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जिसको कोई नहीं पूछता, उसे नवभारत टाइम्स ढूंढता!

मुंबई : बिना किसी प्रतिद्वंद्वी अखबार के खुद को नंबर वन का टैग मारकर अखबार का प्रचार-प्रसार और महिमामण्डन करने वाले मुंबई का हिंदी अखबार “नवभारत टाइम्स” अपने वर्षगांठ पर कोई ढंग का अतिथि नहीं खोज पा रहा है। मजबूरन इस एनबीटी को मनीषा कोइराला, आयुष्मान खुराना और श्रद्धा कपूर जैसे आउटडेटेड लोगों को बुलाना पड़ रहा है। ये ऐसे लोग हैं जिनका न तो समाज के लिए और न ही फिल्मों में कोई खास योगदान रहा है। ऐसे लोगों को नभाटा सीएम फड़नविस के हाथों गुलदस्ता देकर अपनी सोच के स्तर को जगजाहिर कर रहा है। इसके चलते नभाटा मुंबई की हर जगह थू-थू हो रही है।

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मुंबई : बिना किसी प्रतिद्वंद्वी अखबार के खुद को नंबर वन का टैग मारकर अखबार का प्रचार-प्रसार और महिमामण्डन करने वाले मुंबई का हिंदी अखबार “नवभारत टाइम्स” अपने वर्षगांठ पर कोई ढंग का अतिथि नहीं खोज पा रहा है। मजबूरन इस एनबीटी को मनीषा कोइराला, आयुष्मान खुराना और श्रद्धा कपूर जैसे आउटडेटेड लोगों को बुलाना पड़ रहा है। ये ऐसे लोग हैं जिनका न तो समाज के लिए और न ही फिल्मों में कोई खास योगदान रहा है। ऐसे लोगों को नभाटा सीएम फड़नविस के हाथों गुलदस्ता देकर अपनी सोच के स्तर को जगजाहिर कर रहा है। इसके चलते नभाटा मुंबई की हर जगह थू-थू हो रही है।

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मीडिया के जानकार बताते हैं कि एनबीटी में कोई संपादकीय सोच नहीं होने से जूनियर लोगों का ही वर्चस्व है जबकि महिला राज का बादशाहत कायम है। इसके चलते एक-डेढ़ साल पहले भी एक महिला रिपोर्टर ने अखबार के संपादक के खिलाफ आजाद मैदान में शिकायत दर्ज करी थी, जिसमे संपादक की चूलें हिल गई थी। मजबूरी में रिपोर्टर को ही एनबीटी के एक पूर्व संपादक की सहमति से तड़ीपार कर दिया गया। एनबीटी की हालत न तो घर का है न घाट का। लोग नवभारत टाईम्स की कार्यप्रणाली पर चुटकी ले रहे हैं जबकि प्रबंधन दिल्ली में बैठकर कर तमाशा देख रहा है।

मुंबई से एक मीडियाकर्मी द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.

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