व सीएम जैसा तो लग रहा पर बिना जांच नहीं कहा जा सकता कि यह वाकई पूर्व सीएम ही है. ये पूर्व सीएम अब भले अब दुनिया में न हों लेकिन उनका नाम लेकर एक वीडियो क्लिप जरूर वायरल है. अग्निबाण अखबार ने तो बाकायदा इस वीडियो क्लिप को पूर्व सीएम का बताकर छाप भी दिया है.
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