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सुख-दुख

क्या मीडिया, मार्केट और वेस्ट कंट्रीज समलैंगिक सेक्स को जानबूझकर बढ़ावा दे रहे हैं?

गिरीश मालवीय-

मलाला के इस बयान के एक खास एंगल की तरफ लोगो का ध्यान नही है… अगर आप नेटफ्लिक्स या अमेजन प्राइम पर अंग्रेजी वेब सीरीज देखने का शौक रखते हो तो आप पाएंगे कि लगभग हर वेब सीरीज का कोई न कोई कैरेक्टर गे बताया जाएगा और समलैंगिक संबंधों के दृश्य लगभग हर सीरीज में आपको देखने को मिलेंगे।

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कल मैं नेटफ्लिक्स पर द one नाम की एक सीरीज देख रहा था उसका कॉन्सेप्ट यह है कि जेनेरेट साइंस के इस्तेमाल से दो वैज्ञानिक यह खोज करते हैं कि इंसान का परफेक्ट पार्टनर कौन हैं यानी वह किसके साथ डेट करे ,शादी करे या लिव इन मे रहे…….. इसके लिए क्लाइंट को अपने कुछ बाल निकाल कर द वन कंपनी को भेजने होते हैं और वो कम्पनी लाखो करोड़ो लोगों के DNA से वह सैम्पल मैच कर उसका परफेक्ट पार्टनर उसे बताती है।

कंपनी दो सालों में ही दुनिया की प्रॉफिटेबल कम्पनियो में से एक बन जाती है। इससे पूरी दुनिया मे उनके लिए भी समस्या खड़ी हो जाती है जिनकी शादियों हो चुकी होती है इस सीरीज में बताया गया है कि शक्की पत्नी अपने पति का सेम्पल उसे बिना बताए कम्पनी भेज देती है पति का परफेक्ट मैच कोई और होती है….इसमे बताया गया है कि जरूरी नही है कि एक लड़की का बेस्ट पार्टनर कोई लड़का हो वो कोई लड़की भी हो सकती है।

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इस बात को मैं लम्बे समय से महसूस कर रहा हूँ कि एक तरह से मीडिया के इस्तेमाल से लोगो को प्रेरित किया जा रहा है कि वह अधिक से अधिक सेम सेक्स के साथ संबंध बनाए।

हाई सोसायटी में इस तरह के सम्बन्धो को ग्लोरीफाई करके दिखाया जा रहा है यह सही है कि बहुत से लोगो की जन्मजात रूप से इस तरह की प्रवृत्ति होती है वो ठीक है उसमे कुछ गलत भी नही है पर इस तरह से उसे ग्लोरीफाई करना मेरी समझ के बाहर है।

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मलाला जैसी बनाई गई सेलेब्रेटी के जरिए भारतीय उप महाद्वीप के बन्द समाज मे एक खास विचारधारा को पुश किया जा रहा है।


अतीक किदवई-

शादी को लेकर मलाला के इस बयान I don’t understand why people have to get married? पर काफ़ी चर्चा है, कोई उन्हें यूरोपीयन गुड़िया, कोई कठपुतली बोल रहा, यहाँ तक उसकी तुलना तस्लीमा नसरीन से की जा रही जबकि दोनो में बहुत अंतर है,
इतना तैश में आने के बजाय उसकी कही गई बात को समझने की ज़रूरत है।

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किसी लड़के ने लिखा अगर शादी ज़रूरी नही तो मलाला ज़मीन पर कैसे आई, मेरे दोस्त ज़मीन पर कोई शादी से नही आता, शादी की उपयोगिता आप बता सकते है उसके लाभ हानि पर बात कर सकते है। शुचिता अश्लीता पर चर्चा कर सकते है, सामाजिक मूल्यों परम्पराओ, आदर्शों और स्त्री विमर्श आदि से सम्बंधित बात कर सकते है।

मलाला को लगता है शादी ज़रूरी नही, उसे नही समझ आता कि लोग क्यों शादी करते है, आप अपने लेख से बताइये की शादी के ये लाभ है पर आप तो जवाब देने के बजाय सर्टिफिकेट बांटने लगे। कभी परसाई का शादी को लेकर लेख पढ़ियेगा।

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वाकईं जिन्होंने निडर होकर संघर्षों के साथ पढ़ाई जारी रखी, मलाला उनकी प्रेरणा है, मैं मलाला का प्रशंसक उसी दिन से हूँ जब मैंने इनकी बायोग्राफी “आई एम मलाला” पढ़ी।

पाकिस्तान के ख़ैबर पख्तूनख्वाह प्रांत के स्वात घाटी में मलाला का जन्म हुआ, आप कुछ देर के लिए मलाला के सर में गोली कांड को भूल जाइए इसपर आगे बात करेंगे, इससे इतर सोचिये की वो कितनी होनहार है, जब वो छोटी थी तो अपने से बड़े क्लास के बच्चों के साथ बैठकर पढ़ाई करती थी, क्लास में हमेशा फर्स्ट आती। स्कूल की डिबेट्स में उसके तर्क मज़बूत और साहसी होते, मलाला को निडर सच्चा और होनहार बनाने में उनके पिता ज़ियाउद्दीन युसुफ़ज़ई का सबसे बड़ा योगदान है।

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उन दिनों स्वात में तालिबानियो ने कब्ज़ा कर लिया था, ब्यूटी पार्लर से लेकर डांस क्लब वग़ैरह इसके अलावा तकरीबन चार पाँच सौ स्कूल बंद करवा दिये थे, लड़कियां पांचवे के बाद पढ़ नही सकती थी, स्कूल से पिकनिक नही जा सकती थी, मलाला 11 साल की थी उसी समय से वो इसके विरुद्ध आवाज़ उठाने लगी बाद में बीबीसी रेडियो पर गुल मकई के नाम से डायरी लिखी और कट्टरपंथी तालिबानियो के विरुद्ध बहुत सी बातें रखी जो लड़कियो की शिक्षा के ख़िलाफ़ थे, ये शायद ऐना फ्रैंक के फीनिस्क पक्षी जैसा होना था जो मलाला बनकर आई, खैर उनके पिता से गलती तब हुई जब उन्होंने अपनी बेटी के नाम का खुलासा करके बताया कि गुल मकई ही मलाला है।

साल 2012 में अपने दोस्तों के साथ पिकनिक जाती हुई मलाला की वैन में एक तालिबानी घुस आता है औऱ लड़कियो से पूछता है कि मलाला कौन है सारी लड़कियो की निगाह मलाला पर चली जाती है, तभी वो आदमी मलाला के सिर पर शूट करके भाग जाता है ख़ैर तीन घटनाओ में पाकिस्तानी ड्राइवर की हिम्मत देखी है, एक श्रीलंका की क्रिकेट टीम पर हमले के समय, एक पेशावर घटना के समय और एक मलाला पर जानलेवा हमले के समय। ड्राइवर तेज़ी से उसे हॉस्पिटल ले जाता है, वहाँ उसकी हालत बहुत नाजुक होती है।

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बाद में ब्रिटेन सरकार और पाकिस्तान की सरकार की बातचीत के बाद उसे ब्रिटेन ले जाया जाता है, जहाँ उसका महीनों इलाज चलता है, लेकिन शानदार बात ये है कि उस हॉस्पिटल के बाहर रोज़ लड़के लड़कियो का हुजूम रहता जो फूल लिए खड़े रहते, सारी दुनिया से उसके स्वस्थ होने की कामना हो रही थी, दुनिया के बड़े बड़े लोग उससे मिलने हॉस्पिटल आते।

दुनिया भर के लोगो के हज़ारो खत रोज़ हॉस्पिटल आ रहे थे, मलाला को अब भी एक कान से सीटी जैसी आवाज़ सुनाई देती, लेकिन उसने हिम्मत नही हारी, वो हर इंसान से मुस्कुराकर मिलती, जब वो ठीक हुई तो उसे अंतरराष्ट्रीय बाल शांति पुरुस्कार, फिर पाकिस्तान युवा शांति पुरस्कार, 2012 में सबसे प्रचलित शख्सियत से सम्मानित किया गया, लड़कियो कि शिक्षा के अधिकार की लड़ाई लड़ने के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा उसके 16वे जन्मदिन यानी 12 जुलाई को मलाला दिवस घोषित किया गया।

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साल 2013 में भी नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया गया, ग्लैमर अवार्ड फ़ॉर द गर्ल्स हीरो, उसके बाद यूरोपीयन यूनियन द्वारा प्रतिष्ठित मानवाधिकार पुरस्कार मिला, साल 2014 में नोबेल शांति पुरुस्कार मिला, फिर लगातार अवार्ड्स मिलते गए, फिलाडेल्फिया लिबर्टी मेडल, ऑर्डर ऑफ द स्माइल और न जाने कितने पुरुस्कार,
यहाँ से उसकी दूसरी पारी शुरू हुई जिस पर फिर कभी चर्चा करेंगे।

मलाला एक चर्चित नाम हो चुकी थी, उसके पहनावा अब भी स्वात की लड़कियो जैसा था, वो अब भी स्वात की बाते करती इसलिए उसका विरोध सिर्फ़ कट्टरपंथियों ही नही बल्कि तथाकथित प्रगतिवादी और नारीवादी भी करने लगे। कट्टरपंथी एजेंट कहते उन लोगो को तुम्हारा लड़कियों की शिक्षा के लिए आवाज़ उठाना पसंद नही था, स्कूल की तरफ से पिकनिक जाना पसंद नही था, और नारीवादियों को उसका पहनावा पसंद नही , स्वात के लिए उसकी मोहब्बत पसंद नही उसने तालिबानियो को गलत कहा लेकिन उसकी आड़ लेकर उसने सारे मुस्लिमो या इस्लाम को निशाना नही बनाया, ये बात लोगो को चुभी भी, जब उसने गाँधी जी के वाक्य को कोट किया “विनम्रता से ही आप दुनिया को बदल सकते है”

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आज भी मलाला इन सबसे बेपरवाह अपने मकसद में आगे बढ़ रही है। मैं चाहता हूं एक दिन वो पाकिस्तान की प्रधानमंत्री बने जैसा उसने एक इंटरव्यू में कहा था की राजनीति में आना चाहती हूँ।

उसे जब बोलते देखता हूँ तो उसका चेहरा टेढ़ा सा लगता है, यहाँ तक मुस्कुराहट भी, क्यो वो खुद को देखकर उस इंसान से नफरत नही करती जिसने उसका चेहरा बर्बाद किया, लेकिन वो तो उसे भी माफ कर चुकी है। ये सब कितना अजीब है। पहले मैं समझता था कि एक कारतूस ने शोहरत दी है लेकिन जब उसके बारे में जाना तो पता लगा कि उससे पहले भी खतरे को जानते हुए खतरा मोल लेती रही। मैं चाहता हूं हर लड़का लड़की उसके जैसा ही बने, निडर और बेबाक।
उम्मीद करता हूँ आगे बहुत खुशियां दे और मकसद में कामयाबी हासिल हो।

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