राजस्थान के चर्चित ips पंकज चौधरी के तबादला प्रकरण में प्रधान न्यायिक प्राधिकरण, नईदिल्ली ने आज दिनांक 05/08/22 को राजस्थान के मुख्य सचिव , प्रमुख सचिव गृह, प्रमुख सचिव कार्मिक, डीजीपी राजस्थान व राजकुमार गुप्ता IPS को नोटिस जारी किया है।
30 जून 2022 को राज्य सरकार ने पंकज चौधरी का तबादला कमांडेंट एसडीआरएफ़ से एसपी कम्यूनिटी पुलिसिंग किया था।
पंकज चौधरी राज्य सरकार के आदेश के ख़िलाफ़ कैट जयपुर बेंच गए। पंकज चौधरी के पक्ष में स्टे मिला। पर राज्य सरकार ने आदेश नहीं माना।
पुलिस मुख्यालय ने राज्य सरकार से निर्देश प्राप्त कर पंकज चौधरी को कैट के स्टे आदेश के बावजूद रीलिव कर दिया। इसके बाद पंकज चौधरी छुट्टी पर चले गए और राज्य सरकार की ग़लत मंशा को कोर्ट में चैलेंज कर दिया। एडीजीपी सुश्मित विश्वास पर ट्रांसफर में पैसे लेने के आरोप लगे पर अशोक गहलोत की सरकार ने एडीजीपी पर कार्रवाई की बजाय पंकज चौधरी का ही तबादला कर दिया।
स्टे को राज्य सरकार ने नहीं माना तो पंकज चौधरी हाईकोर्ट राजस्थान पहुँचे पर जस्टिस पंकज भंडारी और जस्टिस समीर जैन की डबल बेंच ने मैटर को नहीं सुनते हुए कैट, जयपुर बेंच वापस जाने को बोला और साथ ही साथ 50 हज़ार का जुर्माना भी लगा दिया।
न्याय ना होता देख पंकज चौधरी ने प्रधानपीठ, नईदिल्ली का पुनः दरवाज़ा खटखटाया। प्रधान पीठ से नोटिस जारी होने के बाद अब तबादला प्रकरण जयपुर कैट और माननीय राजस्थान हाईकोर्ट के परिधि से बाहर निकलकर नई दिल्ली पहुँच गया है।
पंकज चौधरी में प्रधान पीठ नईदिल्ली के पहले के आदेश की पूर्ण पालना नहीं करने पर राज्य सरकार के ख़िलाफ़ अवमानना दाखिल किया है। राज्य सरकार द्वारा पंकज चौधरी को बकाया एरीयर, इंक्रिमेंट व प्रमोशन दिया जाना पेंडिंग है।
इस प्रकरण से संबंधित कुछ अखबारी कतरनें देखें-