
Yashwant Singh-
आजकल हरिद्वार में हूँ। गंगा सबसे सुंदरतम रूप में इस वक्त यहीं होती हैं। गर्मियों में ऋषिकेश में यही रूप लय होता है। दिन भर घाट घाट घूमा। घाट घाट का पानी पिया। ग़ज़ब टहला। होटल लौट कर घंटे भर ‘ऊर्जा झपकी’ (power nap का हिंदी में बेहतर शब्द सुझाएँ) लेने के बाद फिर निकल पड़ा।
बस यूँ ही ये यात्रा है। जब कहीं कुछ नहीं रखा है तो पावन गंगा की ओर खिंचा चला जाता हूँ। यहाँ आकर हमेशा लगता है सही जगह आया हूँ।
पहली बार हरिद्वार अकेले आया और अब तक अकेले ही टहल रहा हूं. इसी कारण मन मुताबिक जी पा रहा. रोज एक बुजुर्ग साधु से मुलाकात करता हूं. उनको सुनना. उनकी दुनिया को समझना. ये मुझे अच्छा लगता है. सोचा कहानी आप तक भी पहुंचाया करूं.
देखें ये आज का वीडियो… haridwar mei ka ba
कुछ तस्वीरें-



