Connect with us

Hi, what are you looking for?

मध्य प्रदेश

सट्टा माफिया लता कुल्हाड़े बोली- मीडिया वालों को भी पैसे देती हूं, मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता

सिवनी (मध्य प्रदेश) । नगर में सट्टे का संचालन लता कुल्हाड़े द्वारा किया जाता है। इस महिला के कारण अनेक पुलिसकर्मियों की नौकरी और चरित्र का पतन तक की स्थिति निर्मित हुई लेकिन पुलिस भी उसका कुछ नहीं कर पाती। अनेक बाद उसे जेल पहुंचाया गया लेकिन पैसों के दम पर वह छूटकर अपने व्यवसाय को प्रारंभ कर देती है। अब तो स्थिति यह है कि वह यह कहती है कि मीडिया वालों को भी मैं पैसे देती हूं इसलिए वे भी मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकते। जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन सट्टे का कारोबार करने वाली लता पर चुप्पी साधे है। लता के तार सिवनी ही नहीं बालाघाट जिले के कटंगी एवं छिंदवाड़ा के चौरई सहित अनेक जिलों से जुड़े हैं।

<p>सिवनी (मध्य प्रदेश) । नगर में सट्टे का संचालन लता कुल्हाड़े द्वारा किया जाता है। इस महिला के कारण अनेक पुलिसकर्मियों की नौकरी और चरित्र का पतन तक की स्थिति निर्मित हुई लेकिन पुलिस भी उसका कुछ नहीं कर पाती। अनेक बाद उसे जेल पहुंचाया गया लेकिन पैसों के दम पर वह छूटकर अपने व्यवसाय को प्रारंभ कर देती है। अब तो स्थिति यह है कि वह यह कहती है कि मीडिया वालों को भी मैं पैसे देती हूं इसलिए वे भी मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकते। जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन सट्टे का कारोबार करने वाली लता पर चुप्पी साधे है। लता के तार सिवनी ही नहीं बालाघाट जिले के कटंगी एवं छिंदवाड़ा के चौरई सहित अनेक जिलों से जुड़े हैं।</p>

सिवनी (मध्य प्रदेश) । नगर में सट्टे का संचालन लता कुल्हाड़े द्वारा किया जाता है। इस महिला के कारण अनेक पुलिसकर्मियों की नौकरी और चरित्र का पतन तक की स्थिति निर्मित हुई लेकिन पुलिस भी उसका कुछ नहीं कर पाती। अनेक बाद उसे जेल पहुंचाया गया लेकिन पैसों के दम पर वह छूटकर अपने व्यवसाय को प्रारंभ कर देती है। अब तो स्थिति यह है कि वह यह कहती है कि मीडिया वालों को भी मैं पैसे देती हूं इसलिए वे भी मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकते। जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन सट्टे का कारोबार करने वाली लता पर चुप्पी साधे है। लता के तार सिवनी ही नहीं बालाघाट जिले के कटंगी एवं छिंदवाड़ा के चौरई सहित अनेक जिलों से जुड़े हैं।

सिवनी में सट्टे के कारण कई घर तबाह हो चुके हैं और कई उजडऩे की कगार पर हैं। चंद सैकेंड में अमीर बनने की लालसा में अंधे होकर लोग इस सट्टे रूपी जुए के खेल को खेलते हैं। इस धंधे से जुड़े लोग कई गरीबों के घर उजाडऩे में अपनी अहम भूमिका निभा चुके हैं। ये लोगों को रातोंरात अमीर होने का सब्जबाग दिखाते हैं और उनसे 1 से 100 तक किसी भी एक अक्षर पर सट्टा लगाने को कहते हैं। रातोंरात अमीर बनने की चाह में लोग अपनी मेहनत की कमाई सट्टे में लगाकर अपना सब कुछ बर्बाद कर बैठते हैं। एक रुपए के 90 रुपए वही अंक आने पर मिलते हैं। यदि अंक न निकले तो लालच में वे दोबारा फिर से दूसरे अंक पर रुपया लगा देते हैं।

Advertisement. Scroll to continue reading.

सबसे ज्यादा सट्टा मजदूर वर्ग लगाता है। वे दिन भर मेहनत करते हैं और शाम के समय घर पर कुछ सब्जी लेकर जाएं न जाएं लेकिन सट्टे रूपी जुए का नम्बर जरूर लगाकर जाएंगे। उनके घर पर भी इस बात को लेकर क्लेश रहता है लेकिन ये लोग सुधरने की बजाय सट्टे की गेम खेलने में लगे रहते हैं। सारा दिन काम करते समय भी इनका ध्यान नम्बर बनाने में रहता है। स्कूली छात्र भी अब इस गेम में अपना भाग्य आजमाने लग पड़े हैं। सट्टा माफिया स्कूली छात्रों को इस खेल के फायदे बता रहा है। खाइवाल पूरी तरह से सट्टा रूपी जुए से सबके घर तबाह करने में जुट गए हैं। उनको पुलिस के डंडे का भी डर इसलिए नहीं होता क्योंकि इस केस में जमानत मौके पर ही हो जाती है। उसके बाद वे लोग फिर से अपने कार्य को अंजाम देना शुरू कर देते हैं। कई ढोंगी बाबे भी सट्टे का नम्बर देने के लिए मशहूर हो चुके हैं। उनके पास पिछले कई वर्षों का रिकार्ड रहता है, जिसमें प्रत्येक दिन के आए नम्बर का हिसाब रहता है। उन्हीं के आधार पर सट्टे का नम्बर देकर वे लोगों से पैसे ऐंठ कर ले जाते हैं। जिसका नम्बर निकल आया उसके लिए तो बाबा सब कुछ हो जाता है। वे बाबा की खातिरदारी में कोई कमी शेष नहीं छोड़ते हैं।

लता के अंगने में चल रहा तीन पत्ती का खेल
सट्टे के बाद इस महिला किंग ने तीन पत्ती नामक जुएं का खेल भी अपने घर में शुरू करवा दिया है जहां धड़ल्ले से युवा वर्ग जमावड़ा लगाकर अपना भाग्य आजमाता है। इतना ही नही नई पीढ़ी के युवा इस किस्मत के खेल में हाथ आजमाकर जल्दी अमीर बनना चाहते हैं लेकिन यहां आकर कई युवा पीढ़ी बर्बाद हो रही है। लता की इस दुकानदारी का विरोध अब तक किसी भी सामाजिक संगठन या जनप्रतिनिधि ने नहीं किया जो बात बात पर समाज सुधारने की बात करते हैं। बहरहाल अब यह पुलिस के लिए जांच का विषय है कि वह कब तक लता के इस काले साम्राज्य पर लगाम लगाती है वरना युवा पीढ़ी बेरोजगारी के साथ साथ कर्ज की खाई में धंसते जायेगी।

Advertisement. Scroll to continue reading.

वाट्सएप ग्रुप में भी लिखते हैं ओपन-क्लोज
पुलिस लाख दावे कर ले, लेकिन सट्टा बाजार पर वह अंकुश लगाने में विफल रही है। पुलिस को ठेंगा दिखाते हुए शहर का 40 फीसदी से अधिक सट्टा मार्केट अब इंटरनेट के माध्यम से वॉट्सएप पर आ गया है। सट्टा रैकेट के सरगनाओं ने एजेंट्स के वॉट्सएप ग्रुप बनाकर नया जाल बिछा दिया है। जिसके बाद सट्टे के अड्डे पर आकर पर्चियां लगाने की जरुरत नहीं है सिर्फ एक मैसेज टाइप कर एजेंट्स को भेजा जाता है और उधर से ओके का मैसेज आते ही नंबर लग जाता है। नंबर खुलने पर अड्डे पर आकर पैमेंट ले जाओ नहीं तो 5 से 7 परसेंट पर कमीशन पर एजेंट पैमेंट लेकर आ जाता है। जिनके पास स्मार्ट फोन नहीं है वह साधारण मोबाइल से मैसेज के जरिए रैकेट से जुड़े हैं। न पुलिस का झंझट और न बार-बार सट्टा अड्डे पर जाने की टेंशन। शहर के 35 से 40 फीसदी इलाके में और पेशेवर ग्राहकों के बीच ही वॉट्सएप व मैसेजिंग सेवा के माध्यम से सट्टा खिलाया जा रहा है। जिस स्पीड से सट्टेबाज अपना क्षेत्र बढ़ा रहे हैं उससे लगता है कि आने वाले एक से दो सालों में पूरा सट्टा मार्केट इंटरनेट और ऐप के सहारे आ जाएगा। यहां खास बात यह है कि अच्छी गुडविल और पेशेवर सट्टा ग्राहक को ही एजेंट्स वॉट्सएप या मैसेज सर्विस से कनेक्ट कर रहे हैं। यदि कोई नया ग्राहक एजेंट्स की सेवा से जुडऩा चाहता है तो उसे पहले किसी गुडविल वाले ग्राहक का रिफरेंस नंबर देना पड़ता है। इसके बाद भी कुछ महीनों तक उसे 7 से 15 दिन की एडवांस मनी जमा करानी होगी।

सट्टे का अवैध काला कारोबार शहर की गलियों से निकलकर गांव व कस्बों की गलियों तक फैल चुका है. नौजवान व महिलाएं तथा बच्चे भी सट्टे के मकडज़ाल में फंसते चले जा रहे है. ईमानदार पुलिस अधीक्षक व प्रदेश सरकार की छवि भी धूमिल होती जा रही है. पुलिस चैकी प्रभारियों व बीट सिपाहियों का खुला संरक्षण सट्टे के काले कारोबारियों को मिलता देखा जा सकता है. संभ्रांत नागरिकों के अनुसार सट्टे के काले कारोबार के कुप्रभाव से घातक परिणाम निकल सकते हैं.जानकारों की माने तो बीस प्रतिशत के सीधे लाभ पर लौट फेर कर पांचवें दिन उक्त काले कारोबार मे लगा सारा धन सट्टे के काले कारोबारियों का हो जाना चाहिए, परन्तु अशिक्षित नौजवान व महिलाएं तथा बच्चे सट्टे की उक्त गणित को समझ नही पा रहे है, क्योंकि अशिक्षा, गरीबी व लालच के कारण कभी कभार उनके घर का चूल्हा तक नही जल पाता है. और तो और सट्टे में कंगाल हो चुके नवयुवक अपराधिक रास्तों पर निकल कर चोरी व राहजनी जैसा अपराधों में संलिप्त हो रहे बताए जा रहे है.

Advertisement. Scroll to continue reading.

शहर में व्यस्ततम चौराहों और कई मार्गों पर चाय की होटलों की आड़ में सट्टे का कारोबार फल फूल रहा है। चाय की थडिय़ों और उसके इर्द-गिर्द सटोरियों का जमावड़ा लगा रहता है। यह लोग बुकी के पास सट्टा बुक कराने के बाद चाय की होटलों पर खबर आने का इन्तजार करते दिखाई पड़ते है। इन दिनों सट्टे के काले कारोबार को संचालित करने के लिये काले धन का प्रयोग किया जा रहा है। राष्ट्रद्रोह की श्रेणी में आये इस काले कारोबार के लालच में गरीब परिवार भी गिरफ्त में आने लगा हैं।  पुलिस विभाग भी जान कर अंजान बना हुआ है। देखा जा रहा है कि सट्टे का काला कारोबार शहर के कुछ स्थानों से बढ़ते हुए दर्जनों चौराहों पर पहुंच चुका है और अपराधियों व पूंजीपतियों ने सट्टे के रूप में अपनी काली कमाई को इस व्यापार में निवेश के तौर पर लगाया हुआ है।

Akhilesh Dubey
[email protected]

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement