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मजीठिया : रिकवरी के केस लेबर कोर्ट भेजने की तैयारी, लापरवाह जागरण कर्मी होंगे एक्‍स पार्टी

नोएडा में चल रहे जागरण कर्मियों के रिकवरी केसों को उप श्रम कार्यालय लेबर कोर्ट भेजने की तैयारी कर रहा है। सहायक श्रम आयुक्‍त एनके शुक्‍ल के यहां करीब 12 केस हैं, जिनकी सुनवाई 25 जनवरी 2017 को दोपहर 12 बजे होनी है। इस बार 20 जनवरी को उनके पास पहुंचे जागरण कर्मियों को उन्‍होंने बताया था कि अगली सुनवाई में हम केसों को लेबर कोर्ट रेफर कर देंगे। वहीं, प्रबंधन ने डेट पर नहीं आने वाले कर्मियों का एक्‍स पार्टी बनाने की मांग की थी।

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नोएडा में चल रहे जागरण कर्मियों के रिकवरी केसों को उप श्रम कार्यालय लेबर कोर्ट भेजने की तैयारी कर रहा है। सहायक श्रम आयुक्‍त एनके शुक्‍ल के यहां करीब 12 केस हैं, जिनकी सुनवाई 25 जनवरी 2017 को दोपहर 12 बजे होनी है। इस बार 20 जनवरी को उनके पास पहुंचे जागरण कर्मियों को उन्‍होंने बताया था कि अगली सुनवाई में हम केसों को लेबर कोर्ट रेफर कर देंगे। वहीं, प्रबंधन ने डेट पर नहीं आने वाले कर्मियों का एक्‍स पार्टी बनाने की मांग की थी।

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यह पहली बार नहीं है, जब पूरे देश में म‍जीठिया आंदोलन के अगुआ बने जागरण कर्मियों की ऐसी लापरवाही सामने आ रही है। इनमें से दो नाम रचना वर्मा (केस नंबर 14/16) और केशव सुमन सिंह (केस नंबर 10/16) के भी शामिल हैं। इनके केस की पहली सुनवाई 18 अक्‍टूबर 2016 थी। तब से लेकर अब तक किसी भी सुनवाई में यह दोनों दिखाई नहीं दिए, ना ही इनकी तरफ इनका कोई लीगल प्रतिनिधि। ये भी जानकारी मिली है कि दोनों जागरण छोड़ कर अब कहीं और कार्य कर रहे हैं।

इससे पहले भी एक बार बताया जा चुका है कि क्‍लेम लगाने वालों में दो अन्‍य महिला सहकर्मी भी शामिल हैं। जिन्‍होंने सितंबर की शुरुआत में ही क्‍लेम लगा दिया था, परंतु उनकी फाइल कहां है या उसका डायरी नंबर क्‍या है उसका कहीं कुछ पता नहीं। चार महीने बीतने के बाद भी इन दोनों सहयोगियों ने डीएलसी में झांका तक नहीं। जबकि इन्‍हीं की एक सहयोगी ने इनके साथ ही उसी डेट में क्‍लेम लगाया था, उसकी तो कई डेट भी लग चुकी हैं।

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साथियों आपने एक बार केस कर दिया और उसके बाद किसी भी कारण से आप पीछे हटते हैं या एक्‍स पार्टी होते हैं तो इसका मतलब आप भी बेहतर समझते हैं। इसके बारे में ज्‍यादा बताना जरुरी नहीं है। इसलिए आपसे अनुरोध है कि जो भी साथी इनसे संपर्क में है उन्‍हें अगली सुनवाई के बारे में सूचित करें और सुनवाई में आने के लिए प्रेरित करें।

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(नोएडा से एक पत्रकार साथी से प्राप्‍त तथ्‍यों पर आधारित)

पूरे मामले को समझने के लिए इसे भी पढ़ें…

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