कोरोना आपदा के दौर में सैकड़ों पत्रकारों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ गया है। राजस्थान पत्रिका से निकाले गए वरिष्ठ पत्रकार शरद अस्थाना और जयप्रकाश ने हिन्दी में फैक्ट चेक वेबसाइट ‘द न्यूज पोस्टमार्टम’ शुरू कर दी है।
’न लेफ्ट न राइट, हम करेंगे फेक न्यूज से फाइट’ स्लोगन के साथ वरिष्ठ पत्रकार शरद अस्थाना ने अपनी न्यूज वेबसाइट द न्यूज पोस्टमार्टम शुरू की है।
इसके जरिए सोशल मीडिया और न्यूज चैनलों व अखबारों में आने वाली गलत खबरों का उन्होंने पोस्टमार्टम करना शुरू कर दिया। 24 जुलाई को लांचिंग के दिन ही उनकी टीम ने वाट्सऐप पर वायरल ऐसी पोस्ट का फेक्ट चेक किया, जिसकी तस्वीर को अमर उजाला ने उसी दिन अपने फ्रंट पेज पर छापा था।
यह पोस्ट 5 अगस्त को अयोध्या में होने वाले भूमिपूजन की तैयारी को लेकर थी।
अमर उजाला ने फ्रंट पेज पर सज रही राम नगरी कैचवर्ड के साथ फोटो छापी थी।
द न्यूज पोस्टमार्टम की पड़ताल में यह फोटो प्रयागराज की निकली थी।
इसी तरह टाइम्स नाउ चैनल ने भी अमिताभ बच्चन की फेक खबर चला दी थी। इसके अलावा और सोशल मीडिया पर भी अनगिनत फेक पोस्ट वायरल होती हैं, जिपर भरोसा करना मुश्किल होता है।
द न्यूज पोस्टमार्टम तकनीकी तरीकों से इन्हीं खबरों की सच्चाई पता कर लोगों के सामने ला रही है।
मुरादाबाद के पत्रकार जय प्रकाश भी शरद अस्थाना के साथ इस मुहिम में जुड़े हुए हैं।
कोविड 19 के दौर में मीडिया हाउसों को बहाना मिला तो कई पत्रकारों की नौकरी खा गए।
राजस्थान पत्रिका ने भी कुछ ऐसा ही शरद अस्थाना और जय प्रकाश के साथ किया था।
शरद अस्थाना को पत्रकारिता में 15 साल हो गए हैं। वह राजस्थान पत्रिका में नोएडा जोन के इंचार्ज थे। उन्होंने अमर उजाला, हिंदुस्तान, दैनिक जनवाणी, दैनिक भास्कर और दैनिक जागरण में कार्य किया है।
द न्यूज पोस्टमार्टम वेबसाइट में सीईओ का पद शरद अस्थाना ने संभाला है। उनकी योजना इसे रीजनल भाषाओं में भी शुरू करने की है।
जय प्रकाश राजस्थान पत्रिका में मुरादाबाद मंडल के प्रभारी थे। उनको मीडिया जगत में 14 साल का अनुभव है। वह ईटीवी और पी-7 चैनल में काम कर चुके हैं। जय प्रकाश इस वेबसाइट के संपादक है।