पीयूष बबेले-
व्यापम घोटाले की शानदार सफलता के बाद शिवराज सिंह चौहान सरकार ने व्यापम का रिमेक व्यापम 2 लॉन्च कर दिया है। मंत्री के कॉलेज से पर्चा लीक हो रहा है और नौजवानों के भविष्य पर बुलडोजर चल रहा है। व्यापम घोटाला फिर शुरू हो गया है।
सुरेश चिपलूनकर-
उधर आपके यूपी में भी आए दिन जमकर पेपर लीक हो रहे हैं… और इधर हमारे एमपी में तो पिछले बीस साल से “व्यापमं” नामक विराटतम घोटाला लगातार जारी है…
हजारों युवाओं का भविष्य बर्बाद हो चुका है… अरबों रूपए की रिश्वतों के लेनदेन हो चुके हैं… जांच के नाम पर अभी तक चालीस से अधिक महत्त्वपूर्ण गवाह मारे जा चुके हैं… परीक्षाओं में “कथित रूप से फेल” होने की वजह से युवाओं की कितनी आत्महत्याएं हुई हैं, इसकी कोई गिनती नहीं है…
लेकिन किसी को कोई परवाह नहीं है… क्योंकि भ्रष्टाचार, अनियमितता, मक्कारी, रिश्वतखोरी, अकर्मण्यता जैसी बातें अब पब्लिक डिस्कोर्स की बातें नहीं रहीं… सभी ने इसे स्वीकार कर लिया है.. और यह मान लिया है कि कांग्रेस के कालखंड में यह काण्ड होते थे, तो अब हमारे समय में भी ऐसा ही चलेगा…
बहरहाल… ऐसे फालतू विषयों को दरकिनार करते हुए, एमपी की जनता सस्ती शराब… शोभायात्राओं… कलश यात्राओं… शिप्रा को चुनरी ओढ़ाने… घर-घर झंडे लगाने के आव्हान… जैसे “अत्यधिक महत्त्वपूर्ण” कामों में व्यस्त है… कृपया व्यापम जैसे कुख्यात शब्दों से उसका ध्यान न बंटाएं…
और ये है यूपी का हाल…