Connect with us

Hi, what are you looking for?

मध्य प्रदेश

डा. वैदिक इस अभियान के कारण एमपी की कमलनाथ सरकार के प्रशंसक बने!

डा. वैदिक

ज़हर के सौदागार हैं, ये लोग! मध्यप्रदेश की सरकार एक ऐसा काम कर रही है, जिसका अनुकरण देश की सभी सरकारों को करना चाहिए और केंद्रीय सरकार को इस मामले में विशेष पहल करनी चाहिए । मप्र में मुख्यमंत्री कमलनाथ की कांग्रेस सरकार जैसे-तैसे चल रही है लेकिन इस जैसी-तैसी सरकार ने मिलावटखोरों की ऐसी-तैसी कर दी है। पिछले डेढ़ दो हफ्तों से उसने विभिन्न शहरों, कस्बों और गांवों में छापे मारे हैं और दूध में मिलावट करने वाले कई व्यापारियों को पकड़ा है।

इन लोगों के कारखाने में कास्टिक सोडा, यूरिया आदि कई घातक पदार्थों की बोरियां पकड़ी गई हैं। इनके दूध की जांच करने पर पता चला है कि उसमें घातक बीमारियां पैदा करनेवाले रसायन मिले हुए हैं। ऊपर से देखने पर जो बिल्कुल दूध-जैसा ही लगता है, वह तरल पदार्थ धीमे जहर से कम नहीं है। आश्चर्य है कि इन जहर के सौदागरों की काली करतूत पर हमारे बड़े अखबारों और टीवी चैनलों ने खास ध्यान नहीं दिया। अभी तक ऐसे प्रच्छन्न हत्यारों के लिए जो सजा का कानून है, वह भी शुद्ध मजाक है।

सिर्फ 3 माह की सजा और 10 हजार रु. जुर्माना। जो हजारों रु. रोज कमाता है, उसे सरकारी खर्चे पर तीन माह की मौज करानेवाले कानून को एकदम कूड़े की टोकरी के हवाले किया जाना चाहिए। मप्र के मुख्यमंत्री कमलनाथ और लोक-स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट को बधाई कि उन्होंने इन मिलावटी हत्यारों को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत गिरफ्तार किया है। जाहिर है कि अब ये हत्यारे अपना जहरीला कारोबार बंद कर देंगे लेकिन यह गिरफ्तारी देश भर के उन हजारों मिलावटखोरों पर तभी असर करेगी जबकि इनमें से गंभीर अपराधियों को उम्र-कैद और मौत की सजा तक दी जाए और उनकी चल-अचल संपत्ति जब्त की जाए।

Advertisement. Scroll to continue reading.

यों इनकी न्यूनतम सजा 10 साल और हर्जाना 10 लाख रु. किया जाए। इस सजा का विज्ञापन भी जबर्दस्त होना चाहिए और सजा-ए-मौत जेल के अंदर नहीं, बल्कि सबसे व्यस्त शहर के सबसे व्यस्त चौराहे पर दी जानी चाहिए। मिलावटखोर साधारण हत्यारा नहीं होता, वह सामूहिक हत्यारा होता है। मप्र ने बच्चों के साथ बलात्कार करनेवालों के लिए मौत की सजा का कानून बना दिया है तो वह इन सामूहिक हत्यारों के लिए सख्त कानून बनाकर सारे देश का मार्गदर्शन क्यों नहीं करती?

लेखक डॉ. वेदप्रताप वैदिक देश के जाने-माने पत्रकार हैं.

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement