जयपुर : राजस्थान के सबसे बड़े प्रेस क्लब पिंकसिटी प्रेस क्लब में चुनावी रणभेरी बज चुकी है. पुराने मुद्दों को सुलझाने में नाकाम पदाधिकारी फिर से इन मुद्दों को भुनाने की कवायद में है. इनमें सबसे बड़ा मसला पत्रकार आवास योजना है. पत्रकारों के सम्मान, प्रेस क्लब की प्रतिष्ठाख् राजस्थान के हालिया बजट में पत्रकारों की अनदेखी सहित कई मुद्दों पर यह चुनाव लड़ा जा रहा है.
पिंकसिटी प्रेस क्लब के लिए 14 पदों पर चुनाव होंगे. अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव, कोषाध्यक्ष और कार्यकारिणी सदस्यों के लिए नामांकन प्रक्रिया 17 और 18 मार्च को होगी. प्रेस क्लब के चुनाव 30 मार्च को होंगे. पिंकसिटी प्रेस क्लब के अध्यक्ष पद पर इस बार मुकाबला रोचक है. पिछले 2 कार्यकाल में अध्यक्ष पद पर रहे राधारमण शर्मा एक बार फिर खुद को दौड़ में खड़ा पा रहे है. वहीं 3-3 बार अध्यक्ष रह चुके वरिष्ठ पत्रकार ईशमधु तलवार और बीरूसिंह राठौड़ भी अध्यक्ष पद पर दावेदारी जता चुके है. किशोर शर्मा एक बार फिर से चुनावी समीकरणों में अपने आपको फिट पा रहे है.
पिंकसिटी प्रेस क्लब में उपाध्यक्ष पद पर चुनाव के लिए अब तक 3 पत्रकार सामने आ चुके है. यशपाल भाटी, मुकेश शर्मा और बबीता शर्मा ने दावेदारी जता दी है. वहीं फोटोग्राफर और इलेक्ट्रिोनिक मीडिया से भी किसी पत्रकार की दावेदारी प्रस्तावित है. महासचिव पद पर रौशनलाल शर्मा, संजय सैनी, मुकेश मीणा, मुकेश चौधरी, राहुल गौतम, राहुल जैमन चुनावी मैदान में है. कोषाध्यक्ष पद पर देवेंद्र सिंह, रघुवीर जांगिड़, दिलीप शर्मा और 1 महिला पत्रकार के मैदान में होने की संभावना है. कार्यकारिणी सदस्यों के लिए कई युवा पत्रकार किस्मत आजमा रहे है. पिंकसिटी प्रेस क्लब के लिए लगभग सभी दावेदारों ने अपनी उम्मीदवारी की घोषणा सोशल मीडिया पर की. समर्थक भी उनकी पोस्ट लाइक और शेयर कर अपना समर्थन दर्शा रहे है.
प्रेस क्लब के चुनावों की उल्टी गिनती शुरू हो गई है. लेकिन मुद्छों का अभाव है. कुछ पदाधिकारी तो आपसी तनातनी में चुनाव लड़ रहे है. इनमें अध्यक्ष पद पर पूर्व में अध्यक्ष रह चुके 2 वरिष्छ पत्रकारों की ही बात क्यों ना हो. कुछ प्रत्याशियों ने भड़ास मीडिया ने अपने चुनावी प्लान साझा करते हुए कहा कि उनका मकसद प्रेस क्लब का माहौल सुधारना है. वहीं कुछ पत्रकार आवास योजना को फिर से चुनावी मुद्दा बनाने की दौड़ में है. प्रेस क्लब में वाई फाई सुविधा, लाइब्रेरी में सुधार, प्रेस क्लब में मौजूद हॉल का कायाकल्प, पत्रकारिता सेमीनार सहित पत्रकारों के कौशल विकास की कोई योजना चुनावी मुद्दों में शामिल नहीं है. हालांकि यह तय है कि कई पुराने दिग्गजों के चुनावी मैदान में आने से इस बार चुनाव रोचक होंगे.